
PM मोदी को तिरंगा फहराने से रोकने पर मिलेंगे 11 करोड़, भड़काने पर आतंकी पन्नू पर NIA ने लिया एक्शन
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Manjushree
- September 24, 2025
NIA ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया है। आतंकी पन्नू NIA एक्शन इसलिए लिया है क्योंकि पन्नू ने इस साल 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लाल किले पर तिरंगा फहराने से रोकने वालों को इनाम देने का ऐलान किया था और सिख समुदाय में भारत के खिलाफ असंतोष फैलाने की कोशिश की।
तिरंगा रोकने की धमकी पर NIA की FIR के अनुसार, पन्नू प्रतिबंधित संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) का जनरल काउंसल है। जानकारी के मुताबिक, 10 अगस्त 2025, को पाकिस्तान के लाहौर प्रेस क्लब में 'मीट द प्रेस' आयोजित एक कार्यक्रम में आतंकी पन्नू ने वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा कि जो सिख सैनिक प्रधानमंत्री को लाल किले पर तिरंगा फहराने से रोकेंगे, उन्हें 11 करोड़ रुपये का इनाम दिया जाएगा। इसी दौरान पन्नू ने खालिस्तान का एक नया नक्शा भी जारी किया, जिसमें पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश को शामिल दिखाया गया।
NIA की बड़ी कार्रवाई करते हुए FIR में यह भी उल्लेख है कि पन्नू और SFJ ने भारत के खिलाफ गतिविधियों को तेज करने के लिए ‘शहीद जत्था’ नाम का संगठन बनाने का ऐलान किया। आतंकी पन्नू पर शिकंजा कसते हुए NIA का कहना है कि उसके पास इस संबंध में वीडियो सबूत और पुख्ता जानकारी मौजूद है।
आतंकी पन्नू NIA ने एक्शन लेते हुए FIR भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय कानून की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। यह एफआईआर 19 अगस्त को गृह मंत्रालय के निर्देश पर दर्ज की गई है। इसमें पन्नू पर भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने और सिख समुदाय में भारत के खिलाफ असंतोष फैलाने के आरोप लगाए गए हैं।
तिरंगा रोकने की धमकी और 11 करोड़ का इनाम की घोषणा को लेकर गृह मंत्रालय ने कहा कि पन्नू ने भारत की संप्रभुता को चुनौती देते हुए खालिस्तान का प्रचार किया और पंजाब पर भारत के अधिकार को नकारने की कोशिश की। PM मोदी सुरक्षा साजिश के मामले की जांच NIA को इसलिए सौंपी गई है ताकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़ी इस साजिश के सभी पहलुओं का पता लगाया जा सके।
खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू को अमेरिकी नागरिकता उस वक्त मिली जब उसने अमेरिका जाकर पढ़ाई की और वहां लॉ प्रैक्टिस शुरू की। तब तक भारत ने उसे आतंकी घोषित नहीं किया था। वो खुद को एक वकील और एक्टिविस्ट दिखाता, जो मानवाधिकार और सिख रेफरेंडम से मुद्दों पर काम कर रहा था। अमेरिका के इमिग्रेशन कानून के तहत नागरिकता का आवेदन करते वक्त अगर शख्स के खिलाफ क्रिमिनल रिकॉर्ड न हो तो उसे नागरिकता मिल जाती है। अमेरिका में पन्नू बचा हुआ है क्योंकि उसने यूएस को किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाया। अमेरिका उसे अब भी फ्री स्पीच एक्टिविस्ट की तरह देखता है।
खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू लंबे समय से अमेरिका में रहते हुए भारत-विरोधी गतिविधियों को हवा दे रहा है। इसमें भारत को खुलेआम भड़काऊ बयानबाजियां करते हुए धमकी देने के बाद भी पन्नू पर अब एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा। भारत ने 2019 में उसे UAPA के तहत आतंकी घोषित किया है।
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