
दिशा पाटनी के घर फायरिंग केस में 2 आरोपी गाजियाबाद एनकाउंटर में ढेर,4 पुलिसकर्मी भी घायल
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Anjali
- September 18, 2025
बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी फायरिंग केस में बड़ी कार्रवाई हुई है। यूपी एसटीएफ ने बुधवार शाम गाजियाबाद में एक ताबड़तोड़ एनकाउंटर में दो बदमाशों को मार गिराया। दोनों आरोपी हरियाणा के रहने वाले थे। इनके नाम रविंद्र उर्फ कल्लू और अरुण बताए गए हैं। एसटीएफ के मुताबिक ये दोनों रोहित गोदारा और गोल्डी बरार गैंग के सक्रिय सदस्य थे।
इस दिशा पाटनी घर फायरिंग मामले की शुरुआत 12 सितंबर को बरेली जिले से हुई थी, जब फिल्म अभिनेत्री के घर पर अज्ञात बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी की। इस वारदात के बाद पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मामले का संज्ञान लिया और तत्काल खुलासे के निर्देश दिए।
जानकारी के मुताबिक यूपी एसटीएफ ने बताया कि दोनों बदमाशों की तलाश में बरेली पुलिस के साथ-साथ नोएडा और हरियाणा की एसटीएफ की टीम लगी हुई थी। 2,500 से ज्यादा CCTV फुटेज खंगाले गए और आसपास के राज्यों के अपराधियों के रिकॉर्ड से मिलान किया गया। इसके बाद आरोपियों की पहचान हुई और सूचना मिली कि रविंद्र उर्फ कल्लू और अरुण बरेली के पास आने वाले हैं।
गाजियाबाद में थाना ट्रोनिका सिटी इलाके में संयुक्त गाजियाबाद एनकाउंटर के दौरान पुलिस ने आरोपियों को घेरने की कोशिश की। इस दौरान दोनों बदमाशों ने पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में एसटीएफ और दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने भी फायरिंग की। मुठभेड़ करीब 15 मिनट तक चली।इस एनकाउंटर में दोनों बदमाश गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया। इस मुठभेड़ में चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए, जिनकी पहचान रोहित तोमर, कैलाश, अंकुर सिंह और जय कुमार के रूप में हुई है।
पुलिस ने मौके से एक ग्लॉक पिस्टल, एक ज़िगाना पिस्टल, कई जिंदा कारतूस और एक सफेद अपाचे बाइक बरामद की। दिशा पाटनी फायरिंग केस में यह बाइक और हथियार उसी वारदात में इस्तेमाल हुए थे। जिगाना पिस्टल की खासियत है कि यह कभी फंसती नहीं और 15-17 राउंड फायर कर सकती है। इसे भारत में बैन होने के बावजूद गैंगस्टर्स की पहली पसंद माना जाता है।
एसटीएफ ने बताया कि रविंद्र उर्फ कल्लू और अरुण ने पहले भी कई आपराधिक घटनाओं में भाग लिया था। रविंद्र के खिलाफ हरियाणा के विभिन्न थानों में 9 केस दर्ज हैं। इनमें फतेहाबाद में पुलिस एस्कॉर्ट गार्ड पर हमला और जेल से कैदी छुड़ाने की कोशिश जैसे गंभीर मामले शामिल हैं। अरुण का आपराधिक रिकॉर्ड भी पुलिस अब जुटा रही है।
दिशा पाटनी घर फायरिंग में बदमाशों का मकसद दिशा पाटनी और उनकी बहन खुशबू पाटनी को डराना था। पुलिस के मुताबिक, यह घटना सोशल मीडिया पर दी गई धमकियों से जुड़ी हुई थी। बरेली पुलिस और अन्य एजेंसियों ने आरोपियों तक पहुंचने के लिए मुखबिरों और सीसीटीवी फुटेज का इस्तेमाल किया।
बरेली पुलिस को 515 अपराधियों की एल्बम भी मिली थी, जिसमें पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के अपराधियों की जानकारी थी। जांच में यह भी पता चला कि वारदात के समय बदमाशों ने अलग-अलग रास्ते अपनाकर पुलिस को चकमा देने की कोशिश की। एनकाउंटर में दोनों बदमाशों के कब्जे से बरामद हथियार और बाइक की जांच से यह साबित हुआ कि यह वही गैंग था, जिसने पहले भी कई सनसनीखेज घटनाओं को अंजाम दिया। यूपी एसटीएफ के एएसपी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि यह कार्रवाई संगठित अपराध को रोकने की दिशा में अहम कदम है।
गाजियाबाद एनकाउंटर के बाद पुलिस ने बरेली और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है। एसटीएफ और दिल्ली पुलिस अब इस गैंग के बाकी सदस्यों पर नजर बनाए हुए हैं। मुठभेड़ में घायल पुलिसकर्मियों का इलाज चल रहा है और उन्हें खतरा नहीं है। उत्तर प्रदेश पुलिस के ADG अमिताभ यश ने बताया कि इस संयुक्त कार्रवाई में टीम वर्क और गहन इंटेलिजेंस की अहम भूमिका रही। उन्होंने कहा कि दोनों बदमाशों ने पुलिस को घेरते हुए फायरिंग की, जिसके जवाब में पुलिस ने भी कार्रवाई की। इस एनकाउंटर के बाद अपराधियों के नेटवर्क को कमजोर करने में मदद मिलेगी।
दिशा पाटनी फायरिंग केस ने देश भर में सुर्खियां बटोरीं। यह एनकाउंटर दर्शाता है कि पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ कितनी गंभीरता से कार्रवाई की। एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि जिगाना पिस्टल जैसी विदेशी हथियारों की सप्लाई रोकना भी उनकी प्राथमिकता में शामिल है। इस घटना में यह भी सामने आया कि रोहित गोदारा और गोल्डी बरार गैंग ने अपने आपराधिक नेटवर्क के जरिए बड़े शहरों में भय और वसूली का माहौल बनाने की कोशिश की थी। एनकाउंटर के बाद पुलिस अब गैंग के अन्य सक्रिय सदस्यों की तलाश कर रही है।
यूपी एसटीएफ और दिल्ली क्राइम ब्रांच की संयुक्त कार्रवाई ने दिशा पाटनी घर फायरिंग मामले में अपराधियों को सबक सिखाया। गाजियाबाद एनकाउंटर ने साबित कर दिया कि पुलिस संगठित अपराध और गैंगस्टर के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने में सक्षम है।
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