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IPS सुसाइड केस: मौत के 4 दिन बाद भी अब तक क्यों नहीं हुआ IPS पूरन का पोस्टमार्टम

IPS सुसाइड केस: मौत के 4 दिन बाद भी अब तक क्यों नहीं हुआ IPS पूरन का पोस्टमार्टम

हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के सुसाइड को चार दिन हो गए, लेकिन अभी तक अंतिम संस्कार नहीं हुआ है। मृतक अधिकारी के परिवारों ने न्याय मिलने तक अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है। परिवार का कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक वाई पूरन कुमार का न तो पोस्टमार्टम होगा और न ही अंतिम संस्कार


IPS पूरन सुसाइड केस ने राज्य सरकार और पुलिस विभाग दोनों को हिला कर रख दिया है। चंडीगढ़ पुलिस ने गुरुवार देर रात हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और 12 अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। FIR BNS की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3(1)(आर) एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज की गई। हरियाणा पुलिस की स्पेशल टीम सुसाइड नोट, डिजिटल रिकॉर्ड, कॉल डिटेल और CCTV फुटेज की जांच कर रही है।

 

IPS Purana investigation के लिए आईएएस पत्नी अमनीत पी. कुमार ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को एक विस्तृत पत्र सौंपा है, जिसमें उन्होंने अपने पति के साथ हुई प्रशासनिक और जातिगत प्रताड़ना को विस्तार से लिखा है। उन्होंने लिखा कि वाई पूरन कुमार एक 'ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और साहसी अधिकारी' थे, जिन्होंने समाज के कमजोर तबकों, खासकर अनुसूचित जाति समुदाय के लिए आवाज उठाई थी। IPS पूरन की पत्नी आईएएस अमनीत कुमार ने अपने पत्र में कहा कि उनके पति की मौत सिर्फ एक पारिवारिक त्रासदी नहीं बल्कि 'न्याय और शासन में विश्वास की परीक्षा' है।

 

आईएएस अमनीत पी. कुमार ने लिखा कि न्याय में देरी, न्याय नहीं मिलने के समान है। अमनीत का कहना है कि एफआईआर दर्ज होने में 48 घंटे से ज्यादा की देरी सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि जिन अधिकारियों पर नामजद आरोप थे, वो प्रभावशाली पदों पर बैठे हैं। IPS Purana investigation के लिए हरियाणा सिविल सर्विसेज ऑफिसर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर इस मामले में तेजी से कार्रवाई करने की मांग की है। पत्र में कहा गया कि आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार की शिकायत पर कार्रवाई शीघ्र और निष्पक्ष होनी चाहिए।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करे: The India Moves

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