
जानलेवा कफ सिरप कांड में बड़ा एक्शन: सीएम मोहन यादव ने डॉक्टर प्रवीण सोनी को किया सस्पेंड
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Shweta
- October 5, 2025
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया में जहरीले कफ सिरप पीने से 10 मासूम बच्चों की मौत के मामले ने पूरे प्रदेश को हिला दिया है। इस दुखद घटना पर सीएम मोहन यादव ने तुरंत सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। उनके निर्देश पर परासिया के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवीण सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री के आदेश पर तुरंत कार्रवाई
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, सीएम मोहन यादव ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। रिपोर्ट आने के तुरंत बाद उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश दिए कि दोषियों पर बिना देरी के कार्रवाई हो। उसी के तहत डॉक्टर प्रवीण सोनी को निलंबित करते हुए जबलपुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय स्वास्थ्य सेवाएं से अटैच कर दिया गया है। उन पर बच्चों के इलाज में गंभीर लापरवाही बरतने का आरोप है।
SP अजय पांडे का बयान
छिंदवाड़ा एसपी अजय पांडे ने बताया कि BMO की रिपोर्ट के आधार पर 105 BNS, 276 BNS और 27 (ए) ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच में सामने आया है कि इस केस में सबसे ज्यादा बच्चों का इलाज डॉक्टर प्रवीण सोनी ने ही किया था। उन्होंने बच्चों को ‘कोल्ड्रिफ’ नामक सिरप प्रिस्क्राइब किया था। इसी दवा के सेवन से बच्चों की तबीयत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई। इसी आधार पर डॉक्टर को इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है।
कंपनी भी बनी आरोपी
जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि तमिलनाडु की दवा निर्माता कंपनी “श्रेसन फार्मास्युटिकल्स” ने यह कफ सिरप बनाया था। पुलिस ने कंपनी को भी इस मामले में आरोपी बनाया है। फिलहाल डॉक्टर प्रवीण सोनी को पुलिस ने छिंदवाड़ा के राजपाल चौक से हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि वे सरकारी अस्पताल में पदस्थ थे, लेकिन नियमों को दरकिनार करते हुए अपने निजी क्लीनिक में मरीजों को वही सिरप लिख रहे थे, जिसके सेवन से बच्चों की जान चली गई।
जहरीले केमिकल की पुष्टि
प्राथमिक जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि जिस कफ सिरप को बच्चों को दिया गया था, उसमें डायएथिलीन ग्लाइकोल नामक जहरीला पदार्थ अत्यधिक मात्रा में मौजूद था। सामान्य रूप से सिरप में इस केमिकल की मात्रा 0.10 प्रतिशत तक होनी चाहिए, लेकिन जांच में यह 48 प्रतिशत पाई गई — यानी मानक से करीब 480 गुना ज्यादा। इस विषैले रसायन की अधिकता से बच्चों को गंभीर रिएक्शन हुए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
सरकार ने लगाया बैन
इस घटना के बाद सरकार ने ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने दवा के सभी बैच को बाजार से हटाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। साथ ही राज्यभर में फार्मा कंपनियों की जांच शुरू कर दी गई है।
सख्त कार्रवाई के संकेत
सीएम मोहन यादव ने स्पष्ट कहा है कि मासूम बच्चों की जान से खेलने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने पूरे स्वास्थ्य विभाग को चेतावनी दी है कि ऐसी लापरवाही दोबारा नहीं होनी चाहिए। इस घटना ने न केवल स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि दवा उद्योग की निगरानी व्यवस्था की कमियों को भी उजागर किया है।
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