देश की छवि खराब हो रही है और आप...आवारा कुत्तों के मामले पर राज्यों पर क्यों भड़का सुप्रीम कोर्ट?
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Anjali
- October 27, 2025
आवारा कुत्ते मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि अगस्त से अब तक दो महीने बीत चुके हैं, लेकिन कई राज्यों ने अब तक जवाब दाखिल नहीं किया है। कोर्ट ने कहा कि बच्चों पर आवारा कुत्तों का मुद्दा लगातार बढ़ रहा है और यह देश की छवि को विदेशों में खराब कर रहा है। इसी को लेकर राज्यों पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार खबरों में छाई हुई है।
राज्यों से जवाब ना मिलने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज
आवारा कुत्ते मामला सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि केवल पश्चिम बंगाल और तेलंगाना ने हलफनामा दाखिल किया है, जबकि बाकी राज्यों की ओर से कोई जवाब नहीं आया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, दो महीने हो गए हैं और अब तक आपने जवाब दाखिल नहीं किया। विश्व स्तर पर देश की छवि खराब हो रही है। आवारा कुत्तों का मुद्दा बढ़ते देख कोर्ट ने तीन नवंबर को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब किया है। यही वजह है कि राज्यों पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार अब चर्चा में है।
देशभर में बढ़ते हमलों पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
जानकारी के मुताबिक, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन वी अंजारिया की बेंच ने कहा कि अगस्त के बाद से देशभर में आवारा कुत्तों का मुद्दा गंभीर रूप ले चुका है। कोर्ट ने कहा कि बच्चों पर हमले के कई मामले सामने आए हैं, पुणे, भंडारा और अन्य जगहों पर हाल की घटनाएं इसका उदाहरण हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसी घटनाएं "देश की छवि खराब कर रही हैं" और राज्यों की निष्क्रियता अस्वीकार्य है। इस सख्त रुख के बाद एक बार फिर राज्यों पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार चर्चा में आ गई है।
कोर्ट ने याद दिलाया 22 अगस्त का आदेश
22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्ते मामला में दिल्ली-एनसीआर से आगे बढ़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पक्षकार बनाया था। कोर्ट ने आदेश दिया था कि आवारा कुत्तों का मुद्दा सुलझाने के लिए सभी राज्य Animal Birth Control (ABC) Rules का पालन करें। कोर्ट ने कहा था कि सभी कुत्तों को स्टेरिलाइज़ और वैक्सीनेट करने के बाद उन्हें उसी इलाके में छोड़ा जाए। लेकिन जब राज्यों ने अनुपालन रिपोर्ट दाखिल नहीं की, तो अब राज्यों पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार तेज हो गई है।
"बात नहीं मानी तो सख्त कार्रवाई..."
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार की सुनवाई में स्पष्ट कहा कि अगर राज्यों ने आदेशों का पालन नहीं किया तो जुर्माना और सख्त कार्रवाई की जाएगी। जस्टिस नाथ ने कहा, आप लोग सोशल मीडिया और अखबार देखते हैं, लेकिन कोर्ट का आदेश नहीं देखते। यह मजाक नहीं है। लोग परेशान हैं। जानकारी के मुताबिक, आवारा कुत्ते मामला में कोर्ट ने कहा कि 3 नवंबर को सभी चीफ सेक्रेटरी को कोर्ट में मौजूद रहना होगा। यह आदेश इस बात का संकेत है कि राज्यों पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार केवल शब्दों में नहीं, बल्कि सख्त एक्शन में बदल सकती है।
केवल तीन राज्यों ने दाखिल किया हलफनामा
सुनवाई में सामने आया कि अब तक केवल तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और एमसीडी (दिल्ली) ने अपना हलफनामा दाखिल किया है। बाकी राज्यों ने आवारा कुत्ते मामला पर कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी। कोर्ट ने कहा कि यह आवारा कुत्तों का मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर गंभीर हो चुका है और सरकारों को इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस लापरवाही पर फिर से राज्यों पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार दर्ज की गई और सभी से अगले सोमवार को रिपोर्ट पेश करने को कहा गया।
"विदेशों में देश की इमेज खराब हो रही है" — सुप्रीम कोर्ट
आवारा कुत्तों का मुद्दा सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसी घटनाएं भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंचा रही हैं। जानकारी के मुताबिक, कोर्ट ने कहा, हम भी न्यूज़ रिपोर्ट्स पढ़ रहे हैं। लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं और लोग परेशान हैं। यह टिप्पणी इस बात की ओर इशारा करती है कि आवारा कुत्ते मामला अब सिर्फ स्थानीय समस्या नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय चिंता बन चुका है। यही कारण है कि राज्यों पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार लगातार सुर्खियों में है।
कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों का मुद्दा देखते हुए आदेश जारी किए और अब इसे पूरे देश में विस्तारित कर दिया है। अब सुप्रीम कोर्ट चाहता है कि हर राज्य Animal Birth Control (ABC) नियमों को लागू करे और ठोस रिपोर्ट दाखिल करे, ताकि आगे किसी बच्चे या नागरिक पर हमला न हो। इस पूरे घटनाक्रम में राज्यों पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार केंद्र बिंदु बन गई है।
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