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सावन का सोमवार 2025 : सावन में शिव पूजा कैसे करें और जानें सावन सोमवार का महत्व

सावन का सोमवार 2025 : सावन में शिव पूजा कैसे करें और जानें सावन सोमवार का महत्व

सावन का महीना हिन्दू धर्म में विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। जुलाई के महीने के सोमवार को भगवान शिव की पूजा का सबसे पवित्र दिन माना जाता है। शिव जी की कृपा के लिए अधिकांश लोग सोमवार का व्रत रखते हैं। वर्ष 2025 में सावन की शुरुआत 10 जुलाई से हो रही है, और इसका पहला सोमवार व्रत 14 जुलाई 2025 को पड़ेगा। सावन में पूजा, कांवड़ यात्रा, दान आदि धार्मिक कार्य किए जाते हैं।

 

सावन में कांवड़ यात्रा


देशभर में भक्तगण इस दिन शिवालयों की ओर कांवड़ लेकर बढ़ते हैं, व्रत रखते हैं, और जलाभिषेक कर भोलेनाथ से सुख-शांति और कल्याण की कामना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण मास में भगवान शिव अपने परिवार सहित धरती पर आते हैं, इसी कारण यह महीना शिव आराधना के लिए सर्वोत्तम माना गया है।

 

क्या है सावन सोमवार का महत्व?


पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सावन में भगवान शिव माता पार्वती के साथ कैलाश पर निवास करते हैं। इस महीने की सोमवारी व्रत रखने से न केवल मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी आती है। विशेष रूप से कुंवारी कन्याएं इस दिन व्रत रखकर अच्छे जीवनसाथी की कामना करती हैं। कहते हैं सच्चे मन से व्रत करने से भगवान शिव जैसा वर मिलता है। शिव भक्तों के लिए सावन का महीना खास होता है।

 

2025 में सावन सोमवार की तारीखें


इस साल सावन 2025 के पहले सोमवार की शुरुआत 13 जुलाई को देर रात 1:02 हो रही है और इसका समापन 14 जुलाई को देर रात 11:59 पर हो रहा है। ऐसे में 14 जुलाई को सावन के पहले सोमवार का व्रत रखा जाएगा और इसी दिन गजानन संकष्टी चतुर्थी भी मनाई जा रही है। वहीं, कुछ भक्त 16 सोमवार के व्रत भी रखते हैं और 16 सोमवार की शुरुआत सावन मास के पहले सोमवार से ही होती है। इसके अलावा, श्रावण मास में माता पार्वती की उपासना की जाती है। आइये जानें सावन सोमवार के व्रत के दिन-

 

  • पहला सोमवार – 14 जुलाई 2025
  • दूसरा सोमवार – 21 जुलाई 2025
  • तीसरा सोमवार – 28 जुलाई 2025
  • चौथा सोमवार – 4 अगस्त 2025

 

सावन में भगवान शिव को खुश कैसे करें


सावन सोमवार के दिन सभी शिव भक्त ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान कर शिव मंदिर जरूर जाएं। वहां शिवलिंग का गंगाजल, कच्चे दूध, दही, शहद और बेलपत्र से अभिषेक करें। भक्त "ॐ नमः शिवाय" और "महामृत्युंजय मंत्र" का जाप अवश्य करें। आपके घर में शिवलिंग हो तो कच्चा दूध और गंगा जल से अभिषेक करें। शिव कृपा प्राप्ति के लिए आप पूजा के समय शिव चालीसा का पाठ करें। समापन के समय शिव जी की आरती करें। शिव चालीसा में भगवान शिव शंकर की महिमा का बखान है और आरती करने से पूजा पूर्ण होती है।

शिव भक्त भगवान शिव का अभिषेक प्रतिदिन कर सकते हैं। सावन सोमवार के दिन अभिषेक अवश्य करें। इससे भगवान शिव की विशेष कृपा आपको प्राप्त होगी और भगवान शिव के मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए जैसे नमः शिवाय, ऊं नमः शिवाय.कई स्थानों पर कांवड़ यात्रा का आयोजन होता है, जहां भक्त हरिद्वार, गंगोत्री और अन्य तीर्थों से गंगाजल लाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। श्रद्धालु इस पूरे माह शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं, व्रत रखते हैं।

 

सावन में महामृत्युंजय मंत्र का जाप अवश्य करें -ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
मंत्र का अर्थ - हम त्रिनेत्र (भगवान शिव) की पूजा करते हैं, जो सुगंधित और पोषण करने वाले हैं। जैसे फल (ककड़ी) अपनी बेल से अलग हो जाता है, वैसे ही हमें मृत्यु और अमृतत्व से मुक्त करें।

 

व्रत में क्या खाएं?


सावन सोमवार व्रत में फलाहार, साबूदाना, सिंघाड़े का आटा आदि खा सकते हैं। ध्यान रहे ये पदार्थ एक समय ही ग्रहण करें। व्रत संकल्प के बाद शिव पूजा के लिए हलवा, खीर का भोग बनाएं। व्रत का पारण शिव के पूजा के बाद करें।


सावन का सोमवार 2025 शिवभक्ति से गूंजेगा वातावरण


सावन के सोमवार को शिव मंदिरों में लंबी कतारें, घंटियों की गूंज और 'हर हर महादेव' के जयघोष से माहौल भक्तिमय हो जाता है। यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा भी होती है जो आत्मा को शुद्धि की ओर ले जाती है। भगवान शिव के गले में सर्प, डमरू, नंदी गाय, महामृत्युंजय यंत्र, रुद्राक्ष की माला, का अलग ही महत्व है।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

 

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