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फर्जी बैंक गारंटी घोटाले में ED ने अमर नाथ दत्ता को किया गिरफ्तार

फर्जी बैंक गारंटी घोटाले में ED ने अमर नाथ दत्ता को किया गिरफ्तार

फर्जी बैंक गारंटी घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई तेज हो गई है। गुरुवार को ईडी ने इस घोटाले में तीसरी गिरफ्तारी की है। जानकारी के मुताबिक, जांच एजेंसी ने आरोपी अमर नाथ दत्ता को गिरफ्तार किया, जिन्हें दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने ईडी जांच के लिए उन्हें 10 नवंबर तक चार दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है। यह गिरफ्तारी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत की गई है।

 

जानकारी के मुताबिक, यह फर्जी बैंक गारंटी घोटाला रिलायंस पावर लिमिटेड की सहायक कंपनी रिलायंस एनयू बीईएसएस लिमिटेड से जुड़ा बताया जा रहा है, जो अनिल अंबानी के समूह से संबंधित है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस कंपनी ने सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) को करीब 768 करोड़ रुपये से अधिक की जाली बैंक गारंटी, फर्जी समर्थन पत्र और गलत एसएफएमएस (Structure Financial Messaging System) पुष्टिकरण जमा कराए थे। इस ईडी जांच में सामने आया है कि इन जाली दस्तावेजों की वजह से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी SECI को 100 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ है।

 

प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के अनुसार, यह फर्जी बैंक गारंटी घोटाला टेंडर प्रक्रिया को प्रभावित करने और सरकारी उपक्रमों को गुमराह करने के लिए रचा गया था। इस पूरे मामले में अब तक तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें प्रमुख शिकायत दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में SECI द्वारा दर्ज की गई थी। SECI, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अधीन एक प्रमुख सार्वजनिक उपक्रम है, जो देशभर में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के टेंडर जारी करता है।

 

जानकारी के मुताबिक, ईडी जांच में यह भी सामने आया है कि रिलायंस की सहायक कंपनी ने बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) के टेंडर में फर्जी दस्तावेज जमा कर बोली जीतने की कोशिश की थी। एजेंसी ने खुलासा किया कि इस फर्जी बैंक गारंटी घोटाले में अपराधियों ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के नाम से नकली डोमेन बनाकर जाली समर्थन पत्र भेजे। इससे SECI को यह भ्रम हुआ कि बैंक गारंटी असली है। आगे की जांच में पाया गया कि यह जाली डोमेन एक ही गिरोह द्वारा संचालित थे, जो कमीशन के बदले नकली गारंटी जारी करते थे।

 

इस प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई से पहले ईडी ने अगस्त 2025 में ओडिशा की कंपनी बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड के एमडी पार्थ सारथी बिस्वाल को भी गिरफ्तार किया था। उन पर 8 प्रतिशत कमीशन लेकर फर्जी बैंक गारंटी जारी करने का आरोप है। इसके अलावा, 11 अक्टूबर को ईडी ने रिलायंस पावर के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) अशोक कुमार पाल को भी गिरफ्तार किया था, जिन्हें एजेंसी ने इस पूरे घोटाले का “मुख्य साजिशकर्ता” बताया है।

 

अनिल अंबानी से जुड़ी इस ईडी जांच में अब तक तीन अहम गिरफ्तारियां हो चुकी हैं , पार्थ सारथी बिस्वाल, अशोक कुमार पाल और अब अमर नाथ दत्ता। एजेंसी का कहना है कि यह नेटवर्क बड़े पैमाने पर फर्जी बैंक गारंटी तैयार कर टेंडर प्रक्रिया में धोखाधड़ी करता था। माना जा रहा है कि इस फर्जी बैंक गारंटी घोटाले से कई कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया और सरकारी संस्थानों को भारी नुकसान हुआ।

 

प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई फिलहाल जारी है, और ईडी जांच टीम अब इस बात की पड़ताल कर रही है कि इस पूरे नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल था। एजेंसी जल्द ही इस फर्जी बैंक गारंटी घोटाले से जुड़ी कई और गिरफ्तारियां कर सकती है।

 

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