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राजस्थान में बड़ा फैसला: भजनलाल सरकार बंद करेगी 300 से अधिक सरकारी स्कूल, जानिए क्या है वजह

राजस्थान में बड़ा फैसला: भजनलाल सरकार बंद करेगी 300 से अधिक सरकारी स्कूल, जानिए क्या है वजह

राजस्थान सरकार का शिक्षा क्षेत्र में बड़ा कदम

राजस्थान सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए राज्यभर में 300 से अधिक सरकारी स्कूल बंद करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने यह निर्णय उन स्कूलों के लिए लिया है जहां छात्रों की संख्या बेहद कम है। शिक्षा विभाग के मुताबिक, ऐसे स्कूलों को उनके नजदीकी स्कूलों में मर्ज किया जाएगा ताकि बच्चों को बेहतर सुविधाएं और शिक्षा का माहौल मिल सके।

 

कम छात्रों वाले स्कूल होंगे बंद

शिक्षा विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल 312 सरकारी स्कूल ऐसे हैं जिनमें विद्यार्थियों की संख्या 25 या उससे भी कम है। इनमें प्राथमिक (कक्षा 1 से 8) और माध्यमिक (कक्षा 1 से 12) दोनों श्रेणियों के स्कूल शामिल हैं। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि पिछले दो वर्षों से राजस्थान सरकार इन स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। ऐसे में अब उन्हें बंद कर दूसरे स्कूलों में मर्ज करने का निर्णय लिया गया है।

 

शिक्षकों और स्टाफ का होगा पुनः नियोजन

शिक्षा मंत्री ने कहा कि इन बंद हो रहे सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और अन्य स्टाफ को अन्य स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके अलावा जिन स्कूलों में अब कोई छात्र नहीं पढ़ रहा, उनकी बिल्डिंग को जिला कलेक्टरों को सरकारी उपयोग के लिए सौंप दिया जाएगा। यह कदम प्रशासनिक दृष्टि से संसाधनों के बेहतर उपयोग की दिशा में उठाया गया है।

 

भजनलाल शर्मा सरकार का लक्ष्य—गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

भजनलाल शर्मा ने कहा है कि यह निर्णय राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। उनके अनुसार, कई ऐसे सरकारी स्कूल पहले की सरकारों के कार्यकाल में बिना जनसंख्या और भौगोलिक आवश्यकता को ध्यान में रखे खोल दिए गए थे। यही वजह है कि आज वहां विद्यार्थियों की संख्या बेहद कम रह गई है।

 

शिक्षा विभाग का तर्क और सियासी विवाद

शिक्षा विभाग का कहना है कि यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए जरूरी है, ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षण वातावरण, डिजिटल संसाधन और प्रशिक्षित शिक्षकों की सुविधा मिल सके। हालांकि, इस फैसले पर सियासत भी तेज हो गई है। विपक्षी कांग्रेस पार्टी पहले से ही स्कूलों के मर्जर का विरोध कर रही है और अब इस नए फैसले पर भी सवाल उठा रही है। कांग्रेस का आरोप है कि राजस्थान सरकार ग्रामीण इलाकों में शिक्षा का अधिकार कमजोर कर रही है।

 

शहरी इलाकों में भी असर

यह मर्जर केवल ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित नहीं है। भजनलाल शर्मा सरकार ने राजधानी जयपुर समेत कई शहरी इलाकों में भी कुछ सरकारी स्कूलों का विलय किया है। यह कदम संसाधनों को केंद्रीकृत कर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की योजना का हिस्सा है।

 

अन्य मुद्दों पर भी सरकार सक्रिय

इसी बीच, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में 10 वर्षीय छात्रा अमायरा की मौत के मामले पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की जांच टीम इस घटना की पड़ताल कर रही है और रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

 

नया सत्र और भविष्य की दिशा

राजस्थान सरकार ने घोषणा की है कि नया शैक्षणिक सत्र 1 अप्रैल से शुरू होगा और इसी के साथ 312 स्कूलों का मर्जर पूरा कर लिया जाएगा। सरकार का दावा है कि यह निर्णय शिक्षा के ढांचे को बेहतर बनाने और विद्यार्थियों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ने के लिए आवश्यक है।

 

भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार का यह फैसला भले ही राजनीतिक विवाद को जन्म दे रहा हो, लेकिन सरकार का मानना है कि यह कदम राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए एक ठोस और दीर्घकालिक प्रयास है। शिक्षा विभाग का कहना है कि यह नीति आने वाले वर्षों में राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देगी।

 

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