Goa Tourism Sector : गोवा में विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ कम, विदेशी टूरिस्ट की संख्या में 60 फीसदी से ज्यादा की
- Anjali
- November 9, 2024
Foreign Tourism Decline In Goa : देश के पश्चिम तटीय राज्य गोवा में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन में 60 प्रतिशत की भारी गिरावट देखने को मिली है। विदेशी पर्यटकों का आगमन कम हो गया है। हालांकि राज्य में घरेलू पर्यटन में सुधार देखा गया है, लेकिन विदेशियों का आगमन कोरोना महामारी से पहले के स्तर पर वापस नहीं आया है। इससे बेहद चहल-पहल से भरे रहने वाले समुद्री तटों पर काफी शांति छा गई है। महामारी के बाद से संख्या में और गिरावट आई है। ओहेराल्डो (OHeraldo) के अनुसार, 2019 में गोवा में लगभग 9.4 लाख विदेशी पर्यटक आए, लेकिन नवंबर 2023 तक यह आंकड़ा घटकर केवल 4.03 लाख रह गया। इससे पता चलता है कि कुछ ही वर्षों की अवधि में विदेशी पर्यटकों की संख्या में लगभग 60% की गिरावट दर्ज की गई। खास तौर पर वर्ष 2022 में 2018 की तुलना में विदेशी पर्यटकों के आगमन में 82% की गिरावट देखी गई, जो पर्यटन के लिए चिंताजनक है। इसके साथ ही स्थानीय कारोबारी अपने व्यवसाय के भविष्य को लेकर चिंतित हो गए हैं।
चार साल में आधे से भी ज्यादा घटे गोवा आने वाले विदेशी पर्यटक
स्थानीय दैनिक ओहेराल्डो के अनुसार, साल 2019 में, गोवा ने लगभग 9.4 लाख विदेशी पर्यटकों का स्वागत किया था, लेकिन साल 2023 के नवंबर तक यह आंकड़ा आधे से भी ज्यादा घटकर सिर्फ़ 4.03 लाख रह गया। जबकि, गोवा में आमदनी वाला पर्यटन क्षेत्र गहन चुनौतियों के साथ अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों पर बहुत अधिक हद तक निर्भर है।
आखिर क्या हैं पर्यटन में गिरावट की वजहें
गोवा के एक स्थानीय कारोबारी रामानुज मुखर्जी ने विदेशी पर्यटकों में गिरावट को दर्शाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "विदेशी पर्यटकों ने पहले ही राज्य को छोड़ दिया है। रूसी और ब्रिटिश जो सालाना आते थे, उन्होंने इसके बजाय श्रीलंका को चुना है। " उनकी पोस्ट को 2 मिलियन से ज़्यादा बार देखा गया है। आइए, जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर विदेशी पर्यटक गोवा से क्यों दूर जा रहे हैं? इसकी बड़ी वजहें क्या- क्या हैं?
