
India-Afghanistan Relations: तालिबान और पाकिस्तान के साथ एक मंच पर आया भारत, अमेरिका को दी कड़ी चुनौती
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Shweta
- October 8, 2025
अफगानिस्तान को लेकर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। India Afghanistan Relations के नए स्वरूप ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। पहली बार भारत तालिबान, रूस, चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के साथ अमेरिका के खिलाफ एक साझा मंच पर दिखाई दिया है। यह कदम भारत की अफगान नीति में ऐतिहासिक परिवर्तन माना जा रहा है।
ट्रंप की मांग का भारत सहित कई देशों ने किया विरोध
रूस की राजधानी मॉस्को में आयोजित “मॉस्को फॉर्मेट कंसल्टेशन ऑन अफगानिस्तान” की सातवीं बैठक में भारत, रूस, चीन, पाकिस्तान, ईरान और मध्य एशियाई देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि अफगानिस्तान या उसके पड़ोसी देशों में किसी भी बाहरी देश की सैन्य तैनाती अस्वीकार्य है। यह बयान सीधे तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के जवाब में था, जिसमें उन्होंने बगराम एयरबेस को अमेरिका को वापस सौंपने की मांग की थी।भारत के इस रुख से साफ है कि India Afghanistan Relations अब सिर्फ विकास सहयोग तक सीमित नहीं हैं, बल्कि भारत अब क्षेत्रीय स्थिरता के मुद्दों पर भी मुखर भूमिका निभा रहा है।
ट्रंप बनाम तालिबान: बयानबाजी तेज
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि तालिबान को बगराम एयरबेस अमेरिका को लौटाना चाहिए, क्योंकि वह बेस अमेरिका ने बनाया था। ब्रिटिश प्रधानमंत्री के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अफगानिस्तान ने बेस नहीं लौटाया तो “इसके गंभीर परिणाम होंगे।” इसके जवाब में तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि अफगानिस्तान किसी भी कीमत पर अपनी भूमि नहीं छोड़ेगा चाहे इसके लिए 20 साल और क्यों न लड़ना पड़े।इस पूरे घटनाक्रम ने India Afghanistan Relations के लिए एक नया कूटनीतिक अध्याय खोला है, जिसमें भारत अब एक स्वतंत्र और संतुलित रुख अपनाता दिखाई दे रहा है।
भारत का कड़ा संदेश
मॉस्को बैठक में भारत ने साफ कहा कि अफगानिस्तान की स्थिरता किसी भी विदेशी सैन्य दबाव या हस्तक्षेप से प्रभावित नहीं होनी चाहिए। भारतीय प्रतिनिधि ने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय शांति का सम्मान किया जाना चाहिए। यह बयान न केवल Indo Pak Relations के संदर्भ में अहम है, बल्कि दक्षिण एशिया में भारत की रणनीतिक प्राथमिकताओं को भी दर्शाता है।भारत का यह कड़ा रुख बताता है कि अब वह अफगान संकट में अमेरिका के प्रभाव से दूर रहकर, क्षेत्रीय देशों के साथ मिलकर नीति निर्धारण करना चाहता है।
मुत्ताकी की भारत यात्रा और नई दिशा
अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी 9 से 16 अक्टूबर तक भारत यात्रा पर रहेंगे। यह उनकी पहली आधिकारिक भारत यात्रा होगी। वे संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में शामिल हैं, लेकिन भारत ने उन्हें विशेष मंजूरी दी है। यह कदम Indo Pak Relations और अफगान नीति में भारत की नई कूटनीतिक सोच का संकेत देता है।
बगराम एयरबेस का रणनीतिक महत्व
काबुल से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित बगराम एयरबेस एशिया का सबसे बड़ा और रणनीतिक हवाई अड्डा माना जाता है। यह 2001 से 2021 तक अमेरिकी सेना का प्रमुख ठिकाना रहा, जहां से आतंकवाद विरोधी अभियानों का संचालन होता था। इसके दो रनवे क्रमशः 3.6 और 3 किलोमीटर लंबे हैं। भौगोलिक दृष्टि से यह स्थान मध्य, पश्चिम और दक्षिण एशिया के संगम पर स्थित है, जो इसे अत्यंत महत्वपूर्ण बनाता है।
अब जब भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान जैसे देश अमेरिका की वापसी का विरोध कर रहे हैं, तो यह Indo Pak Relations और India Afghanistan Relations दोनों के लिए नई भू-राजनीतिक दिशा तय करेगा।
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Frequently Asked Questions
Q1.भारत ने मॉस्को फॉर्मेट बैठक में क्या कदम उठाया?
Ans. भारत ने तालिबान, रूस, चीन और पाकिस्तान के साथ मिलकर अमेरिका की बगराम एयरबेस वापस लेने की मांग का विरोध किया और अफगानिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय शांति का समर्थन किया।
Q2. बगराम एयरबेस का महत्व क्या है?
Ans. बगराम एयरबेस काबुल के पास स्थित है और 2001-2021 तक अमेरिकी सेना का प्रमुख ठिकाना था। यह एशिया के रणनीतिक केंद्र पर स्थित है और आतंकवाद विरोधी अभियानों का मुख्य आधार रहा।
Q3. भारत की नई अफगान नीति का क्या मतलब है?
Ans. भारत अब India Afghanistan Relations में अमेरिका के प्रभाव से दूर रहकर क्षेत्रीय देशों के साथ तालमेल बढ़ा रहा है। यह कदम ऐतिहासिक बदलाव और कूटनीतिक स्वतंत्रता को दर्शाता है।
Q4. Indo Pak Relations पर इसका क्या असर पड़ेगा?
Ans. भारत का यह रुख दिखाता है कि अब Indo Pak Relations भी अफगान नीति के हिस्से के रूप में क्षेत्रीय संतुलन और सुरक्षा मुद्दों में अहम भूमिका निभाएगा।
Q5. अफगान विदेश मंत्री की भारत यात्रा क्यों अहम है?
Ans. अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी 9-16 अक्टूबर भारत की यात्रा पर रहेंगे। यह भारत के साथ India Afghanistan Relations को मजबूत करने और क्षेत्रीय शांति पर बातचीत का अवसर है।
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