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अफगानिस्तान से शांति वार्ता के बीच पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर

अफगानिस्तान से शांति वार्ता के बीच पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच शांति वार्ता एक बार फिर तनाव में है। तुर्की के इस्तांबुल में जब दोनों देशों के प्रतिनिधि बातचीत की मेज पर बैठे, उसी समय पाकिस्तान ने सीमा पर सीजफायर उल्लंघन करते हुए अफगान ठिकानों पर गोलाबारी शुरू कर दी। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक जिले में अफगान चौकियों पर दो बार फायरिंग की और मोर्टार दागे। अफगान सरकार ने कहा कि पाकिस्तान की नापाक हरकत ने न केवल सीमा पर तनाव बढ़ाया बल्कि चल रही अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को भी कमजोर किया है।

 

जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर ऐसे वक्त में जब इस्तांबुल में तीसरे दौर की अफगानिस्तान शांति वार्ता शुरू हो रही थी। जानकारी के मुताबिक, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तानी सेनाओं ने बातचीत के दौरान गोलीबारी की, लेकिन अफगानिस्तान ने जवाबी कार्रवाई से परहेज किया ताकि वार्ता बाधित न हो। उन्होंने इसे “सीजफायर उल्लंघन” बताते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना की यह हरकत नागरिकों में दहशत फैलाने वाली है। यह बयान उस समय आया जब दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए कतर और तुर्की मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं।

 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की नापाक हरकत से पहले भी इसी इलाके में कई बार संघर्ष हुआ है। अफगानिस्तान ने दोहा और इस्तांबुल में हुई वार्ताओं में युद्धविराम बढ़ाने पर सहमति जताई थी, लेकिन हर बार पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर। कंधार के स्पिन बोल्डक में ताजा हमले में 11 लोगों की मौत और 6 के घायल होने की खबर है। चश्मदीदों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने सिर्फ बॉर्डर पोस्ट ही नहीं बल्कि बाजार और घरों पर भी मोर्टार दागे। अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को यह घटना बड़ा झटका मानी जा रही है।

 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने जानबूझकर वार्ता के दिन सीजफायर उल्लंघन किया ताकि दबाव बनाया जा सके। वहीं पाकिस्तान ने पलटवार में कहा कि फायरिंग अफगान पक्ष से शुरू हुई थी और उसने सिर्फ जवाब दिया। इसके बावजूद, तुर्की और कतर के प्रतिनिधि दोनों पक्षों को संयम बरतने की अपील कर रहे हैं। अफगानिस्तान शांति वार्ता का तीसरा चरण फिलहाल जारी है लेकिन इस घटना ने बातचीत की दिशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान की सेना का कहना है कि अफगानिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे आतंकवादी समूहों के लिए न करे। वहीं अफगान प्रतिनिधियों ने कहा कि वे अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को पटरी से उतरने नहीं देंगे। इसके बावजूद, पाकिस्तान की नापाक हरकत ने तीसरे दौर की वार्ता को प्रभावित कर दिया है। 25 अक्टूबर को हुए दूसरे दौर की बातचीत पहले ही किसी नतीजे पर नहीं पहुंची थी, और अब तीसरे दौर में भी पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर, जिससे उम्मीदें कमजोर पड़ गई हैं।

 

सोशल मीडिया पर भी दोनों देशों के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने अफगान गांवों पर मोर्टार दागे। वीडियो में लोगों को घर छोड़ते और ध्वस्त ढांचे दिख रहे हैं। सीजफायर उल्लंघन की यह घटना ऐसे समय हुई जब दोनों देशों के प्रतिनिधि शांति के नए रास्ते तलाशने में लगे हैं। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी फायरिंग से नागरिक इलाकों को भी निशाना बनाया गया, जो अंतरराष्ट्रीय नियमों का गंभीर उल्लंघन है।

 

जानकारी के मुताबिक, इस बार भी अफगानिस्तान शांति वार्ता विफल होती है, तो दोनों देशों के बीच स्थिति और बिगड़ सकती है। अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों के बीच विश्वास की आवश्यकता है, लेकिन बार-बार पाकिस्तान की नापाक हरकत इस भरोसे को तोड़ रही है। तुर्की और कतर की कोशिशों के बावजूद अब वार्ता के आगे बढ़ने की संभावना कमजोर दिख रही है।

 

कुल मिलाकर, पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर ऐसे समय में जब दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने की उम्मीदें फिर से जगी थीं। लगातार सीजफायर उल्लंघन से यह साफ हो गया है कि अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया और अफगानिस्तान शांति वार्ता को सबसे बड़ा खतरा पाकिस्तान की अस्थिर नीतियों से है। अब देखना होगा कि क्या इस्तांबुल वार्ता इस बिगड़े माहौल में कोई ठोस परिणाम दे पाएगी या फिर एक बार फिर पाकिस्तान की गोलीबारी इस प्रयास को नाकाम कर देगी।

 

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