टैक्सी माफिया का आतंक
गोवा के पर्यटन क्षेत्र को 'टैक्सी माफिया' की वजह से भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। यह एक शक्तिशाली समूह है, जो अक्सर पर्यटकों और निवासियों दोनों की कीमत पर राज्य की टैक्सी सेवाओं पर हावी रहता है। इन टैक्सी ऑपरेटरों ने अपने बढ़े हुए किराए, मीटर वाली सेवाओं की कमी और सरकारी नियमों की अवहेलना के लिए बहुत बदनामी हासिल की है। कुछ पर्यटकों को डराने-धमकाने की घटना भी सामने आती है।
किराया तय करते वक्त टूरिस्ट से मारपीट की वारदात
गोवा आने वाले कई पर्यटकों ने किराए पर बातचीत करते समय या उचित कीमत के लिए नेगोशिएट करते समय भी टैक्सी चालकों की ओर से धमकी और लड़ाई का सामना किया है। टैक्सी चालक कभी-कभी अपनी बेहद ऊंची मांगों को पूरा न किए जाने पर सर्विस देने से ही इनकार कर देते हैं। एक्स पर एक यूजर ने आपबीती में बताया कि कैसे उसे एक पॉपुलर बीच से अपने जर्मन दोस्त को ले जाने के लिए 10 से ज्यादा टैक्सी ड्राइवर्स के साथ दुश्मनी मोल लेनी पड़ी।
ओला और उबर ऑनलाइन राइड-हेलिंग सेवाओं की गैरमौजूदगी
भारत के अधिकांश प्रमुख पर्यटक शहरों में संचालित होने वाली ओला और उबर जैसी ऑनलाइन राइड-हेलिंग सेवाओं की गैरमौजूदगी से यह स्थिति और भी बदतर हो गई है। जब ओला ने 2014 में गोवा में लॉन्च करने का प्रयास किया, तो टैक्सी यूनियनों ने हड़ताल कर दी, जिससे सरकार पर ऐप को ब्लॉक करने का दबाव पड़ा। सीमित परिवहन विकल्पों के चलते गोवा में पर्यटकों के पास अक्सर ऊंची दरों को स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है, जिससे निगेटिव रिव्यू, निराशा और असंतोष बढ़ता है।
क्या हैं भूराजनीतिक कारक
ओ हेराल्डो की रिपोर्ट के अनुसार, रूस-यूक्रेन संघर्ष और इजरायल तथा फिलिस्तीन के बीच अशांति के कारण इन क्षेत्रों से गोवा आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आई है। द गोअन एवरीडे (The Goan Everyday) ने रिपोर्ट किया कि इससे पहले, गोवा में रूस से प्रतिदिन लगभग पांच चार्टर उड़ानें आती थीं, लेकिन अब सप्ताह में केवल कुछ उड़ानें ही आ पाती हैं। इसी तरह, इजरायली पर्यटक, जो कभी अक्सर गोवा आते थे, अब पश्चिम एशिया में राजनीतिक अस्थिरता के कारण दूरी बरत रहे हैं। इसके कारण इजरायल से चार्टर उड़ानें निलंबित हैं।
सोशल मीडिया पर बढ़ती चिंताओं के बारे में गोवा पर्यटन ने क्या- क्या कहा?
गोवा पर्यटन ने सोशल मीडिया पर बढ़ती चिंताओं का जवाब देते हुए एक बयान जारी किया। बयान में कहा गया, "किसी भी अन्य गंतव्य की तरह, गोवा भी बाजार की ताकतों के अधीन है। कई बार, यात्रा और आवास पर लागत इसे महंगा बना सकती है, जिससे कुछ लोग विकल्प तलाशने लगते हैं। हालांकि, गोवा लगातार ऐसी चुनौतियों का सामना करता रहा है फिर भी यह तमाम तरह के यात्रियों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बना रहेगा।
इस बीच, नवंबर से मार्च तक के पीक सीज़न के शुरू होने के साथ, सभी की निगाहें गोवा पर टिकी हैं कि राज्य कैसे इन चुनौतियों का समाधान करता है और टूरिस्ट के लिए अपनी अपील को बनाए रख पाता है।
Comment / Reply From
महत्वपूर्ण खबर
Categories
- देश (299)
- अपराध (51)
- मनोरंजन (121)
- शहर और राज्य (104)
- दुनिया (145)
- खेल (90)
- धर्म - कर्म (111)
- व्यवसाय (66)
- राजनीति (182)
- हेल्थ (48)
- महिला जगत (18)
- राजस्थान (114)
- हरियाणा (27)
- मध्य प्रदेश (8)
- उत्तर प्रदेश (61)
- दिल्ली (54)
- महाराष्ट्र (44)
- बिहार (17)
- टेक्नोलॉजी (64)
- न्यूज़ (36)
- मौसम (12)
- शिक्षा (22)
- नुस्खे (7)
- राशिफल (40)
- वीडियो (117)
Vote / Poll
क्या राजस्थान मे बेरोजगारी का मुद्दा खत्म हो चुका है ..