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Vande Bharat : वंदे भारत स्लीपर कोच का पहला वीडियो आउट, जानें कोच के अंदर की सुविधाएं

Vande Bharat : वंदे भारत स्लीपर कोच का पहला वीडियो आउट, जानें कोच के अंदर की सुविधाएं

Vande Bharat : वंदे भारत ट्रेन आए दिन सुर्खियों में बनी रहती है। इसके अंदर मिलने वाली लग्जरी हर पैसेंजर को आकर्षित करती है। हालांकि, शिकायत आने पर समाधान के लिए भी ट्रेन के अंदर स्टाफ मौजूद रहता है, जो पैसेंजर्स की समस्याओं को सुनता है। लेकिन सिर्फ बैठने वाली सीट के साथ ऑपरेट हो रही वंदे भारत अब स्लीपर कोच के साथ भी शुरू होने वाली है। वंदे भारत ट्रेन सेवा के स्लीपर कोच के लॉन्च कार्यक्रम का आयोजन चेन्नई के विल्लीवाकम में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में किया गया । पहली बार वंदे भारत ट्रेनों के स्लीपर कोच इन आईसीएफ रेलवे कारखानों में निर्मित किए गए हैं।

 

इस संबंध में रेलवे की ओर से जारी बयान के अनुसार, स्लीपर कोच वाली वंदे भारत ट्रेन में कुल 823 यात्री सफर कर सकते हैं। इस वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में प्रथम श्रेणी का एसी डिब्बा है जिसमें 24 यात्री यात्रा कर सकते हैं। चार द्वितीय श्रेणी के एसी कोच हैं, जिनमें 188 यात्री यात्रा कर सकते हैं और 11 तृतीय श्रेणी एसी कोच हैं, जिनमें 611 यात्री यात्रा कर सकते हैं।

 

देश भर में वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण तीन राज्यों पंजाब, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में किया जाता है। आईसीएफ के महाप्रबंधक सुब्बा राव के अनुसार, भारत में पहली बार स्लीपर सुविधा वाली वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण विल्लीवाक्कम कोच फैक्ट्री में किया गया है।

 

वंदे भारत स्लीपर कोच की विशेषताएं


रेलवे ने बताया कि इन वंदे भारत स्लीपर कोच ट्रेनों को विभिन्न विशेषताओं के साथ निर्मित किया गया है:
1. सभी कोच में अग्निशामक यंत्र और प्रत्येक बेड के पास एक आपातकालीन स्टॉप बटन है।
2. एक डिब्बे से दूसरे डिब्बे में जाने के लिए स्वचालित दरवाजे हैं और प्रत्येक डिब्बे में एक इमरजेंसी टॉक बैक यूनिट है। इसके माध्यम से ऐसी सुविधाएं बनाई गई हैं कि लोको पायलट यात्री से बात कर सकता है और वे प्रतिक्रिया दे सकते हैं।
3. साथ ही लोको पायलट इंजन से सीसीटीवी फुटेज की निगरानी कर सकता है।
4. प्रत्येक डिब्बे में सीसीटीवी कैमरे, शौचालय की सुविधा, एक चार्जिंग केबल और प्रत्येक बिस्तर के पास एक छोटी सी लाइट है।

 

रात में लंबी दूरी तय करने के लिए डिजाइन
विल्लीवाक्कम आईसीएफ के महाप्रबंधक सुब्बा राव ने भारत स्लीपर कोच ट्रेनों की विशेष विशेषताओं के बारे में बताते हुए आगे कहा, "इस स्लीपर कोच ट्रेन को दिन के बजाय रात में लंबी दूरी तय करने के लिए डिजाइन किया गया है। ट्रायल रन का प्रारंभिक चरण 15 नवंबर के बाद पूरा हो जाएगा, जिसके बाद पश्चिमी रेलवे और मध्य रेलवे पर ट्रायल किए जाएंगे।"

 

15 जनवरी से मिलेगी मंजूरी
उन्होंने कहा कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को अगले साल 15 जनवरी से मंजूरी मिल जाएगी। सुब्बाराव ने कहा कि ये ट्रेन जनवरी के अंत या फरवरी के पहले सप्ताह तक सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने कहा कि ट्रेनों के आपस में टकराने की स्थिति में बड़ी दुर्घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा ढांचे में सुधार किया गया है।

 

120 करोड़ रुपये की लागत
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन 16 डिब्बों वाली है जिसे 120 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है। इसकी सभी चुनौतियों की पहचान कर लखनऊ में परीक्षण किया गया है। इस वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का डिजाइन तैयार करने में एक साल का समय लगा।

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