
पूर्व ATS अधिकारी ने मालेगांव केस और मोहन भागवत को लेकर किया बड़ा दावा
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Manjushree
- August 1, 2025
महाराष्ट्र के मालेगांव में 2008 में बम धमाके से 6 लोग मारे गए थे, जबकि करीब 100 अन्य घायल हो गए थे। मालेगांव ब्लास्ट केस मामले में बीजेपी पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल पुरोहित समेत 7 लोंगो को NIA स्पेशल कोर्ट ने 17 साल बाद निर्दोष करार देते हुए 31 जुलाई 2025 को बरी कर दिया।
मालेगांव ब्लास्ट केस में एक सनसनी खबर सामने आई है। महाराष्ट्र के पूर्व ATS अधिकारी महबूब मुजावर ने मालेगांव ब्लास्ट केस को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। मालेगांव ब्लास्ट केस में उनका दावा है कि मालेगांव धमाका मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत को फंसाने और उन्हें अरेस्ट करने का आदेश मिला था। उन्होंने कहा कि वह 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए विस्फोट की जांच करने वाली एटीएस टीम का हिस्सा थे।
मोहन भागवत पर पूर्व ATS अधिकारी ने बयान में दावा किया कि, मुझे भगवा आतंकवाद स्थापित करने के लिए भागवत की गिरफ्तारी का दबाव बनाया गया था। इसमें आगे पूर्व ATS अफसर का बड़ा खुलासा करते हुए ये भी कहा कि, मेरे पास इस दावे के दस्तावेज मौजूद हैं।
मालेगांव विस्फोट खुलासा में पूर्व ATS अधिकारी मुजावर ने दावा किया कि उन्हें मोहन भागवत को अरेस्ट करने का आदेश दिया गया था। उन्होंने आगे कहा कि एटीएस ने उस समय क्या जांच की और क्यों लेकिन मुझे राम कलसांगरा, संदीप डांगे, दिलीप पाटीदार और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जैसी हस्तियों के बारे में कुछ गोपनीय आदेश दिए गए थे।
पूर्व ATS अफसर महबूब मुजावर में यह भी कहा कि, मैंने आदेशों का पालन नहीं किया। मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया। इससे मेरे चालीस साल का करियर बर्बाद कर दिया गया। मोहन भागवत जैसे व्यक्ति को पकड़ना मेरी क्षमता से बाहर था। अब इस मामले में सातों आरोपियों को बरी किया गया है। इससे ATS के फर्जी कामों का पर्दाफाश हो गया।
पूर्व ATS अधिकारी महबूब मुजावर के दावे पर भाजपा सांसद संबित पात्रा ने ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा- सबकुछ गांधी परिवार के कहने पर हो रहा था। मोहन भागवत को झूठे केस में फंसाने की साजिश थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा भगवा आतंकवाद का झूठा नरेटिव रचा गया।
मालेगांव ब्लास्ट केस मामले में असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "हम सभी जानते हैं कि मामले की पूरी सच्चाई आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए थी। कांग्रेस ने मोहन भागवत को इस मामले में लाने की साजिश रची है।
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Frequently Asked Questions:
Q1. पूर्व ATS अधिकारी ने मालेगांव केस को लेकर क्या दावा किया है?
Ans. पूर्व ATS अधिकारी ने मालेगांव केस को लेकर क्या दावा किया कि, मालेगांव धमाका मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत को फंसाने और उन्हें अरेस्ट करने का आदेश मिला था।
Q2. क्या मोहन भागवत का नाम मालेगांव केस से जुड़ा था?
Ans. नहीं, मोहन भागवत का नाम मालेगांव केस से नहीं जुड़ा था।
Q3. मालेगांव ब्लास्ट केस क्या है?
Ans. महाराष्ट्र के मालेगांव में 2008 में बम धमाके से 6 लोग मारे गए थे, जबकि करीब 100 अन्य घायल हो गए थे। मालेगांव ब्लास्ट केस मामले में बीजेपी पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल पुरोहित समेत 7 लोंगो को आरोपी बनाया गया था।
Q4. क्या यह बयान कोर्ट में दर्ज किया गया है?
Ans. नहीं
Q5. यह बयान किस पूर्व ATS अधिकारी ने दिया है?
Ans. पूर्व ATS अधिकारी महबूब मुजावर ने दिया, जो 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए विस्फोट की जांच करने वाली एटीएस टीम का हिस्सा थे।
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