
महाराष्ट्र सरकार की कार योजना, मंत्रियों को मिली लग्जरी कार की छूट
-
Renuka
- September 19, 2025
महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) एक बार फिर महाराष्ट्र सरकार कार योजना (Maharashtra Government Car Scheme) को लेकर चर्चा में आ गई है । बता दें कि हाल ही में महायुति सरकार कार निर्णय (Mahayuti Government Car Decision) के तहत राज्य सरकार (Maharashtra Government) ने मंत्रियों और उच्च अधिकारियों को उनकी पसंद की कार खरीदने की छूट दी है। इस निर्णय ने जहां एक ओर सरकार (Maharashtra Government) के “अपनों को खुश” करने वाले रुख को उजागर किया है। वहीं दूसरी ओर विपक्ष और जनता की तीखी आलोचना भी झेलनी पड़ रही है।
नई वाहन खरीद नीति लागू
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने सरकारी अधिकारियों के लिए नई वाहन खरीद नीति लागू कर दी है । वित्त विभाग की ओर से जारी शासनादेश के अनुसार- राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के लिए अब वाहन खरीद पर किसी तरह की कीमत सीमा नहीं होगी। कहा जा रहा है कि अब मंत्रियों को 30 लाख रुपए तक की कार खरीदने की अनुमति दे दी गई है। इससे पहले यह सीमा अधिकतम 25 लाख रुपए थी। यह महायुति सरकार कार निर्णय (Mahayuti Government Car Decision) केवल मंत्रियों तक सीमित नहीं है।
किसे मिलेगी कितनी महंगी कार ?
जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) के नए आदेशों के अनुसार निम्नलिखित में देख सकते है कि किसको कितनी महंगी कार मिल सकती है-
मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, राज्यपाल, लोकायुक्त- कोई मूल्य सीमा नहीं।
कैबिनेट मंत्री, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, मुख्य सचिव आदि- अब 30 लाख ।
महाधिवक्ता, राज्य चुनाव आयुक्त, अपर मुख्य सचिव आदि- अब 25 लाख ।
विभाग प्रमुख, पुलिस महानिरीक्षक, वन संरक्षक आदि- अब 17 लाख ।
कलेक्टर, जिला पुलिस प्रमुख, न्यायाधीश आदि- अब 15 लाख ।
अन्य विभागीय अधिकारी- अब 12 लाख ।
बताया जा कहा है कि इसके अलावा यदि कोई मंत्री या अधिकारी इलेक्ट्रिक वाहन लेना चाहता है, तो उसे मूल्य सीमा से 20% अधिक तक की छूट मिलेगी। यह सभी खर्च वाहन, जीएसटी, पंजीकरण आदि महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) द्वारा वहन किया जाएगा ।
Read Also: Top 10 Politician of India: Lessons to Learn from Famous Political Leaders of India
सीएम देवेंद्र फडणवीस की भूमिका
वहीं इस निर्णय के दौरान सीएम देवेंद्र फडणवीस (CM Devendra Fadnavis) ने सीधे तौर पर कोई बयान नहीं दिया, लेकिन विपक्ष ने उन्हें भी इस फैसले का जिम्मेदार ठहराया है। विपक्ष का कहना है कि- महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) जनता की गाढ़ी कमाई को अपने मंत्रियों की सुख-सुविधाओं पर खर्च कर रही है। वहीं सत्ता पक्ष इसे एक "जरूरी अद्यतन" बता रहा है जो "कार्य कुशलता और क्षेत्रीय दौरे" के लिहाज से जरूरी है। यह पहला मौका नहीं है जब महाराष्ट्र राजनीति (Maharashtra Politics) में इस तरह का निर्णय सवालों के घेरे में आया हो। लेकिन इस बार चुनाव से कुछ ही समय पहले लिया गया यह महायुति सरकार कार निर्णय (Mahayuti Government Car Decision), राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील बन गया है।
ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves
महत्वपूर्ण खबर
Categories
- देश (2163)
- अपराध (150)
- मनोरंजन (355)
- शहर और राज्य (339)
- दुनिया (889)
- खेल (390)
- धर्म - कर्म (659)
- व्यवसाय (185)
- राजनीति (570)
- हेल्थ (191)
- महिला जगत (56)
- राजस्थान (505)
- हरियाणा (62)
- मध्य प्रदेश (61)
- उत्तर प्रदेश (237)
- दिल्ली (269)
- महाराष्ट्र (178)
- बिहार (203)
- टेक्नोलॉजी (193)
- न्यूज़ (82)
- मौसम (110)
- शिक्षा (117)
- नुस्खे (85)
- राशिफल (385)
- वीडियो (1052)
- पंजाब (37)
- ट्रैवल (19)
- अन्य (58)
- जम्मू कश्मीर (86)
- उत्तराखंड (16)
- तेलंगाना (1)
- छत्तीसगढ (7)
- गुजरात (8)
- हिमाचल प्रदेश (1)
- पश्चिम बंगाल (9)
- असम (1)
- केरल (1)
- झारखंड (2)
- ओडिशा (0)
- त्योहार (20)
Vote / Poll
क्या राजस्थान मे बेरोजगारी का मुद्दा खत्म हो चुका है ..