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बरेली हिंसा: बरेली नगर निगम ने मौलाना तौकीर रजा का दफ्तर किया सील

बरेली हिंसा: बरेली नगर निगम ने मौलाना तौकीर रजा का दफ्तर किया सील

उत्तर प्रदेश के बरेली में हाल ही में हुई बरेली हिंसा के मद्देनजर बरेली नगर निगम ने एक अहम कार्रवाई की है। नगर निगम ने मौलाना तौकीर रजा की संस्था इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के दफ़्तर को सील कर दिया है। यह दफ्तर एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के अंदर स्थित था, जिसे नाले पर अवैध रूप से बनाया गया था। नगर निगम ने पहले इस शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को चिह्नित किया था, जिसके बाद यह कार्रवाई अमल में आई।

 

मौलाना तौकीर रजा पर एफआईआर और कार्रवाई

'आई लव मुहम्मद' अभियान के विरोध प्रदर्शनों के दौरान बरेली में हुई हिंसा के सिलसिले में मौलाना तौकीर रजा को आरोपी नंबर 1 बनाया गया है। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने समर्थकों से कहा, "आज शहर का माहौल बिगाड़ना है, चाहे पुलिस वालों की हत्या करनी पड़े, और मुसलमानों की ताक़त दिखानी है।"

 

इस घटना के बाद बरेली नगर निगम ने अवैध निर्माण और नाले पर अतिक्रमण के आधार पर मौलाना तौकीर रजा के दफ्तर को सील किया। यह कार्रवाई शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने और भविष्य में किसी भी तरह के हिंसक प्रदर्शनों को रोकने के लिए की गई है।

 

बरेली में कैसे भड़की हिंसा?

पिछले हफ्ते, बरेली में 'आई लव मुहम्मद' अभियान के समर्थन में आयोजित एक प्रोटेस्ट अचानक रद्द हो गया। इसके बाद बरेली हिंसा भड़क उठी। नमाज़ के बाद भारी भीड़ मौलाना तौकीर रजा के आवास और कोतवाली मस्जिद के बाहर जमा हो गई।

 

भीड़ ने पथराव और तोड़फोड़ शुरू कर दी, जो धीरे-धीरे दरगाह-ए-आला हज़रत और इस्लामिया मैदान तक फैल गई। वाहनों और दुकानों को नुकसान पहुंचा, कई पुलिसकर्मी घायल हुए और बाज़ार बंद करने पड़े।

 

पुलिस की कार्रवाई और एफआईआर

पुलिस ने अब तक बरेली हिंसा से जुड़े 11 एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें 2000 से अधिक लोगों के नाम शामिल हैं। करीब 40 लोगों को हिरासत में लिया गया है। मौलाना तौकीर रजा को पहले नज़रबंद किया गया और बाद में हिरासत में ले लिया गया।

 

पुलिस अधिकारी इस मामले में साज़िश का पता लगाने के लिए मौलाना तौकीर रजा और उनके साथियों के मोबाइल फ़ोन की जांच कर रहे हैं। यह जांच यह सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है कि हिंसा के पीछे कौन-कौन लोग थे और किस तरह से इसे फैलाया गया।

 

बरेली नगर निगम की भूमिका

इस पूरी घटना में बरेली नगर निगम ने कानून के मुताबिक कदम उठाया। नगर निगम ने नाले पर अवैध निर्माण के आधार पर IMC के दफ्तर को सील किया और बताया कि ऐसे अतिक्रमण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।नगर निगम की यह कार्रवाई न केवल बरेली हिंसा की जांच में मददगार है, बल्कि शहर में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण साबित होगी।

 

बरेली में 'आई लव मुहम्मद' अभियान के दौरान हुई हिंसा और उसके बाद बरेली नगर निगम द्वारा मौलाना तौकीर रजा के दफ्तर को सील करना इस बात का संकेत है कि प्रशासन किसी भी तरह की अवैध गतिविधियों और हिंसक प्रदर्शनों को बर्दाश्त नहीं करेगा। आगे भी प्रशासन शहर में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने को तैयार है।

 

यह भी पढ़ें - उत्तर प्रदेश कैबिनेट बैठक में 22 बड़े फैसले, यूपी में रोजगार, शिक्षा और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा

 

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Frequently Asked Questions

 

Q1. बरेली हिंसा के बाद कौन सी कार्रवाई की गई?
Ans. बरेली नगर निगम ने मौलाना तौकीर रजा के IMC दफ्तर को सील कर दिया, क्योंकि यह नाले पर अवैध रूप से बनाया गया था।

 

Q2. मौलाना तौकीर रजा पर क्या आरोप हैं?
Ans. एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि मौलाना तौकीर रजा ने अपने समर्थकों से शहर का माहौल बिगाड़ने और हिंसा फैलाने के लिए कहा था।

 

Q3. बरेली में हिंसा कैसे भड़की?
Ans. 'आई लव मुहम्मद' अभियान के समर्थन में आयोजित प्रोटेस्ट अचानक रद्द होने के बाद भारी भीड़ ने पथराव और तोड़फोड़ शुरू की, जिससे बरेली हिंसा भड़की।

 

Q4. पुलिस ने इस मामले में कितनी एफआईआर दर्ज की हैं और कितने लोग हिरासत में हैं?
Ans. पुलिस ने अब तक 11 एफआईआर दर्ज की हैं, जिसमें 2000 से अधिक लोगों के नाम शामिल हैं। करीब 40 लोग हिरासत में हैं।

 

Q5. बरेली नगर निगम की कार्रवाई का मकसद क्या था?
Ans. बरेली नगर निगम ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अवैध निर्माण पर कार्रवाई करते हुए मौलाना तौकीर रजा के दफ्तर को सील किया।

 

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