
युद्ध की आहट? अमेरिकी सेना ने वेनेजुएला को चारों ओर से घेरा
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Chhavi
- September 23, 2025
वेनेजुएला संकट 2025 और अमेरिकी घेराबंदी
वेनेजुएला संकट 2025 लगातार गहराता जा रहा है क्योंकि अमेरिका ने कैरिबियन के दक्षिणी हिस्से में अपनी सैन्य ताकत झोंक दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में आदेश देकर 4500 जवान, 10 युद्धपोत, F-35 स्टील्थ जेट और न्यूक्लियर सबमरीन की तैनाती की है। अमेरिका आधिकारिक तौर पर इसे "ड्रग तस्करी रोकने का अभियान" बता रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह सीधा हमला करने की तैयारी लगती है। जहाजों और विमानों की मौजूदगी यह संकेत देती है कि वॉशिंगटन अब वेनेजुएला पर अमेरिकी घेरा और मजबूत कर रहा है।
अभी अमेरिकी नौसेना ने USS स्टॉकडेल समेत कई गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर, क्रूजर और एम्फीबियस रेडी ग्रुप को पनामा और आसपास के इलाकों में खड़ा किया है। इन जहाजों के पास टोमाहॉक क्रूज मिसाइलों से लेकर एंटी-सबमरीन हथियार तक मौजूद हैं। साथ ही P-8 पोसाईडन विमान और MQ-9 रीपर ड्रोन लगातार निगरानी कर रहे हैं। इस तैनाती से साफ है कि अमेरिका वेनेजुएला विवाद अब कूटनीति से आगे बढ़कर सैन्य स्तर पर बदलता दिख रहा है।
गुप्त विशेष बल और संभावित हमला
अमेरिकी सैन्य रणनीति में गुप्त विशेष बलों की भूमिका अहम मानी जा रही है। इन स्पेशल ऑपरेशंस यूनिट्स को वेनेजुएला के रडार, एयरबेस और कार्टेल ठिकानों पर छापेमारी के लिए तैयार किया गया है। USS Iwo Jima और अन्य जहाजों पर सवार 22वीं मरीन एक्सपीडिशनरी यूनिट तटीय हमलों और तेजी से उतरने वाली कार्रवाई के लिए मौजूद है। माना जा रहा है कि ये फोर्सेस किसी भी वक्त वेनेजुएला पर अमेरिका हमला शुरू कर सकती हैं।
लॉजिस्टिक हब भी मजबूत किए गए हैं। प्यूर्टो रिको और यूएस वर्जिन आइलैंड्स पर ईंधन स्टेशनों, हथियार भंडार और कमांड सेंटरों की व्यवस्था कर दी गई है। ट्रंप प्रशासन ने जुलाई में एक गुप्त आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जो लैटिन अमेरिका में नार्को-टेररिस्ट नेटवर्क पर सैन्य कार्रवाई की मंजूरी देता है। अगर संकेत मिले, तो सबसे पहले वेनेजुएला पर अमेरिकी घेरा तोड़ने के लिए एयर डिफेंस और रडार सिस्टम नष्ट किए जाएंगे। उसके बाद कार्टेल की सप्लाई लाइनों और संचार केंद्रों पर हमले की संभावना है।
आगे का रास्ता और खतरे के संकेत
विशेषज्ञ मानते हैं कि अभी औपचारिक युद्ध की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन हालात पिछले अमेरिकी सैन्य अभियानों जैसे दिखने लगे हैं। नौसेना, वायुसेना और मरीन मिलकर अचानक तेज हमला कर सकते हैं। यह कदम मादुरो सरकार के खिलाफ वॉशिंगटन की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत है। इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए कहा जा सकता है कि वेनेजुएला संकट 2025 अब निर्णायक मोड़ पर है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका की यह कार्रवाई केवल ड्रग्स रोकथाम के नाम पर नहीं है, बल्कि इसमें शासन परिवर्तन का भी इरादा झलकता है। यदि हमला होता है, तो यह सिर्फ अमेरिका वेनेजुएला विवाद को और खतरनाक बना देगा। कई देशों ने शांति की अपील की है, लेकिन जमीनी स्थिति यही कह रही है कि भविष्य में वेनेजुएला पर अमेरिका हमला लगभग तय है। दुनिया की निगाहें अब कैरिबियन सागर पर टिकी हैं, जहां इतिहास का बड़ा संघर्ष आकार ले सकता है।
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