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Arun Kumar: अंग्रेजों ने हमें अपनी जड़ों से काटा, अगले 25 साल में चमक बिखेरेगा भारत का सूरज

Arun Kumar: अंग्रेजों ने हमें अपनी जड़ों से काटा, अगले 25 साल में चमक बिखेरेगा भारत का सूरज

Arun Kumar: एकात्म मानव दर्शन शोध एवं विकास प्रतिष्ठान की ओर से मंगलवार को जयपुर स्थित बिड़ला ऑडिटोरियम में पंडित दीनदयाल स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, डॉ. प्रेमचंद बैरवा सहित कई मंत्री-विधायक आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संयुक्त महामंत्री अरुण कुमार रहे। उन्होंने 'वर्तमान वैचारिक परिदृश्य एवं चुनौतियां' विषय पर चर्चा की।

इस अवसर पर एकात्म मानव दर्शन शोध एवं विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष डॉ. महेशचंद्र शर्मा, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह, सिविल लाइन विधायक गोपाल शर्मा, जयपुर शहर के पूर्व सांसद रामचरण बोहरा व पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। अरुण कुमार ने कहा कि हमारा स्वतंत्रता संग्राम आजादी की लड़ाई थी। उस समय विदेश से पढ़कर आए लोगों में स्वदेशी की भावना नहीं थी। इसलिए हमने देश के विभाजन की कीमत पर आजादी स्वीकार की, जबकि कुछ समय पहले हमने धर्म के आधार पर बंगाल के विभाजन का विरोध किया था।

आरएसएस के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि हमने पहले एक हजार साल तक संघर्ष किया। आज अपने देश की एक मजबूत अर्थव्यवस्था है. कोविड में भी हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत थी, क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था मैन्युप्लेटेड नहीं है. समाज और तंत्र के स्तर पर हम गुलामी की मानसिकता से मुक्त हैं, लेकिन विचार के स्तर पर अभी बहुत काम करने की जरूरत है. भारत की पहचान हिंदुत्व के साथ स्थापित होती जा रही है. गांव से निकले पहली पीढ़ी के राजनीतिक लोग आज शिखर पर हैं. ये सामाजिक क्रांति है.

उन्होंने कहा, हमारा इस्लाम से संघर्ष अलग था. मंदिर ध्वस्त करना, माता-बहनों के साथ अत्याचार, लड़की-लड़कों का व्यापार, यह हमने पहले कभी नहीं देखा था. इस कालखंड में कई लोगों ने समझौते कर लिए. घूंघट-पर्दा, रात में शादी. ये हमारी परंपरा नहीं थी. इस दौर में हमारी संस्कृति नष्ट हो गई.

अंग्रेजों ने हमें अपनी जड़ों से काटा- अरुण कुमार

उन्होंने कहा, इस्लाम से हम पूरी तरह उबर भी नहीं पाए थे उससे पहले अंग्रेजी आक्रमण हुआ. पहले वो समझ नहीं पाए कि ये मुगल भारत की संस्कृति कैसे खत्म नहीं कर पाए. फिर अंग्रेजों ने अपनी शिक्षा शुरू की, जिसमें सिखाया गया कि आपके पिता, दादा मूर्ख हैं. सही वो है जो स्कूल में टीचर सिखा रहे हैं. पहले जातियां नहीं थीं, समुदाय थे. उन्होंने कहा कि आर्य बाहर से आए. सिर्फ 150-200 साल में अंग्रेजों ने हमें अपने मूल से काट दिया.

घूंघट, इस्लाम और जाति अंग्रेज लाए थे

सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि हमारे देश में कभी पर्दा प्रथा नहीं थी. लेकिन हमारे यहां घूंघट की प्रथा इस्लाम लेकर आया. इसी तरह से हमारे यहां जाति शब्द नहीं था. आज हम जो सुनते हैं एससी-एसटी, यह हमारे यहां नहीं था. हमारे यहां काम के आधार पर समाज की व्यवस्था थी. लेकिन दुर्भाग्य से पिछले 100-150 साल में हम हमारे मूल से कट गए. उन्होंने एक थ्योरी दी कि आर्य बाहर से आए. हमारे यहां कभी भाषा के आधार पर राज्य नहीं थे. आज हम अपने विचारों पर शर्म महसूस करते हैं. इसे बदलने की आवश्यकता है.

अरुण कुमार बोले- अगले 25 साल में चमक बिखेरेगा भारत का सूरज

अरुण कुमार ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमने आजादी का अमृत महोत्सव देखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव का नारा दिया और अगले 25 साल के लिए लक्ष्य तय किया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यवाहक मोहन भागवत ने कहा कि इन 25 साल में हमें स्वाधीनता से स्वतंत्रता का सफर तय करना है. इन 75 सालों में अंधेरा छंटा है. अब अगले 25 साल में देश का सूरज अपनी चमक बिखेरेगा और संपूर्ण विश्व को रोशन करेगा.

अब भ्रम पैदा कर विचारों पर हो रही चोट

उन्होंने कहा- पहले एकलव्य की कहानी एक शिष्य की अपने गुरु के प्रति भक्ति का उदाहरण थी। बाद में इसे आदिवासियों के प्रति अन्याय से जोड़ दिया गया। ब्राह्मण शिक्षक पर संदेह और एक आदिवासी लड़के के साथ अन्याय। अब भ्रम पैदा किया जा रहा है। जैसे आरएसएस तिरंगे और संविधान के खिलाफ है, राष्ट्रगान के खिलाफ है, इस तरह के गलत आरोप लगाए जा रहे हैं।

आजादी की लड़ाई स्व और स्वदेशी की लड़ाई- अरुण कुमार

उन्होंने कहा कि पहले हमारी आजादी की लड़ाई स्व और स्वदेशी पर आधारित थी. नरम दल और गरम दल जैसा कुछ नहीं था, लेकिन विदेश से पढ़कर आए लोगों में स्वदेशी का विचार नहीं था. पंडित नेहरू ने जब अंग्रेजी में किताब लिखी तो महात्मा गांधी बोले थे, उन्हें खुशी होती अगर ये हिंदी में रामराज्य पर होती. इस पर पंडित नेहरू ने कहा था कि अब दुनिया बदल गई है.

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