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कार्तिक पूर्णिमा पर मिर्जापुर के चुनार में भीषण हादसा,ट्रेन की चपेट में आकर कई श्रद्धालुओं की मौत

कार्तिक पूर्णिमा पर मिर्जापुर के चुनार में भीषण हादसा,ट्रेन की चपेट में आकर कई श्रद्धालुओं की मौत

उत्तर प्रदेश में आज सुबह हुए हादसे से लोगों में मातम छा गया। मिर्जापुर चुनार ट्रेन हादसा में कई श्रद्धालुओं की जान चली गई। यह चुनार रेलवे स्टेशन दुर्घटना बुधवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे उस वक्त हुई, जब गंगा स्नान के लिए जा रहे श्रद्धालु रेलवे लाइन पार कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक, चोपन-प्रयागराज पैसेंजर ट्रेन से उतरते समय श्रद्धालु गलत दिशा में उतर गए और तभी विपरीत दिशा से तेज रफ्तार कालका एक्सप्रेस आ गई, जिसने कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई और मिर्जापुर चुनार ट्रेन हादसा की खबर सुनते ही प्रशासन हरकत में आ गया।

 

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा हादसा इतना भीषण था कि शवों के चीथड़े ट्रैक पर बिखर गए। सभी श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान के लिए जा रहे थे। चुनार रेलवे स्टेशन दुर्घटना के समय स्टेशन पर भारी भीड़ थी और श्रद्धालुओं ने जल्दबाजी में फुट ओवर ब्रिज की जगह सीधे रेलवे लाइन पार करने की कोशिश की। तभी कालका एक्सप्रेस वहां से गुजरी और 7 से 8 लोगों की मौके पर मौत हो गई। इस मिर्जापुर चुनार ट्रेन हादसा ने पूरे जिले को झकझोर दिया है।

 

जानकारी के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा हादसा में मारे गए श्रद्धालु दक्षिणांचल क्षेत्र से आए थे और गंगा घाट की ओर जा रहे थे। चोपन से आने वाली पैसेंजर ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर चार पर रुकी थी, लेकिन श्रद्धालु गलत दिशा में उतरकर ट्रैक पार करने लगे। उसी समय कालका एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर तीन से तेज रफ्तार में गुजरी और इन श्रद्धालुओं को टक्कर मार दी। मिर्जापुर चुनार ट्रेन हादसा के बाद पूरे चुनार स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया। मौके पर जीआरपी, आरपीएफ और रेलवे अधिकारी तुरंत पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया।

 

चुनार रेलवे स्टेशन दुर्घटना में घायल लोगों को तत्काल नजदीकी अस्पताल भेजा गया है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, इस कार्तिक पूर्णिमा हादसा में अब तक करीब 7 से 8 श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कुछ गंभीर रूप से घायल हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, कालका एक्सप्रेस का उस स्टेशन पर कोई स्टॉपेज नहीं था, जिसके चलते ट्रेन बहुत तेज रफ्तार में थी। इस मिर्जापुर चुनार ट्रेन हादसा में मारे गए अधिकांश श्रद्धालु वाराणसी और आस-पास के जिलों के बताए जा रहे हैं।

 

जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्तिक पूर्णिमा हादसा पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि घायलों को तुरंत बेहतर इलाज दिया जाए और मृतकों के परिवारों को हर संभव सहायता मिले। सीएम योगी ने कहा कि मिर्जापुर चुनार ट्रेन हादसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी विस्तृत जांच कराई जाएगी। चुनार रेलवे स्टेशन दुर्घटना के बाद प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे प्लेटफॉर्म या फुट ओवर ब्रिज का ही इस्तेमाल करें और सुरक्षा नियमों का पालन करें।

 

सुबह लगभग 9:30 बजे हुए इस कार्तिक पूर्णिमा हादसा में ट्रेन की टक्कर इतनी तेज थी कि कई श्रद्धालुओं की पहचान करना भी मुश्किल हो गया। मौके पर मौजूद रेलवे कर्मियों ने बताया कि जब चोपन-प्रयागराज पैसेंजर ट्रेन से श्रद्धालु उतर रहे थे, उसी समय सामने से कालका एक्सप्रेस की जोरदार रफ्तार में एंट्री हुई और देखते ही देखते यह मिर्जापुर चुनार ट्रेन हादसा हो गया। स्टेशन पर मौजूद पुलिस और राहत दलों ने घायलों को उठाकर अस्पताल भेजा और शवों के अवशेषों को समेटने का कार्य शुरू किया। यह चुनार रेलवे स्टेशन दुर्घटना प्रदेश के हाल के सबसे दर्दनाक रेल हादसों में से एक मानी जा रही है।

 

जानकारी के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि मिर्जापुर चुनार ट्रेन हादसा में मारे गए श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कुछ गंभीर रूप से घायल हैं। रेलवे ने जांच के आदेश दे दिए हैं और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यात्रियों ने प्लेटफॉर्म की बजाय ट्रैक से पार क्यों किया। कार्तिक पूर्णिमा हादसा ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा और यात्रियों की जागरूकता कितनी जरूरी है। चुनार रेलवे स्टेशन दुर्घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने सभी स्टेशनों पर सतर्कता बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं।

 

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