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भारत-वेस्टइंडीज टेस्ट में दर्शकों की कमी, क्यों हो रहा है ऐसा?

भारत-वेस्टइंडीज टेस्ट में दर्शकों की कमी, क्यों हो रहा है ऐसा?

IND vs WI टेस्ट अहमदाबाद में दर्शकों की कमी

एशिया कप की जीत का जोश अभी थमा भी नहीं था कि IND vs WI टेस्ट अहमदाबाद में शुरू हुआ, लेकिन इस बार चर्चा बल्लेबाजों और गेंदबाजों से ज्यादा खाली सीटों की रही। नरेंद्र मोदी स्टेडियम जैसा विशाल और आधुनिक मैदान हजारों खाली कुर्सियों के कारण सुर्खियों में रहा। भारत-वेस्टइंडीज क्रिकेट दर्शक इस टेस्ट में नज़र ही नहीं आए और भारत-वेस्टइंडीज मैच भीड़ बेहद कम रही। कई फैन्स का कहना था कि दशहरे के दिन मैच शुरू करना और एशिया कप के तुरंत बाद टेस्ट सीरीज़ का आयोजन करना क्रिकेट का ओवरडोज़ है। यही वजह है कि IND vs WI टेस्ट अहमदाबाद का माहौल फीका पड़ गया। BCCI टेस्ट मैच फैसले पर सोशल मीडिया पर सवाल उठे कि क्या इतने बड़े स्टेडियम को "छोटी टीम" के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट के लिए चुनना सही था।

 

भारत ने गेंदबाजी में शानदार प्रदर्शन किया। मोहम्मद सिराज ने 4 विकेट, बुमराह ने 3, कुलदीप यादव ने 2 और वॉशिंगटन सुंदर ने 1 विकेट झटके, जिससे वेस्टइंडीज की टीम सिर्फ 162 रन पर सिमट गई। लेकिन इसके बावजूद भारत-वेस्टइंडीज क्रिकेट दर्शक की कमी इस मुकाबले की चमक कम कर गई। IND vs WI टेस्ट अहमदाबाद की यह तस्वीर यह दिखाती है कि जब भारत-वेस्टइंडीज मैच भीड़ नहीं जुटा पा रहा तो टेस्ट क्रिकेट के भविष्य पर सवाल खड़े होना स्वाभाविक है।

 

BCCI टेस्ट मैच फैसले और भविष्य की रणनीति

इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या BCCI टेस्ट मैच फैसले सही दिशा में जा रहे हैं? विराट कोहली ने भी 2019 में कहा था कि भारत को केवल 5 निश्चित टेस्ट सेंटर बनाने चाहिए, ताकि फैन्स को पता रहे कि टेस्ट क्रिकेट कहां खेला जाएगा और भारत-वेस्टइंडीज क्रिकेट दर्शक जैसी स्थिति न बने। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने अपने टेस्ट मैच केवल 9–10 मैदानों तक सीमित रखे हैं, जबकि भारत ने 21वीं सदी में 18 अलग-अलग वेन्यू में मुकाबले कराए हैं। यही कारण है कि IND vs WI टेस्ट अहमदाबाद जैसे आयोजनों में भी भारत-वेस्टइंडीज मैच भीड़ नजर नहीं आती।

 

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत टेस्ट क्रिकेट को लोकप्रिय बनाए रखना चाहता है तो IND vs WI टेस्ट अहमदाबाद जैसी घटनाओं से सबक लेना होगा और स्थिर वेन्यू चुनने होंगे। BCCI टेस्ट मैच फैसले को केवल रोटेशन और राजनीतिक दबाव से नहीं, बल्कि दर्शकों की रुचि और क्रिकेट की गरिमा को ध्यान में रखकर लेना चाहिए। भारत-वेस्टइंडीज क्रिकेट दर्शक की कमी से साफ है कि दर्शकों को आकर्षित करने के लिए छोटे लेकिन लोकप्रिय स्टेडियम ज्यादा बेहतर विकल्प हो सकते हैं। आने वाले समय में भारत-वेस्टइंडीज मैच भीड़ तभी बढ़ेगी जब टेस्ट क्रिकेट को सही रणनीति और स्थायी वेन्यू मिलेंगे।

 

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें: The India Moves

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