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Jammu and Kashmir : जानिए कब तक पूर्ण राज्य बन जाएगा जम्मू-कश्मीर ? क्या कहता है नियम

Jammu and Kashmir : जानिए कब तक पूर्ण राज्य बन जाएगा जम्मू-कश्मीर ? क्या कहता है नियम

Jammu and Kashmir : हाल ही में जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) में करीब 10 साल बाद विधानसभा (J&K Election) के चुनाव हुए और उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) केंद्र शासित प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं। वहीं उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने पहुंचीं पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती (PDP Chief Mehbooba Mufti) ने भी जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य (Statehood) का दर्जा बहाल करने की मांग केंद्र सरकार (Government of India) से की थी। वहीं उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Confrence) ने भी विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी की सरकार बनने पर धारा 370 (Artical 370) और जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा फिर से बहाल करने का वादा किया था। अब केंद्र शासित प्रदेश में क्योंकि नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार बन चुकी है, तो अब क्षेत्र में फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किए जाने की मांग जोर-शोर से उठने लगी है। इस बीच बड़ा सवाल ये है कि क्या वाकई में अब जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा फिर से बहाल हो सकता है और इसे लेकर क्या नियम हैं। इस आर्टिकल में हम इसी बारे में जानेंगे।

 

पूर्ण राज्य बनने के लिए पूरे करने होते हैं कुछ जरूरी मानदंड

सबसे पहली बात तो ये कि पूर्ण राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में अंतर की है। तो बता दें पूर्ण राज्य का दर्जा एक ऐसी प्रशासनिक इकाई को दिया जाता है, जिसके पास अपनी स्वयं की विधानसभा, सरकार और संवैधानिक अधिकार होते हैं। यह केंद्र सरकार के अधीन रहते हुए भी स्वायत्तता प्रदान करता है। हालांकि किसी क्षेत्र को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए कुछ नियमों का पालन करना होता है। जैसे उस जगह पर भौगोलिक स्वरूप एकरूप होना चाहिए। साथ ही क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास एक निश्चित स्तर पर होना चाहिए। इसके अलावा क्षेत्र की जनसंख्या पर्याप्त होनी चाहिए और क्षेत्र की वित्तीय स्थिति मजबूत होनी चाहिए। इसके अलावा क्षेत्र के लोगों को भी पूर्ण राज्य की मांग का समर्थन करना होगा। इसके बाद ही केंद्र सरकार किसी केंद्र शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के बारे में विचार करती है।

 

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पूरी तरह केंद्र पर निर्भर करेगा जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना

बता दें 2019 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Government) ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून (Jammu and Kashmir Reorganization Act 2019) पास कर जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया था। ऐसे में अब अगर जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा देना है, तो इस कानून में संशोधन करना होगा। वहीं अगर उमर अब्दुल्ला पहली कैबिनेट मीटिंग में (Omar Abdullah Cabinate) राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर प्रस्ताव पास कर भी देते हैं, तो इससे सिर्फ केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा सकता है। लेकिन इससे केंद्र सरकार इसका फैसला लेने के लिए बाध्य नहीं होगी। इस तरह का प्रस्ताव पास होने के बाद उसे केंद्र के पास भेजा जाएगा। इसके बाद केंद्र पर निर्भर करता है कि वो जम्मू कश्मीर को अभी पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करती है या फिर नहीं।

 

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