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आरजेडी की पहली प्रतिक्रिया CWC बैठक पर, बीजेपी ने किया चौंकाने वाला दावा

आरजेडी की पहली प्रतिक्रिया CWC बैठक पर, बीजेपी ने किया चौंकाने वाला दावा

CWC बैठक पर आरजेडी की प्रतिक्रिया और बिहार राजनीति में सियासी हलचल

पटना के सदाकत आश्रम में बुधवार (24 सितंबर, 2025) को हुई CWC बैठक के बाद आरजेडी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी। पार्टी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि कांग्रेस अपनी रणनीति के तहत कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक का आयोजन कर रही है, और इसका संदेश समझना हर राजनीतिक विश्लेषक का काम है। उन्होंने साफ कहा कि हर पार्टी को अधिकार है कि वह कहीं भी बैठक करे, लेकिन बिहार में सियासी समीकरणों पर इसका असर देखने योग्य होगा।

 

आरजेडी का महागठबंधन पर भरोसा

मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि अगर कांग्रेस बिहार में मजबूत होती है तो यह महागठबंधन के लिए लाभदायक होगा। उनका कहना था कि बिहार में सबसे मजबूत राजनीतिक पार्टी आरजेडी ही है और कांग्रेस महागठबंधन का अहम सहयोगी दल है। उन्होंने स्पष्ट किया कि तेजस्वी यादव महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरा हैं और उनके नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। आरजेडी का मानना है कि विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के सहयोग से ही बिहार में सरकार बनेगी।

 

तिवारी ने असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आरजेडी हैदराबाद में चुनाव नहीं लड़ती है और बिहार में उन दलों को रोकना है जो सांप्रदायिक ताकतों को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि महागठबंधन के साथ रहने वाले दल बिहार की जनता के हित में हैं, और ओवैसी जैसे नेता सिर्फ सियासी बयानबाजी कर रहे हैं।

 

BJP का दावा और अलग लड़ाई की संभावना

वहीं, CWC बैठक के आयोजन पर बीजेपी ने भी प्रतिक्रिया दी। विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने दावा किया कि कांग्रेस इस बैठक के जरिए आरजेडी पर सीटों को लेकर दबाव डालने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर स्थिति इसी तरह बनी रही, तो दोनों पार्टियां अलग-अलग विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। उनका कहना था कि अलग लड़ाई में दोनों दलों को अपनी सच्ची हैसियत का अंदाजा हो जाएगा।

 

बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि ओवैसी आरजेडी को बिहार में अपनी बी टीम के रूप में पेश कर रहे हैं। बीजेपी के अनुसार, ओवैसी की नजर बिहार के मुस्लिम वोटों पर है और वे आरजेडी से वोट छीनने की कोशिश कर रहे हैं। यह बयान बिहार राजनीति में और अधिक सियासी हलचल पैदा कर सकता है।

 

बिहार राजनीति में सियासी समीकरण

इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि बिहार की सियासत अभी भी गतिरोध और रणनीति के बीच गतिशील है। CWC बैठक और कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक से महागठबंधन के अंदर सहयोगी दलों के बीच तालमेल पर सवाल उठ सकते हैं। वहीं, बीजेपी और ओवैसी जैसे दल अलग रणनीति अपनाकर बिहार राजनीति में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।

 

आरजेडी ने अपने लचीले और स्पष्ट रुख से यह संकेत दिया है कि पार्टी महागठबंधन के साथ मजबूती से खड़ी है और चुनाव में तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री चेहरा रहेंगे। वहीं, बीजेपी और ओवैसी की बयानबाजी ने चुनावी रणनीति और सियासी समीकरणों को और पेचीदा बना दिया है।

 

यह भी पढ़ें - लैंड फॉर जॉब केस में लालू, राबड़ी और तेजस्वी यादव को कोर्ट हाजिर होने का आदेश, 13 अक्टूबर को होगा फैसला

 

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Frequently Asked Questions

 

Q1. CWC बैठक कब और कहाँ हुई थी?
Ans: CWC बैठक 24 सितंबर, 2025 को पटना के सदाकत आश्रम में हुई थी।

 

Q2. आरजेडी ने बैठक पर क्या प्रतिक्रिया दी?
Ans: आरजेडी ने कहा कि कांग्रेस बिहार में मजबूत होगी तो महागठबंधन को लाभ मिलेगा और तेजस्वी यादव महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरा रहेंगे।

 

Q3. बीजेपी ने CWC बैठक पर क्या दावा किया?
Ans: बीजेपी ने दावा किया कि कांग्रेस इस बैठक के जरिए आरजेडी पर सीटों को लेकर दबाव डाल रही है और दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ सकती हैं।

 

Q4. बिहार राजनीति में इस बैठक का क्या महत्व है?
Ans: यह बैठक महागठबंधन के अंदर सहयोगी दलों के तालमेल और आगामी विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति को प्रभावित कर सकती है।

 

Q5. ओवैसी और आरजेडी का क्या मतभेद सामने आया?
Ans: ओवैसी ने आरजेडी को बिहार में मुस्लिम वोटों की बी टीम बताया, जबकि आरजेडी ने कहा कि बिहार में उनकी पार्टी सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए काम कर रही है।

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