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नेपाल में भारी बारिश का कहर: भूस्खलन और बाढ़ से कई इलाके प्रभावित

नेपाल में भारी बारिश का कहर: भूस्खलन और बाढ़ से कई इलाके प्रभावित

नेपाल में पिछले दिनों लगातार हुई भारी बारिश के कारण देश के कई हिस्सों में भूस्खलन और नेपाल बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं आई हैं। सूत्रों के अनुसार, इस आपदा में अब तक करीब 52 लोगों की मौत हुई है और कई लोग घायल हैं। साथ ही, सात लोग लापता भी बताए जा रहे हैं। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है। यह नेपाल मौसम अलर्ट जारी होने के बाद भी जारी है और प्रभावित इलाके में सुरक्षा एजेंसियां लगातार तैनात हैं।

 

पूर्वी नेपाल में सबसे अधिक तबाही


नेपाल के पूर्वी इलम जिले में पिछले 24 घंटों में लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण 38 लोगों की मौत हुई है। सूर्योदय और मंगसेबुंग नगरपालिकाओं में कई घर बह गए और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। यह इलाके नेपाल प्रभावित इलाके की सूची में सबसे ऊपर हैं। बाढ़ और भूस्खलन से इलाके के निवासियों की जान और संपत्ति दोनों को गंभीर खतरा है।

 

मधेश और बागमती प्रांत में आपदा


नेपाल के दक्षिणी मैदानी इलाके मधेश प्रांत में बिजली गिरने और बाढ़ के कारण तीन लोगों की मौत हुई, जबकि बारा जिले में एक व्यक्ति लापता है। बागमती प्रांत में बाढ़ के कारण आवासीय इलाकों में पानी भर गया और प्रशासन ने निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की सलाह दी। भारी बारिश और भूस्खलन के चलते नेपाल के कई नेपाल प्रभावित इलाके में राहत और बचाव अभियान जारी है।

 

कोशी प्रांत में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति


भारत की सीमा के पास स्थित कोशी प्रांत में नेपाल भारी बारिश से सबसे अधिक नुकसान हुआ। कोशी बैराज में जलस्तर 523,795 क्यूसेक प्रति सेकंड तक बढ़ गया। प्रशासन ने सभी 56 गेट बंद कर दिए हैं और खतरे के संकेत के तौर पर लाल बत्तियां जलाई गई हैं। यह इलाके भारत के लिए भी चिंता का विषय है, क्योंकि मानसून के दौरान कोशी नदी के उफान से बिहार में बाढ़ की संभावना रहती है।

 

सुरक्षा एजेंसियों और राहत अभियान


नेपाल सेना, सशस्त्र पुलिस बल और नेपाल पुलिस को प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है। नदी किनारे बसे नेपाल प्रभावित इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। अधिकारियों ने लोगों से निवास और यात्रा के दौरान विशेष सावधानी बरतने को कहा है। प्रशासन ने बचाव, राहत और पुनर्वास कार्यों को प्राथमिकता दी है और प्रारंभिक नुकसान के आंकड़े शीघ्र एकत्र करने के निर्देश दिए हैं।

 

जल विद्युत परियोजनाओं पर प्रभाव


भारी बारिश और भूस्खलन से नेपाल में 18 जलविद्युत परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं। इनमें 13 चालू और 5 निर्माणाधीन परियोजनाएं शामिल हैं, जिससे बिजली उत्पादन बाधित हुआ है। नेपाल, जो जलविद्युत क्षमता में समृद्ध है, अब जलवायु परिवर्तन और नेपाल भारी बारिश जैसी आपदाओं के कारण बुनियादी ढांचे के जोखिम का सामना कर रहा है।

 

मौसम विज्ञान विभाग की चेतावनी


नेपाल के जल विज्ञान एवं मौसम विज्ञान विभाग (डीएचएम) ने चेतावनी दी है कि मानसून कमजोर हुआ है, लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। बागमती, त्रिशूली, पूर्वी राप्ती, लालबकैया और कमला जैसी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर था। अब धीरे-धीरे जलस्तर कम हो रहा है, लेकिन लोगों और वाहन चालकों से सतर्क रहने की अपील जारी है।

 

नेपाल बारिश अपडेट और भविष्य की संभावनाएं


डीएचएम के अनुसार, बंगाल की खाड़ी से आने वाली मानसूनी हवा के प्रभाव से नेपाल में भारी नेपाल बारिश अपडेट जारी है। प्रशासन ने निवासियों को नदी के किनारे और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से दूर रहने के निर्देश दिए हैं। राहत और बचाव अभियान प्रभावित इलाकों में तेजी से चल रहा है।

 

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