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एड गुरु पीयूष पांडे का निधन, 'अच्छे दिन आने वाले हैं' और कई हिट विज्ञापन कैंपेन से जुड़े थे - विज्ञापन जगत में शोक

एड गुरु पीयूष पांडे का निधन, 'अच्छे दिन आने वाले हैं' और कई हिट विज्ञापन कैंपेन से जुड़े थे - विज्ञापन जगत में शोक

इंडियन एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री में शोक की लहर है। एड गुरु पीयूष पांडे का गुरुवार को निधन हो गया। वह पीयूष पांडे के नाम से विख्यात थे और चार दशकों से ज्यादा समय तक ओगिल्वी इंडिया के साथ काम करते हुए भारतीय विज्ञापन जगत को हमेशा के लिए बदल गए। उनके योगदान को देखते हुए विज्ञापन जगत में गहरा दुख और शोक है।

 

पीयूष पांडे – विज्ञापन जगत का क्रिएटिव जीनियस

 

एड गुरु पीयूष पांडे का जन्म 1955 में जयपुर में हुआ था। उन्होंने 1982 में ओगिल्वी इंडिया से अपने करियर की शुरुआत की और अंग्रेज़ी प्रभुत्व वाले विज्ञापन उद्योग में नए आयाम स्थापित किए। उनके हाथों के हिट विज्ञापन कैंपेन जैसे फेविकोल, हच, एशियन पेंट्स ‘हर खुशी में रंग लाए’, कैडबरी ‘कुछ खास है’, और Vodafone पग ने भारतीय विज्ञापन की दिशा ही बदल दी। उनकी रचनात्मकता और दूरदर्शिता के कारण पीयूष पांडे लगातार ओगिल्वी इंडिया को 12 साल तक नंबर 1 एजेंसी की पोजिशन पर बनाए रखने में सफल रहे।

 

सोशल मीडिया पर शोक और श्रद्धांजलि

 

विज्ञापन जगत में पीयूष पांडे निधन की खबर के बाद कई मशहूर हस्तियों ने शोक व्यक्त किया। बिजनेसमैन सोहेल सेठ ने कहा, "मेरे सबसे प्यारे दोस्त पीयूष पांडे जैसे जीनियस के जाने से मैं टूट गया हूँ। भारत ने केवल एक महान विज्ञापन क्रिएटिव को नहीं, बल्कि एक सच्चे देशभक्त को खो दिया। अब स्वर्ग में ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ पर डांस होगा।" फिल्ममेकर हंसल मेहता ने कहा, "फेविकोल का जोड़ टूट गया। एड वर्ल्ड ने अपना ग्लू खो दिया। पीयूष पांडे, आप अच्छे से जाएं।"

 

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने लिखा, "पीयूष पांडे ने विज्ञापन जगत को नई पहचान दी और हमेशा याद रहने वाली कहानियां दीं। उनकी क्रिएटिव जीनियस ने भारतीय ब्रांडिंग को एक नया स्वरूप दिया। उनके जाने से जो खालीपन आया है, उसे भरना मुश्किल होगा।"

 

हिट विज्ञापन और देशभक्ति के संदेश

 

एड गुरु पीयूष पांडे सिर्फ विज्ञापन क्रिएटिव नहीं थे, बल्कि एक देशभक्त और कहानी कहने वाले मास्टर थे। उन्होंने 1988 में देशभक्ति गीत 'मिले सुर मेरा तुम्हारा' लिखा और इसे राष्ट्रीय एकता अभियान का हिस्सा बनाया। इसके अलावा, उन्होंने अबकी बार मोदी सरकार जैसे राजनीतिक अभियान, अमिताभ बच्चन के साथ पोलियो अभियान और मद्रास कैफे जैसी फिल्मों में भी काम किया। उनके हिट विज्ञापन कैंपेन ने न केवल ब्रांडों को ऊंचाई दी, बल्कि भारतीय विज्ञापन इंडस्ट्री को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई।

 

एड गुरु के योगदान और पुरस्कार

 

पीयूष पांडे को उनके अद्वितीय योगदान के लिए पद्म श्री (2016) और एलआईए लीजेंड पुरस्कार (2024) से सम्मानित किया गया। उन्होंने भारतीय विज्ञापन पर स्वदेशी प्रभाव डाला और ब्रांडिंग के तरीके को हमेशा के लिए बदल दिया। पीयूष पांडे के जाने से विज्ञापन जगत में एक बड़ा खालीपन आया है। उनके पीछे छोड़ गए हिट विज्ञापन कैंपेन और रचनात्मक सोच हमेशा याद रखी जाएगी।

 

विज्ञापन जगत में शोक

 

विज्ञापन इंडस्ट्री के लोग और उनके चाहने वाले अब एड गुरु पीयूष पांडे के योगदान और यादों को सम्मानित कर रहे हैं। उनके निधन से विज्ञापन जगत में शोक की लहर है। उनके हिट विज्ञापन कैंपेन और मिले सुर मेरा तुम्हारा जैसी रचनाएँ हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगी।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करे: The India Moves

 

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