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जयपुर SMS अस्पताल के ICU वार्ड में भीषण आग, कई मरीजों की मौत, 5 की हालत नाजुक

जयपुर SMS अस्पताल के ICU वार्ड में भीषण आग, कई मरीजों की मौत, 5 की हालत नाजुक

राजस्थान की राजधानी में रविवार देर रात जयपुर SMS अस्पताल में बड़ा हादसा हो गया। अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर की दूसरी मंजिल पर स्थित ICU वार्ड में आग लग गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई। इस SMS अस्पताल आग हादसे में अब तक करीब 8 मरीजों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई गंभीर मरीजों की हालत नाजुक बताई जा रही है। देर रात तक जयपुर फायर ब्रिगेड की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और सभी मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश की।

 

ICU वार्ड में शॉर्ट सर्किट से लगी आग, 24 मरीज थे भर्ती

 

जानकारी के मुताबिक जयपुर SMS अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि ICU वार्ड में आग शॉर्ट सर्किट से लगी थी। उस समय आईसीयू और सेमी-आईसीयू में कुल 24 मरीज भर्ती थे। यह जयपुर अस्पताल हादसा इतना भीषण था कि कुछ ही मिनटों में वार्ड जहरीले धुएं से भर गया। धुएं के कारण कई मरीजों की दम घुटने से मौत हो गई। डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने जैसे-तैसे मरीजों को बाहर निकाला। लेकिन कई कोमा में होने के कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका।

 

अस्पताल में अफरा-तफरी, तिमारदारों ने बेड सहित निकाले मरीज

 

जानकारी के मुताबिक SMS अस्पताल आग लगते ही मरीजों के परिजनों में चीख-पुकार मच गई। ट्रॉमा सेंटर के बाहर मौजूद तिमारदार अपने मरीजों को बेड सहित अस्पताल से बाहर निकालने लगे। इस जयपुर फायर हादसा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें सड़क पर बेड और ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ मरीज लेटे दिखाई दिए। जयपुर फायर ब्रिगेड और अस्पताल प्रशासन की टीम ने घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। सभी मरीजों को सुरक्षित अन्य वार्डों में शिफ्ट किया गया।

 

डॉक्टर बोले – धुएं से घुटन के कारण नहीं बच सके मरीज

 

जयपुर SMS अस्पताल के ट्रॉमा प्रभारी डॉ. धाकड़ ने बताया कि ICU वार्ड में आग लगते ही वार्ड में जहरीली गैसें फैल गईं। ज्यादातर मरीज गंभीर या कोमा में थे, जिससे उन्हें बाहर निकालना मुश्किल हो गया। छह मरीजों की मौके पर मौत हो गई, जबकि दो ने बाद में दम तोड़ा। यह अस्पताल में आग से मौत की दर्दनाक घटना पूरे शहर को हिला गई है। पांच मरीजों की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज जारी है।

 

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मंत्री मौके पर पहुंचे

 

जानकारी के मुताबिक जयपुर अस्पताल हादसा की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और चिकित्सा मंत्री जवाहर सिंह बेधम देर रात ही SMS अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों से रिपोर्ट ली और घायलों से मुलाकात की। सीएम ने कहा, “यह अत्यंत दुखद घटना है, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” मुख्यमंत्री ने अस्पताल में आग से मौत के शिकार मरीजों के परिजनों के लिए ₹5-5 लाख मुआवजे की घोषणा की है और घायलों का इलाज मुफ्त कराने के निर्देश दिए हैं।

 

 

जयपुर SMS अस्पताल के ICU वार्ड में भीषण आग, कई मरीजों की मौत, 5 की हालत नाजुक

जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार की ओर से आदेश जारी करते हुए कहा गया है कि ने घटना में जांच के लिए एक समिति बनाई गई है. समिति की अध्यक्षता चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त इकबाल खान करेंगे. जानकारी के अनुसार यह समिति आग के कारणों, अस्पताल प्रबंधन की प्रतिक्रिया, ट्रॉमा सेंटर और एसएमएस अस्पताल में अग्निशमन व्यवस्था, आग लगने की स्थिति में मरीजों की सुरक्षा और निकासी और भविष्य में ऐसी आग की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अस्पताल को सुरक्षित रखने के उपायों की जाँच करेगी और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.

 

जयपुर फायर ब्रिगेड और पुलिस ने किया रेस्क्यू ऑपरेशन

 

जयपुर फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और दमकलकर्मियों ने बहादुरी से आग पर काबू पाया। जयपुर फायर हादसा में पुलिसकर्मियों ने भी जान जोखिम में डालकर मरीजों को बचाया। कांस्टेबल वेदवीर, हरि मोहन और ललित ने 10 से ज्यादा मरीजों को बाहर निकाला। तीनों जवानों को सांस की तकलीफ के चलते SMS अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है।

 

पुलिस और FSL कर रही जांच, सुरक्षा सिस्टम पर उठे सवाल

 

जयपुर SMS अस्पताल हादसे के बाद अब सुरक्षा और फायर सिस्टम की जांच शुरू कर दी गई है। जयपुर फायर हादसा के कारणों की जांच के लिए FSL टीम मौके पर पहुंची है। शुरुआती जांच में ICU वार्ड में शॉर्ट सर्किट को आग की वजह बताया गया है, लेकिन अंतिम रिपोर्ट FSL की जांच के बाद ही आएगी।
इस SMS अस्पताल आग हादसे ने सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

मृतकों में सीकर, भरतपुर और सांगानेर के मरीज शामिल

 

अस्पताल में आग से मौत के शिकार मरीजों की पहचान सीकर के पिंटू, आंधी के दिलीप, भरतपुर के श्रीनाथ, रुक्मणि, खुशमा और सांगानेर के बहादुर के रूप में हुई है। इनमें दो महिलाएं और चार पुरुष शामिल हैं। जयपुर अस्पताल हादसा के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवारों ने SMS अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं कि आईसीयू में कोई फायर उपकरण या सेफ्टी सिस्टम नहीं था।

 

जयपुर फायर हादसा: पूरे शहर में शोक की लहर

 

यह जयपुर SMS अस्पताल में अब तक की सबसे भयावह घटना बताई जा रही है। लोगों में SMS अस्पताल आग को लेकर गुस्सा और दुख दोनों है। प्रशासन ने पूरे अस्पताल के फायर सेफ्टी सिस्टम की दोबारा जांच शुरू कर दी है ताकि आगे ऐसी त्रासदी दोबारा न हो। यह जयपुर फायर हादसा न केवल एक तकनीकी चूक बल्कि मानवीय संवेदना की बड़ी चेतावनी भी बन गया है।

 

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