Dark Mode
  • day 00 month 0000

"नारी से नवभारत तक": जानिए उन महिलाओं की कहानी जिन्होंने सिस्टम को बदल डाला

भारत को बदलने की कहानी सिर्फ तकनीक, विकास या कानूनों से नहीं जुड़ी है, बल्कि उन प्रेरणादायक महिलाओं से भी जुड़ी है, जिन्होंने अपने हौसले, मेहनत और सोच से देश को नई दिशा दी।

 

आज भारत की नारी शक्ति सिर्फ घर की चारदीवारी में नहीं, बल्कि सिस्टम को बदलने और समाज सुधारने में सबसे आगे है। कभी सिर्फ घर तक सीमित मानी जाने वाली महिलाएं अब नवभारत में बदलाव की मिसाल बन चुकी हैं। जी हां, आज हम बात कर रहे हैं कुछ ऐसी भारत की प्रेरणादायक महिलाओं की, जिन्होंने ना सिर्फ अपने जीवन को बदला, बल्कि अपने संघर्ष और साहस से पूरे समाज में नई रोशनी फैलाई।

 

किरण बेदी (पुलिस व्यवस्था में बदलाव)

 

भारत की प्रभावशाली महिला में हम बात करें तो किरण बेदी (Kiran Bedi) से हर कोई वाकिफ होगा, किरण बेदी ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में कई प्रभावशाली बदलाव किए, खासतौर पर महिलाओं के सशक्तिकरण और जेल सुधार के क्षेत्र में। तिहाड़ जेल में उन्होंने कई पहल कीं ,वहां कैदियों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं देना, साथ ही नशामुक्ति को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाए। उनकी पहल ने जेलों को केवल दंडस्थल नहीं बल्कि सुधार केंद्र बनाने की दिशा में बड़ा योगदान दिया।

 

इरोम शर्मिला (मणिपुर की आयरन लेडी)

 

महिलाओं की सफलता की कहानी में जानें इरोम शर्मिला (Irom Sharmila) मणिपुर की जानी-मानी मानवाधिकार कार्यकर्ता की। जिन्होंनेAFSPA (सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम) जैसे कठोर कानून के खिलाफ 16 साल तक अनशन किया। उन्हें "आयरन लेडी ऑफ मणिपुर" कहा जाता है। उनका उद्देश्य था कि सेना को लोगों पर अत्याचार करने से रोका जाए और शांति से समाधान निकाला जाए। उनका शांतिपूर्ण संघर्ष महिला अधिकार और लोकतंत्र की मजबूती की मिसाल है।

 

कल्पना सरोज (सामाजिक और आर्थिक बदलाव की मिसाल)

 

महिला बदलाव की मिसाल में कल्पना सरोज (Kalpana Saroj), जिन्हें भारत की "स्लमडॉग मिलियनेयर" कहा जाता है, एक दलित महिला होने के बावजूद आर्थिक और सामाजिक बाधाओं को पार करके एक सफल व्यवसायी बनीं। घरेलू हिंसा और भेदभाव का सामना करने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और नया जीवन शुरू किया। उन्होंने छोटे-छोटे कामों से पैसे जोड़े और फिर कमानी ट्यूब्स नाम की बंद हो चुकी कंपनी को खरीदकर उसे फिर से चालू किया। आज वह एक सफल व्यापार करने वाली महिला हैं और हजारों लोगों को रोजगार दे रही हैं। उनकी कहानी महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है।

 

कादंबिनी गांगुली और चंद्रमुखी बसु (शिक्षा में महिलाओं की पहली किरण)

 

भारत की प्रभावशाली महिला में अब हम बात करते हैं उन नारी शक्ति की जिन्होंने 1883 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया। जब महिलाओं को पढ़ाई की इजाज़त तक मुश्किल से मिलती थी। कादंबिनी गांगुली (Kadambini Ganguly) ने भारत की पहली महिला डॉक्टर बन के लोगो को गलत साबित किया। वहीँ महिला कॉलेज की प्रिंसिपल बनीं चंद्रमुखी बसु (Chandramukhi Basu) ने लड़कियों की शिक्षा को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई। इन दोनों महिलाओं ने समाज की सोच को बदला और साबित किया कि लड़कियाँ भी पढ़-लिखकर बदलाव ला सकती हैं। दोनों भारत की पहली महिला ग्रेजुएट्स थीं।

 

मीनाक्षी अरोड़ा (अदालत में महिला अधिकारों की आवाज़)

 

भारत की प्रभावशाली महिला में मीनाक्षी अरोड़ा (Minakshi Arora), जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट की वकील ने POSH और घरेलू हिंसा कानून जैसे मामलों में महिलाओं की तरफ से लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा, महिला सशक्तिकरण सिर्फ नारे से नहीं, न्याय से आता है। उनकी वजह से कई महिलाओं को इंसाफ मिला है।

 

नारी से नवभारत तक की यात्रा में कई ऐसी महिलाओं की कहानियां हैं जिन्होंने न केवल अपने जीवन में बल्कि समाज और सिस्टम में भी बदलाव लाए हैं। ये महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाकर दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बनी हैं। इन महिलाओं की कहानियाँ साबित करती हैं कि नवभारत में महिलाओं की भूमिका कितनी अहम है। चाहे शिक्षा हो, स्वास्थ्य, न्याय या पुलिस, हर क्षेत्र में सिस्टम को सुधारने वाली महिलाएं आगे आ रही हैं। यह बदलाव की लहर अब थमने वाली नहीं है। आज जब देश विकास की बात करता है, तो उसमें महिलाओं की भागीदारी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह “नवभारत” तभी बनेगा जब हर बेटी, हर महिला को बराबरी का हक़ और अवसर मिलेगा।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

Comment / Reply From

Vote / Poll

क्या राजस्थान मे बेरोजगारी का मुद्दा खत्म हो चुका है ..

View Results
Yes
10%
No
90%

Talk to us?