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बाढ़ प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार की मदद दें: उद्धव ठाकरे का सरकार पर हमला

बाढ़ प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार की मदद दें: उद्धव ठाकरे का सरकार पर हमला

बाढ़ प्रभावित किसानों को तुरंत सहायता दे सरकार: उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र में लगातार हो रही भारी बारिश और बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ दी है। खेत तबाह हो चुके हैं, जमीन बह गई है और किसान कर्ज के बोझ तले दब गए हैं। इस बीच उद्धव ठाकरे ने सरकार से बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग की है। उन्होंने कहा कि किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की सीधी मदद और कर्जमाफी की घोषणा तुरंत की जानी चाहिए।

 

सरकार पर कटौती से मदद का नाटक करने का आरोप

उद्धव ठाकरे ने कहा कि वर्तमान में गन्ना उत्पादक किसानों से प्रति टन 15 रुपये की कटौती की जा रही है। इसमें 5 रुपये सीधे किसानों से और 10 रुपये मुख्यमंत्री सहायता कोष में जा रहे हैं। उनका आरोप है कि यह किसानों की जेब काटकर मदद का नाटक है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विज्ञापनों में व्यस्त हैं, एक उपमुख्यमंत्री पैकेट पर फोटो छपवा रहे हैं और दूसरे उपमुख्यमंत्री कहीं दिखाई ही नहीं देते, जबकि किसान संकट में हैं।

 

क्या कर्जमाफी बीजेपी में शामिल होने पर मिलेगी?

महाराष्ट्र राजनीति पर सीधा वार करते हुए ठाकरे ने सवाल किया कि क्या किसानों का कर्ज तभी माफ होगा जब वे बीजेपी में शामिल होंगे। उन्होंने कहा, “शुगर बारन जब बीजेपी में गए तो उनका कर्ज भर दिया गया। तो क्या गरीब किसान भी बीजेपी में आएंगे तभी उन्हें कर्जमुक्ति मिलेगी?” ठाकरे का कहना है कि किसान अपनी जमीन और मंगलसूत्र तक गिरवी रख रहे हैं, फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं और हालात बेहद गंभीर हैं।

 

साखर संघ ने भी जताई नाराजगी

शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने बताया कि “साखर संघ” ने भी इस कटौती पर नाराजगी जताई है। किसान आत्महत्या की कगार पर पहुंच गए हैं और सरकार केवल भाषणों में व्यस्त है। ठाकरे ने याद दिलाया कि तत्कालीन विपक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी 16 अक्टूबर 2020 को तत्काल ओला दुष्काल घोषित कर किसानों की मदद की मांग की थी। उन्होंने सवाल किया कि विपक्ष में रहते हुए किसानों की पीड़ा दिखती थी, तो अब सत्ता में बैठकर क्यों नहीं दिख रही?

 

किसानों को तुरंत चाहिए राहत, न कि शब्दों का खेल

महाराष्ट्र राजनीति पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि यह “भीगा दुष्काल” कहो या कुछ और, लेकिन किसानों को तुरंत राहत मिलनी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किसानों के लिए घर बनाने और स्कूलें चालू करने की मांग की। उनका कहना है कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है और प्रशासन को त्वरित कदम उठाने चाहिए।

 

किसानों की हालत पर गंभीर चिंता

उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दे रहे हैं, लेकिन वही किसान जो यह अनाज पैदा करता है, आज बदहाल हो चुका है। कई जगह किसानों की जमीन बह गई है, सड़कें टूट गई हैं और गांव उजड़ गए हैं। ठाकरे ने मांग की कि सरकार केवल कागजों में योजनाएं बनाने के बजाय तुरंत जमीन पर उतरकर काम करे।

 

बाढ़ प्रभावित किसानों की स्थिति बेहद गंभीर है और यह केवल आर्थिक संकट नहीं बल्कि सामाजिक त्रासदी भी है। महाराष्ट्र राजनीति इस समय किसानों की पीड़ा के बीच खड़ी है और ऐसे में विपक्ष और सरकार, दोनों पर जिम्मेदारी बनती है कि वे किसानों की वास्तविक मदद करें।

 

यह भी पढ़ें - 'I Love Mohammad' के मंच से मौलना ने CM योगी को खुलेआम जमींन में दफनाने की दी धमकी

 

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Frequently Asked Questions

 

Q1. उद्धव ठाकरे ने किसके लिए मदद की मांग की है?
Ans. उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की मदद और कर्जमाफी की मांग की है।

 

Q2. किसानों से कितनी कटौती की जा रही है और किसके लिए?
Ans. गन्ना उत्पादक किसानों से प्रति टन 15 रुपये की कटौती हो रही है। 5 रुपये सीधे किसानों से और 10 रुपये मुख्यमंत्री सहायता कोष में जा रहे हैं।

 

Q3. उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर क्या सवाल उठाए?
Ans. ठाकरे ने पूछा कि क्या किसानों का कर्ज तभी माफ होगा जब वे बीजेपी में शामिल होंगे, जबकि शुगर बारन बीजेपी में जाने के बाद उनका कर्ज भर दिया गया।

 

Q4. साखर संघ ने क्या प्रतिक्रिया दी?
Ans. साखर संघ ने किसानों से की जा रही कटौती का विरोध किया है और कहा कि किसान बेहद व्यथित हैं और आत्महत्या के विचार में हैं।

 

Q5. उद्धव ठाकरे ने सरकार से और क्या मांग की?
Ans. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए घर बनाए जाएं, स्कूलें चालू हों और तुरंत राहत दी जाए ताकि बीमारियों और बाढ़ के संकट से बचा जा सके।

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