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आजम खान अखिलेश यादव से मिलने उनके आवास पर पहुंच गए,जानें क्या हुई दोनों के बीच बातचीत

आजम खान अखिलेश यादव से मिलने उनके आवास पर पहुंच गए,जानें क्या हुई दोनों के बीच बातचीत

लखनऊ की सियासी फिजा एक बार फिर गर्म हो गई है, क्योंकि आज़म खान शुक्रवार को अखिलेश यादव से मिलने उनके लखनऊ स्थित आवास पहुंचे। दोनों समाजवादी पार्टी नेताओं के बीच यह बैठक करीब 30 मिनट तक चली, जिसे यूपी की सियासी हलचल के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने प्रदेश की मौजूदा यूपी राजनीति और आने वाले चुनावों को लेकर रणनीति पर चर्चा की। बताया जा रहा है कि बैठक में संगठन को मजबूत करने और मुस्लिम वोट बैंक को एकजुट रखने के मुद्दे पर भी बात हुई।

 

अखिलेश-आज़म मुलाकात को लेकर समाजवादी पार्टी के भीतर हलचल तेज है। लंबे समय से पार्टी से दूरी बनाकर चल रहे आज़म खान अब एक बार फिर अखिलेश यादव के साथ तालमेल की कोशिश में दिखे। अखिलेश यादव के आवास पर हुई यह आज़म खान अखिलेश बैठक राजनीतिक रूप से कई संकेत छोड़ गई है। पार्टी कार्यकर्ता इसे “सपा परिवार की एकजुटता” की दिशा में बड़ा कदम बता रहे हैं।

 

जानकारी के मुताबिक, आज़म खान ने मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि वे अपने परिवार पर हुए अन्याय और अपने दर्द को साझा करने आए थे। उन्होंने कहा, “इतना जुल्म सहने के बाद भी जिंदा हूं।” हालांकि, जब पत्रकारों ने पूछा कि अखिलेश यादव से क्या बातचीत हुई, तो आज़म खान ने जवाब देने से इंकार कर दिया। इससे यह साफ झलकता है कि मुलाकात में कुछ अहम राजनीतिक मुद्दों पर गुप्त चर्चा हुई है, जिसे फिलहाल सामने नहीं लाया गया है।

 

जेल से रिहा होने के बाद यह अखिलेश-आज़म मुलाकात दूसरी बार हुई है। कुछ दिन पहले अखिलेश यादव रामपुर जाकर आज़म खान से मिले थे। उस समय भी यह कहा गया था कि दोनों के बीच सियासी रणनीति को लेकर लंबी बातचीत हुई थी। अब लखनऊ में हुई मुलाकात ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि समाजवादी पार्टी आने वाले वक्त में आज़म खान को सक्रिय राजनीति में वापस लाने की तैयारी कर रही है।

 

इससे पहले गुरुवार को भी आज़म खान ने कई नेताओं से मुलाकात की थी। अखिलेश यादव के आवास पहुंचने से एक दिन पहले वे होटल में सपा के पूर्व विधायक अभिषेक मिश्रा और मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह अंसारी से मिले थे। लगातार हो रही इन मुलाकातों ने यूपी राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि आज़म खान की इन मुलाकातों से पार्टी में किसी बड़े फेरबदल या नई रणनीति की शुरुआत हो सकती है।

 

जानकारी के मुताबिक, आज़म खान से बिहार चुनाव में प्रचार न करने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि “बिहार में जंगलराज है, और वहां जाने के लिए जो सुरक्षा चाहिए, वो मेरे पास नहीं है।” इसी दौरान उन्होंने तेजस्वी यादव के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा, “उन्हें मुझसे सबक लेना चाहिए, क्यों बेवजह नफरत की दुकान सजाना।” इस बयान से साफ झलकता है कि आज़म खान न केवल अपनी पार्टी बल्कि विपक्ष की राजनीति पर भी पैनी नजर रखे हुए हैं।

 

सूत्रों के अनुसार, यह आज़म खान अखिलेश बैठक संगठनात्मक एकजुटता और पार्टी की भावी रणनीति तय करने के लिए की गई थी। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं ने प्रदेश में मुसलमानों की एकता और बीजेपी के खिलाफ सशक्त विपक्षी भूमिका पर भी बात की। मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने कोई बयान नहीं दिया, लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में आज़म खान को फिर से अहम भूमिका मिल सकती है।

 

फिलहाल लखनऊ में हुई इस मुलाकात ने समाजवादी पार्टी के भीतर नई सियासी हलचल शुरू कर दी है। एक ओर अखिलेश यादव 2027 के यूपी चुनाव की तैयारी में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर आज़म खान जैसे वरिष्ठ नेताओं की वापसी पार्टी के लिए ताकत बढ़ाने का संकेत मानी जा रही है। इस मुलाकात के बाद अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अखिलेश यादव के आवास पर हुई इस अखिलेश-आज़म मुलाकात से समाजवादी पार्टी की रणनीति में क्या नया मोड़ आता है।

 

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