
Bharat Bandh 2025: ट्रेड यूनियनों की हड़ताल से देशभर में जनजीवन प्रभावित होने की आशंका
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Shweta
- July 8, 2025
बुधवार को देशभर में व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी है, जिसे भारत बंद 2025 (Bharat Bandh 2025) के रूप में जाना जा रहा है। इस बंद का आह्वान देश की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने किया है और अनुमान है कि इसमें 25 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी हिस्सा लेंगे। यह हड़ताल केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और कॉरपोरेट समर्थक नीतियों के खिलाफ एकजुट विरोध के रूप में देखी जा रही है।
यह ट्रेड यूनियन की भारत हड़ताल (Trade union strike India) कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्रभावित कर सकती है, जिनमें बैंकिंग, बीमा, डाक सेवाएं, कोयला खनन, इस्पात उद्योग, राज्य परिवहन और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम शामिल हैं। ट्रेड यूनियनों का आरोप है कि सरकार पिछले 10 वर्षों से मजदूरों से जुड़ी वार्षिक बैठकें आयोजित नहीं कर रही है और लगातार श्रम कानूनों को निजी कंपनियों के हित में बदल रही है।
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) की महासचिव अमरजीत कौर के अनुसार, इस हड़ताल में ग्रामीण क्षेत्रों के किसान और खेतिहर मजदूर भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा और खेत मजदूर संगठनों ने भी इस बंद को अपना समर्थन दिया है और गांव-गांव में लोगों को लामबंद करने का निर्णय लिया है।
इससे पहले ट्रेड यूनियनों ने श्रम मंत्री को 17-सूत्रीय मांगपत्र सौंपा था, जिसमें न्यूनतम वेतन तय करना, स्थायी नौकरियों की बहाली, सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाना, और निजीकरण की नीतियों पर रोक लगाने जैसी प्रमुख मांगें शामिल थीं। यूनियनों का कहना है कि सरकार ने इन मुद्दों पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया, जिससे आक्रोश और गहरा गया है।
हिंद मजदूर सभा के अध्यक्ष हरभजन सिंह सिद्धू ने कहा कि यह हड़ताल केवल मजदूर हितों की रक्षा के लिए नहीं बल्कि जनता की मूलभूत जरूरतों – जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार – की मांगों के लिए भी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही संवाद की प्रक्रिया नहीं शुरू की, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
इससे पहले भी 26 नवंबर 2020, 28-29 मार्च 2022 और 16 फरवरी 2024 को इसी तरह की हड़तालें की जा चुकी हैं। लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते मजदूर संगठनों ने एक बार फिर देशव्यापी प्रदर्शन का फैसला लिया है।
भारत बंद 2025 (Bharat Bandh 2025) और ट्रेड यूनियन की भारत हड़ताल (Trade union strike India) इस बार केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि एक बड़ा जनसंकल्प है, जो सरकार को उसकी नीतियों पर पुनर्विचार के लिए मजबूर करने का प्रयास है।
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