मद्रास हाईकोर्ट ने खारिज की संपत कुमार की याचिका, महेंद्र सिंह धोनी के मानहानि केस में जारी रहेगी सुनवाई
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Shweta
- November 7, 2025
आईपीएल सट्टेबाजी मामले से जुड़ा विवाद
साल 2013 के आईपीएल सट्टेबाजी कांड के बाद एक बार फिर मद्रास हाईकोर्ट और पूर्व आईपीएस अधिकारी संपत कुमार सुर्खियों में हैं। दरअसल, कोर्ट ने संपत कुमार की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी द्वारा दर्ज किए गए 100 करोड़ रुपये के मानहानि मामले में गवाही दर्ज करने के आदेश को चुनौती दी थी। यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ था जब एक टीवी बहस के दौरान संपत कुमार ने कहा था कि चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी सट्टेबाजी मामले से जुड़े हैं।
धोनी ने किया मानहानि का दावा दाखिल
इन आरोपों को अपनी प्रतिष्ठा के खिलाफ मानते हुए महेंद्र सिंह धोनी ने 2014 में मद्रास हाईकोर्ट में संपत कुमार के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि दावा दायर किया था। धोनी ने साफ कहा था कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं और उनकी छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से लगाए गए हैं। वहीं, अगस्त 2025 में अदालत ने धोनी की गवाही दर्ज करने के लिए एक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की थी।
संपत कुमार ने कोर्ट में उठाया सवाल
संपत कुमार ने इस आदेश के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में अपील करते हुए कहा कि महेंद्र सिंह धोनी को खुद अदालत में पेश होकर बयान देना चाहिए। उनके वकील ने दलील दी कि जब मुख्यमंत्री और अन्य प्रमुख लोग कोर्ट में पेश हो सकते हैं, तो धोनी को भी अदालत आकर गवाही देनी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महेंद्र सिंह धोनी शुरुआत से ही अदालत की कार्यवाही से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
अदालत ने धोनी की सुरक्षा का दिया हवाला
इस दलील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एस.एम. सुब्रमण्यम और जस्टिस मोहम्मद शफीक की पीठ ने कहा कि महेंद्र सिंह धोनी एक राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेटर हैं और उनकी अदालत में मौजूदगी से सुरक्षा और व्यवस्था संबंधी चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं। अदालत ने कहा कि एडवोकेट कमिश्नर के माध्यम से गवाही दर्ज करना एक सामान्य प्रक्रिया है, जिससे मामले में देरी नहीं होगी।
गवाही के दौरान मौजूद रह सकेंगे संपत कुमार और वकील
मद्रास हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जब एडवोकेट कमिश्नर महेंद्र सिंह धोनी की गवाही दर्ज करेंगे, उस दौरान संपत कुमार या उनके वकील भी उपस्थित रह सकते हैं। अदालत ने कहा कि इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और दोनों पक्षों के अधिकार सुरक्षित रहेंगे।
अदालत का अंतिम फैसला
पीठ ने यह माना कि एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है और इसमें कोई अनियमितता नहीं पाई गई। इसलिए मद्रास हाईकोर्ट ने संपत कुमार की अपील को खारिज करते हुए महेंद्र सिंह धोनी की गवाही दर्ज कराने के आदेश को बरकरार रखा। इससे अब यह साफ हो गया है कि चेन्नई सुपर किंग्स के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का मानहानि मामला आगे बढ़ेगा।
इस फैसले के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि कानून सभी के लिए समान है, चाहे वह आम नागरिक हो या क्रिकेट स्टार। महेंद्र सिंह धोनी, संपत कुमार और चेन्नई सुपर किंग्स से जुड़ा यह मामला अब न्यायिक प्रक्रिया के अगले चरण में पहुंच चुका है और आने वाले दिनों में इसकी सुनवाई पर सभी की नजरें रहेंगी।
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