रेलवे कर्मचारियों की हड़ताल के बीच दर्दनाक हादसा, ट्रेन की टक्कर से कई यात्रियों की मौत
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Anjali
- November 7, 2025
मुंबई में गुरुवार शाम उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब रेलवे कर्मचारियों की हड़ताल के बीच एक बड़ा ट्रेन हादसा हो गया। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) रेलवे स्टेशन के पास सैंडहर्स्ट रोड के नजदीक यह दर्दनाक रेल दुर्घटना हुई। स्थानीय ट्रेन सेवाएं ठप होने के कारण कई यात्री ट्रैक पर पैदल आगे बढ़ रहे थे, तभी एक लोकल ट्रेन ने उन्हें टक्कर मार दी। इस ट्रेन की टक्कर में करीब तीन यात्रियों की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल है। यह रेलवे हड़ताल के बीच हादसा इतना भयावह था कि स्टेशन परिसर में मौजूद लोगों में दहशत फैल गई।
जानकारी के मुताबिक, गुरुवार शाम करीब 5.50 बजे से 6.45 बजे तक रेलवे कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सीएसएमटी स्टेशन पर काम पूरी तरह ठप रहा। यह विरोध प्रदर्शन मुम्ब्रा हादसे में दो इंजीनियरों पर दर्ज एफआईआर के खिलाफ किया गया था। इस दौरान ट्रैफिक रुकने से लोकल ट्रेनें बंद हो गईं और यात्रियों की भीड़ स्टेशन पर फंसी रही। ऐसे में कई यात्रियों ने पैदल ट्रैक पर चलना शुरू कर दिया, और तभी यह ट्रेन हादसा हो गया। सैंडहर्स्ट रोड स्टेशन के पास हुई इस दर्दनाक रेल दुर्घटना में मौके पर चीख-पुकार मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, ट्रेन चालक को यात्रियों के ट्रैक पर होने की भनक तक नहीं लगी और तेज रफ्तार में हुई ट्रेन की टक्कर से चार लोग बुरी तरह घायल हो गए। यह पूरा रेलवे हड़ताल के बीच हादसा कुछ ही मिनटों में मौत का मंजर बन गया।
मुम्ब्रा हादसे को लेकर चल रहे विरोध के बीच रेलवे कर्मचारियों की हड़ताल ने मुंबई की लोकल सेवाओं को ठप कर दिया। रेलवे यूनियनों नेशनल रेलवे मजदूर यूनियन और सेंट्रल रेलवे मजदूर यूनियन ने एफआईआर को अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने दो इंजीनियरों पर जो केस दर्ज किया है, वह एकतरफा कार्रवाई है। कर्मचारियों के विरोध के कारण हजारों यात्री स्टेशनों पर फंसे रहे, और इसी बीच यह ट्रेन हादसा हुआ। गुस्से में भरे यात्रियों ने कहा कि यह दर्दनाक रेल दुर्घटना पूरी तरह से प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम है। ट्रेन की टक्कर में मारे गए यात्री उस वक्त ट्रैक पर चलने को मजबूर थे जब किसी को नहीं पता था कि ट्रेनें कब चलेंगी। यह रेलवे हड़ताल के बीच हादसा मुंबई लोकल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
जानकारी के मुताबिक, मुम्ब्रा हादसे की जांच रिपोर्ट में पाया गया था कि जिस ट्रैक पर जून में दुर्घटना हुई थी, उसमें चार दिन पहले मरम्मत का काम हुआ था लेकिन ट्रैक को सही से वेल्ड नहीं किया गया था। इसी लापरवाही के कारण ट्रेन हादसा हुआ और पांच लोगों की मौत हो गई थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर दो इंजीनियरों पर केस दर्ज हुआ, जिसके खिलाफ अब रेलवे कर्मचारियों की हड़ताल शुरू हुई। लेकिन विरोध के इसी बीच एक और ट्रेन हादसा हो गया, जिसने सबको झकझोर दिया। सैंडहर्स्ट रोड के पास हुई यह दर्दनाक रेल दुर्घटना इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि यह सीधे हड़ताल से जुड़ी परिस्थितियों के दौरान हुई। ट्रेन चालक के सामने आए चार यात्री, जिन्हें बचाने का कोई मौका नहीं मिल सका, और इस ट्रेन की टक्कर ने चार परिवारों को तबाह कर दिया। यह दुर्भाग्यपूर्ण रेलवे हड़ताल के बीच हादसा अब सरकार के लिए भी चुनौती बन गया है।
इस रेलवे कर्मचारियों की हड़ताल का असर मुंबई के लोकल ट्रैफिक पर भी पड़ा। मध्य रेलवे मुख्यालय के बाहर यूनियनों का धरना जारी रहा, जिससे उपनगरीय ट्रैफिक पूरी तरह प्रभावित हुआ। हार्बर और मेन लाइनों पर मोटरमैनों के शामिल होने से लोकल सेवाएं करीब एक घंटे रुकी रहीं। इस बीच जब यात्रियों ने इंतजार छोड़कर पैदल ट्रैक पर चलना शुरू किया, तो यह ट्रेन हादसा घटित हो गया। मौके पर पहुंची रेलवे पुलिस ने बताया कि यह दर्दनाक रेल दुर्घटना पूरी तरह हड़ताल के दौरान फैली अव्यवस्था का नतीजा है। ट्रेन की टक्कर के तुरंत बाद घायलों को जेजे अस्पताल ले जाया गया जहां तीन की हालत गंभीर बनी हुई है। यह रेलवे हड़ताल के बीच हादसा हर उस यात्री के लिए चेतावनी है जो ऐसे वक्त ट्रैक पर उतरने को मजबूर हो जाता है।
यात्रियों के संगठनों ने भी रेलवे कर्मचारियों की हड़ताल पर सवाल उठाए हैं। यात्री संघ के अध्यक्ष सुभाष गुप्ता ने कहा कि हर बार कर्मचारी संगठन अपने विरोध में यात्रियों को बंधक बना लेते हैं। इस बार भी यही हुआ, और नतीजा हुआ एक भयावह ट्रेन हादसा। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन और यूनियन दोनों मिलकर समाधान निकालते, तो यह दर्दनाक रेल दुर्घटना टाली जा सकती थी। ट्रेन की टक्कर में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिजनों ने न्याय की मांग की है। अब यह रेलवे हड़ताल के बीच हादसा न सिर्फ रेलवे प्रशासन बल्कि यूनियनों की संवेदनशीलता पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।
जानकारी के मुताबिक, रेलवे प्रशासन की ओर से मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ. स्वप्निल नीला ने बयान जारी करते हुए कहा कि रेलवे कर्मचारियों की हड़ताल अब खत्म हो चुकी है और ट्रेनों का संचालन सामान्य हो गया है। उन्होंने बताया कि प्रशासन यूनियनों से बातचीत कर रहा है और इंजीनियरों पर दर्ज एफआईआर की समीक्षा की जा रही है। लेकिन इस ट्रेन हादसे ने जो जानें ली हैं, वो लौटाई नहीं जा सकतीं। यह दर्दनाक रेल दुर्घटना मुंबई लोकल की सुरक्षा व्यवस्था के लिए चेतावनी है। जिस तरह से ट्रेन की टक्कर से चार लोग बुरी तरह घायल हुए, उसने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है। अब यह रेलवे हड़ताल के बीच हादसा रेलवे सुरक्षा और जिम्मेदारी दोनों पर गंभीर सवाल छोड़ गया है।
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