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आजम खान के बाद अब इरफान सोलंकी भी जेल से आएंगे बाहर

आजम खान के बाद अब इरफान सोलंकी भी जेल से आएंगे बाहर

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के जेल से रिहाई के बाद अब पूर्व विधायक और सपा नेता इरफान सोलंकी को भी इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है और सपा के लिए सकारात्मक माहौल बन गया है।

 

हाईकोर्ट का फैसला और जमानत प्रक्रिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी दोनों की जमानत मंजूर की है। अब सपा नेता का जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने गैंगस्टर मामले में जमानत याचिका स्वीकार की, जिसमें कानपुर नगर के जाजमऊ थाने में दर्ज एफआईआर शामिल थी।

 

इरफान सोलंकी वर्तमान में महराजगंज जिला कारागार में बंद हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 2 सितंबर को फैसला रिजर्व किया था। जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया।

 

परिवार और वकील की प्रतिक्रिया

इरफान सोलंकी की मां, खुर्शीद सोलंकी, ने जमानत मिलने के बाद अल्लाह का शुक्रिया अदा किया। वहीं उनके वकील शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि इरफान और उनके भाई रिजवान पहले ही सभी मामलों में जमानत प्राप्त कर चुके थे, लेकिन गैंगस्टर मामले में जमानत नहीं मिलने के कारण उनकी रिहाई नहीं हो पा रही थी। अब यह मामला भी सुलझ गया है।वकील ने यह भी बताया कि कोर्ट की प्रक्रिया और जेल से बाहर आने में दो से तीन दिन का समय लग सकता है।

 

पूरा मामला क्या था?

कानपुर के जाजमऊ इलाके की एक महिला ने आरोप लगाया था कि 22 नवंबर 2022 को इरफान सोलंकी और उनके गुर्गों ने उनकी झोपड़ी में आग लगा दी थी। पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि जमीन हड़पने के लिए रंगदारी मांगी गई और विरोध करने पर घर में आग लगा दी गई।

 

इस मामले में कानपुर की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी, इजराइल आटेवाला, शौकत पहलवान और शरीफ को सात साल की सजा सुनाई थी। इस सजा के कारण इरफान सोलंकी की सीसामऊ विधानसभा सीट पर विधायकी समाप्त हो गई थी।

 

उत्तर प्रदेश राजनीति पर असर

इरफान सोलंकी की जमानत से उत्तर प्रदेश राजनीति में सपा के समर्थन में नई ऊर्जा देखने को मिल सकती है। आजम खान की जेल से रिहाई के बाद यह कदम सपा के लिए और भी मजबूत साबित हो सकता है। इरफान सोलंकी की वापसी से पार्टी के संगठन और कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ेगा और आगामी चुनावी रणनीतियों पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

 

सपा नेता के जेल से बाहर आने के बाद उत्तर प्रदेश राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं, खासकर कानपुर और आसपास के क्षेत्रों में।जेल से रिहाई के बाद इरफान सोलंकी और आजम खान जैसी सपा की बड़ी शख्सियतें पार्टी के लिए नई ताकत साबित हो सकती हैं। उत्तर प्रदेश राजनीति में उनका सक्रिय होना पार्टी के चुनावी दृष्टिकोण को और मजबूती देगा।

 

यह भी पढ़ें - आजम खान की रिहाई: यूपी की सियासत में बड़ा बदलाव, अखिलेश यादव के साथ रिश्तों पर नजर

 

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Frequently Asked Questions

 

Q1. इरफान सोलंकी को जेल से क्यों रखा गया था?
Ans: इरफान सोलंकी को कानपुर के जाजमऊ इलाके में जमीन हड़पने और आग लगाने के आरोप में जेल भेजा गया था। इस मामले में उन्हें और उनके साथियों को सात साल की सजा सुनाई गई थी।

 

Q2. हाईकोर्ट ने किस मामले में इरफान सोलंकी को जमानत दी?
Ans: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर मामले में इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी की जमानत मंजूर की, जिससे जेल से उनकी रिहाई संभव हो गई।

 

Q3. क्या इरफान सोलंकी की रिहाई से उत्तर प्रदेश राजनीति पर असर पड़ेगा?
Ans: हाँ, इरफान सोलंकी की रिहाई से उत्तर प्रदेश राजनीति में सपा के लिए नई ताकत और उत्साह पैदा होगा। यह पार्टी की चुनावी रणनीतियों पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

 

Q4. आजम खान और इरफान सोलंकी के बीच क्या संबंध हैं?
Ans: दोनों समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। आजम खान की जेल से रिहाई के बाद इरफान सोलंकी की रिहाई सपा के लिए और मजबूत संकेत है। दोनों की सक्रियता से पार्टी का संगठन और कार्यकर्ता उत्साहित होंगे।

 

Q5. अब इरफान सोलंकी कितने दिनों में जेल से बाहर आ सकते हैं?
Ans: वकील के अनुसार, कोर्ट की प्रक्रिया और जेल से बाहर आने में दो से तीन दिन का समय लग सकता है।

 

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