Dark Mode
  • day 00 month 0000
करवा चौथ पर छलनी से चाँद की पूजा क्यों करते हैं? जानें इससे जुड़ी कथा

करवा चौथ पर छलनी से चाँद की पूजा क्यों करते हैं? जानें इससे जुड़ी कथा

Karwa Chauth 2025 का त्योहार सभी सुहागन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। भारत में करवा चौथ का त्योहार विवाहित महिलाओं के लिए सबसे पवित्र व्रतों में से एक माना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए दिनभर निर्जला उपवास रखती हैं। शाम को जब चाँद निकलता है, तो वे छलनी से चाँद को देखती हैं और फिर अपने पति का मुख देखकर व्रत खोलती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि चाँद को छलनी से ही क्यों देखा जाता है?

 

करवा चौथ पर छलनी से चाँद देखने का कारण

करवा चौथ पर छलनी से चाँद की पूजा क्यों करते हैं? जानें इससे जुड़ी कथा

छलनी से चाँद देखने की परंपरा के पीछे धार्मिक और प्रतीकात्मक दोनों ही कारण हैं। महिलाएं दिन भर निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को सोलह श्रृंगार कर पूजा की तैयारी करती हैं। पूजा की थाली में दीपक, मिठाई, करवा (जल का पात्र) और छलनी सजाकर चाँद निकलने का इन्तजार करती हैं। हिंदू धर्म में चंद्रमा को सौंदर्य, शीतलता और प्रेम का प्रतीक माना गया है। करवा चौथ के दिन व्रत करने के बाद अगर चंद्रमा की पूजा की जाती है, तो इससे व्रत करने वाली महिला और उनके परिवार को मन की शांति मिलती है।

करवा चौथ पर छलनी से चाँद की पूजा क्यों करते हैं? जानें इससे जुड़ी कथा

जब महिलाएं करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा छलनी एक माध्यम है जो बुराइयों को छानकर अच्छाई को ग्रहण करने का संकेत देती है। छलनी में हजारों छेद होते हैं, मान्यता है कि चंद्रमा के दर्शन करने से छेदों की संख्या में जितने प्रतिबिंब दिखाई देते हैं, पति की आयु भी उतनी बढ़ जाती है।


करवा चौथ की कथा

करवा चौथ पर छलनी से चाँद की पूजा क्यों करते हैं? जानें इससे जुड़ी कथा

करवा चौथ की कथा में ‘वीरावती’ नाम की एक रानी का उल्लेख मिलता है। कहा जाता है कि वीरावती ने करवा चौथ का व्रत रखा था, लेकिन दिनभर भूख-प्यास से बेहोश हो गई। उसके भाइयों ने छलनी और दीपक से झूठा चाँद दिखाया और कहा कि अब तुम अर्घ्य देकर अपना व्रत पूरा कर सकती हो। इसके बाद वीरवती ने उस झूठे चांद को देखकर अपना व्रत खोल लिया। इसके परिणामस्वरूप उसके पति की मृत्यु हो गई। वीरावती ने फिर कठोर तपस्या की और माता पार्वती की कृपा से अपने पति को पुनर्जीवित किया। उसी घटना के बाद से यह परंपरा चली कि वास्तविक चाँद के दर्शन के बाद ही व्रत खोला जाए, और छलनी उस घटना की याद का प्रतीक बन गई।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करे: The India Moves

Comment / Reply From

Vote / Poll

क्या राजस्थान मे बेरोजगारी का मुद्दा खत्म हो चुका है ..

View Results
Yes
11%
No
89%

Talk to us?