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‘ट्रंप से क्यों बात करूं, मैं PM मोदी को करूंगा कॉल’- टैरिफ विवाद पर ब्राजील के राष्ट्रपति लूला का बड़ा बयान

‘ट्रंप से क्यों बात करूं, मैं PM मोदी को करूंगा कॉल’- टैरिफ विवाद पर ब्राजील के राष्ट्रपति लूला का बड़ा बयान

अमेरिका से बातचीत को किया खारिज

ब्राजील और अमेरिका के बीच व्यापारिक और राजनयिक तनाव दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। इस तनाव का नया अध्याय तब शुरू हुआ जब ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात करने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “अगर ट्रंप बात नहीं करना चाहते, तो मैं क्यों फोन करूं?” यह बयान ऐसे समय में आया जब अमेरिका ने ब्राजील के आयात पर 40% अतिरिक्त शुल्क लगा दिया, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया। यह फैसला ब्राजील अमेरिका व्यापार तनाव को और गहरा करता है।

 

BRICS नेताओं से संवाद की योजना

राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने यह भी स्पष्ट किया कि अब ब्राजील, अमेरिका की बजाय BRICS देशों के साथ अपने कूटनीतिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा, “मैं शी जिनपिंग को फोन करूंगा, मैं पीएम मोदी को फोन करूंगा। मैं पुतिन को फोन नहीं करूंगा, क्योंकि वह यात्रा नहीं कर सकते।” यह बयान यह दिखाता है कि ब्राजील के राष्ट्रपति लूला अब अमेरिका से हटकर एक स्वतंत्र वैश्विक नीति की ओर बढ़ रहे हैं।

 

अमेरिकी टैरिफ और ब्राजील की प्रतिक्रिया

डोनाल्ड ट्रंप की ओर से BRICS समर्थक देशों को लेकर दी गई चेतावनी के तहत, जो देश अमेरिका के हितों के खिलाफ BRICS की नीतियों का समर्थन करेंगे, उन पर 10% अतिरिक्त शुल्क लगेगा। ब्राजील पर अचानक लगाए गए 40% शुल्क ने वहां के निर्यात को बुरी तरह प्रभावित किया है। ब्राजील अमेरिका व्यापार तनाव का यह रूप अब केवल आर्थिक ही नहीं, बल्कि कूटनीतिक संकट में भी बदल रहा है।

 

इस निर्णय के विरोध में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने कहा कि ब्राजील अपने हितों की रक्षा के लिए विश्व व्यापार संगठन (WTO) सहित सभी मंचों का उपयोग करेगा। वहीं, ब्राजील के वित्त मंत्री फर्नांडो हद्दाद ने भी कहा कि लूला इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाएंगे।

 

न्यायपालिका विवाद और मानवाधिकार मुद्दा

ट्रंप प्रशासन ने ब्राजील की न्यायपालिका के एक फैसले को मानवाधिकार उल्लंघन बताया है। दरअसल, ब्राजील की सर्वोच्च अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को तख्तापलट की साजिश में नजरबंद किया है। इस मामले की निगरानी कर रहे न्यायमूर्ति एलेक्ज़ेंडर डी मोरेस पर अमेरिका ने मैग्निट्स्की अधिनियम के तहत प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिका का आरोप है कि डी मोरेस विपक्षी आवाजों को दबा रहे हैं, लेकिन डी मोरेस ने कहा कि वे अपने कर्तव्यों का पालन करते रहेंगे।

 

ब्राजील अमेरिका राजनयिक संबंधों में नया मोड़

यह घटनाक्रम वैश्विक राजनीति में बड़ा बदलाव ला रहा है। एक ओर अमेरिका है जो ट्रेड प्रोटेक्शनिज्म और एकध्रुवीय व्यवस्था को कायम रखना चाहता है, दूसरी ओर BRICS देश हैं जो बहुपक्षीयता और सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। ब्राजील अमेरिका राजनयिक संबंध अब एक नाजुक दौर में प्रवेश कर चुके हैं, जहां ब्राजील अमेरिका के दबाव को अस्वीकार करते हुए स्वतंत्र कूटनीति की ओर बढ़ रहा है।

 

ब्राजील के राष्ट्रपति लूला का ट्रंप से बात करने से इनकार और BRICS नेताओं से संवाद की योजना यह स्पष्ट करती है कि ब्राजील अब एक अलग वैश्विक ध्रुव की ओर बढ़ रहा है। इस पूरे घटनाक्रम ने ब्राजील अमेरिका व्यापार तनाव और ब्राजील अमेरिका राजनयिक संबंध को वैश्विक चर्चा का विषय बना दिया है।

 

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Q1: ब्राजील और अमेरिका के बीच व्यापार तनाव की शुरुआत कैसे हुई?
Ans. अमेरिका ने ब्राजील के आयात पर 40% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया। इससे ब्राजील को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ और तनाव बढ़ा।

 

Q2: ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने डोनाल्ड ट्रंप से बात करने से इनकार क्यों किया?
Ans. राष्ट्रपति लूला का कहना है कि अगर ट्रंप बात नहीं करना चाहते तो वे क्यों पहल करें। इसके बजाय वे BRICS नेताओं से संवाद करेंगे।

 

Q3: BRICS में कौन-कौन से देश शामिल हैं?
Ans. BRICS में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।

 

Q4: ब्राजील ने अमेरिका के टैरिफ फैसले पर क्या प्रतिक्रिया दी है?
Ans. ब्राजील ने WTO सहित सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस फैसले का विरोध करने का फैसला लिया है और अपने व्यापारिक हितों की रक्षा करने की बात कही है।

 

Q5: क्या यह विवाद केवल व्यापार तक सीमित है?
Ans. नहीं, अमेरिका और ब्राजील के बीच यह विवाद अब न्यायपालिका, मानवाधिकार और कूटनीतिक स्तर पर भी बढ़ गया है।

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