अमेरिका में AI संकट, अमेरिका में 1.5 लाख लोगों की नौकरी गई, बाजार में मचा कोहराम
-
Chhavi
- November 7, 2025
AI बुलबुले का फटना और शेयर बाजार में हाहाकार
अमेरिका में AI संकट अब खुलकर सामने आने लगा है। जिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को टेक्नोलॉजी की सबसे बड़ी क्रांति कहा जा रहा था, वही अब आर्थिक चिंता का कारण बन गई है। अमेरिका में मंदी के संकेत लगातार गहराते जा रहे हैं, और इसका सबसे बड़ा झटका शेयर बाजार को लगा है। Nasdaq, S&P 500 और Dow Jones जैसे प्रमुख अमेरिकी इंडेक्स में जोरदार गिरावट दर्ज की गई है। निवेशकों का भरोसा AI शेयरों पर से उठने लगा है। बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों के AI थीम वाले शेयरों में हाई वैल्यूएशन के कारण अब निवेशक यह सोचने पर मजबूर हैं कि क्या ये कंपनियां भविष्य में उतना रिटर्न दे पाएंगी जितनी उम्मीद थी। पिछले दो वर्षों में इन कंपनियों के शेयर आसमान छूते गए, लेकिन ग्रोथ उस हिसाब से नहीं दिखी। यही वजह है कि अब अमेरिका में AI संकट शब्द बार-बार सुनाई दे रहा है।
दरअसल, पिछले कुछ महीनों में निवेशकों को लगने लगा कि AI कंपनियों के वैल्यूएशन उनकी वास्तविक क्षमता से बहुत अधिक हैं। कई कंपनियों ने भले ही बेहतर तिमाही नतीजे दिए हों, लेकिन उनके शेयर फिर भी टूट गए। यह इस बात का संकेत है कि बाजार में AI बुलबुला बनने के बाद अब वह फूटने की कगार पर है। अमेरिका की बड़ी टेक कंपनियां जैसे Google, Microsoft और Nvidia, जो AI थीम पर आधारित उत्पाद और सेवाएं पेश कर रही हैं, अब निवेशकों की नजर में उतनी आकर्षक नहीं रहीं। इस वजह से अमेरिका में मंदी का माहौल और गहराता जा रहा है, क्योंकि जब टेक सेक्टर डगमगाता है, तो इसका असर पूरे बाजार पर पड़ता है।
अमेरिका में नौकरी गई: 1.5 लाख लोगों की रोज़ी पर संकट
अमेरिका में नौकरी गई – यह अब सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि हकीकत बन चुकी है। अक्टूबर 2025 में ही 1.5 लाख नौकरियां खत्म हो गईं, जो पिछले 20 वर्षों में किसी भी अक्टूबर महीने की सबसे बड़ी छंटनी है। साल 2025 में अब तक करीब 11 लाख नौकरियों पर कैंची चल चुकी है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 65% ज्यादा है। यह सिर्फ टेक सेक्टर की बात नहीं है — रिटेल, लॉजिस्टिक्स, सर्विस, और वेयरहाउसिंग जैसे क्षेत्रों में भी छंटनी की लहर जारी है। कंपनियां अब लागत घटाने के लिए बड़े स्तर पर कर्मचारियों को निकाल रही हैं, क्योंकि अमेरिका में मंदी का असर हर क्षेत्र में महसूस किया जा रहा है।
AI के बढ़ते उपयोग ने भी अमेरिका में नौकरी गई जैसे हालात को जन्म दिया है। कई कंपनियों ने AI-आधारित ऑटोमेशन को अपनाकर कर्मचारियों की जरूरत कम कर दी है। जो काम पहले इंसान करते थे, अब मशीनें और एल्गोरिद्म करने लगे हैं। यही वजह है कि 1.5 लाख नौकरियां जाने का सीधा संबंध अमेरिका में AI संकट से जुड़ा माना जा रहा है। बढ़ती ब्याज दरें, महंगाई और 38 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा कर्ज ने भी अमेरिका में मंदी के दबाव को और बढ़ा दिया है। अर्थशास्त्री मानते हैं कि अगर यह स्थिति ऐसे ही रही, तो आने वाले महीनों में अमेरिका को न सिर्फ आर्थिक, बल्कि सामाजिक संकट का भी सामना करना पड़ सकता है।
संक्षेप में कहें तो अमेरिका में AI संकट अब केवल तकनीकी समस्या नहीं, बल्कि रोजगार और बाजार दोनों के लिए खतरा बन चुका है। अमेरिका में नौकरी गई जैसी खबरें अब आम हो गई हैं, और 1.5 लाख नौकरियों की यह संख्या आने वाले महीनों में और बढ़ सकती है। निवेशक और आम लोग दोनों ही अब यही पूछ रहे हैं — क्या सच में अमेरिका में मंदी की आंधी शुरू हो चुकी है?
ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करे: The India Moves
महत्वपूर्ण खबर
Categories
- देश (2426)
- अपराध (163)
- मनोरंजन (441)
- शहर और राज्य (340)
- दुनिया (1038)
- खेल (454)
- धर्म - कर्म (771)
- व्यवसाय (193)
- राजनीति (597)
- हेल्थ (209)
- महिला जगत (57)
- राजस्थान (572)
- हरियाणा (80)
- मध्य प्रदेश (74)
- उत्तर प्रदेश (291)
- दिल्ली (336)
- महाराष्ट्र (211)
- बिहार (358)
- टेक्नोलॉजी (225)
- न्यूज़ (82)
- मौसम (133)
- शिक्षा (126)
- नुस्खे (97)
- राशिफल (431)
- वीडियो (1054)
- पंजाब (40)
- ट्रैवल (26)
- अन्य (58)
- जम्मू कश्मीर (100)
- उत्तराखंड (28)
- तेलंगाना (3)
- छत्तीसगढ (11)
- गुजरात (23)
- हिमाचल प्रदेश (4)
- पश्चिम बंगाल (15)
- असम (2)
- केरल (1)
- झारखंड (3)
- ओडिशा (4)
- त्योहार (65)
- लाइफ स्टाइल (65)
Vote / Poll
क्या राजस्थान मे बेरोजगारी का मुद्दा खत्म हो चुका है ..