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आधार है, वोटर ID है, पैन भी… फिर भी क्यों नहीं साबित होती नागरिकता?

आधार है, वोटर ID है, पैन भी… फिर भी क्यों नहीं साबित होती नागरिकता?

भारत में पहचान से जुड़े दस्तावेजों की भरमार है, आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस आदि। आमतौर पर ये सभी दस्तावेज व्यक्ति की पहचान और पते को प्रमाणित करने के लिए काफी माने जाते हैं। लेकिन जब बात भारतीय नागरिकता प्रमाण की आती है, तो इन दस्तावेजों की वैधता संदिग्ध हो जाती है। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले चल रही वोटर लिस्ट की समीक्षा ने इस विवाद को और गहरा कर दिया है। आइए समझते हैं कि आखिर क्यों आधार कार्ड और नागरिकता को एक-दूसरे का पर्याय नहीं माना जा सकता।

 

आधार कार्ड: पहचान, लेकिन नागरिकता नहीं

UIDAI और नागरिक अधिकार संस्था द्वारा जारी आधार कार्ड आज भारत में सबसे अधिक उपयोग होने वाला पहचान पत्र बन चुका है। बैंक खाता खुलवाना हो, सरकारी योजना का लाभ लेना हो या फिर मोबाइल सिम खरीदनी हो – हर जगह आधार कार्ड अनिवार्य हो गया है। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से आधार कार्ड को भारतीय नागरिकता प्रमाण नहीं माना गया है।

 

आधार एक्ट 2016 की धारा-9 स्पष्ट रूप से कहती है कि आधार नंबर केवल पहचान का माध्यम है, न कि नागरिकता या डोमिसाइल का प्रमाण। UIDAI का भी यही कहना है कि आधार केवल पहचान को सत्यापित करता है, न कि नागरिकता को। आधार कार्ड बनवाने के लिए जरूरी दस्तावेजों में पासपोर्ट, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि आते हैं, लेकिन ये सभी दस्तावेज खुद नागरिकता का प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं होते।

 

वोटर कार्ड: नागरिकता का प्रमाण नहीं, केवल मतदाता सूची की सदस्यता

वोटर आईडी कार्ड भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया गया एक फोटो पहचान पत्र है। यह व्यक्ति को भारत में मतदान का अधिकार देता है। लेकिन हाल ही में बिहार में SIR (विशेष पुनरीक्षण अभियान) के तहत निर्वाचन आयोग ने वोटर कार्ड को नागरिकता का प्रमाण मानने से इनकार कर दिया।

 

चुनाव आयोग का तर्क है कि पहले कई बार धोखाधड़ी से वोटर कार्ड बनाए गए हैं। यदि इन्हें ही नए वोटर लिस्ट के लिए आधार मान लिया जाए तो यह प्रक्रिया निष्प्रभावी हो जाएगी। इसलिए, आधार कार्ड और नागरिकता की ही तरह, वोटर कार्ड को भी नागरिकता साबित करने के लिए अपर्याप्त माना गया है।

 

पैन और राशन कार्ड: पहचान के लिए उपयोगी, नागरिकता के लिए नहीं

पैन कार्ड भारत सरकार के आयकर विभाग द्वारा जारी किया गया एक टैक्स पहचान पत्र है, जो NRI और विदेशी कंपनियों को भी जारी किया जा सकता है। इसलिए यह भारतीय नागरिक होने की पुष्टि नहीं करता। राशन कार्ड, जो आम तौर पर राज्य सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा के लिए जारी किया जाता है, भी सिर्फ निवास और आर्थिक स्थिति का प्रमाण है, न कि नागरिकता का।

 

किन दस्तावेजों से साबित होती है नागरिकता?

जब आधार, पैन, राशन और वोटर कार्ड से नागरिकता साबित नहीं होती, तो सवाल उठता है कि आखिर भारतीय नागरिकता प्रमाण किन दस्तावेजों से होता है? निर्वाचन आयोग ने बिहार में SIR के लिए 11 दस्तावेज मान्य किए हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

  • भारतीय पासपोर्ट
  • जन्म प्रमाण पत्र (सरकारी निकाय से जारी)
  • मान्यता प्राप्त बोर्ड द्वारा जारी मैट्रिकुलेशन प्रमाण पत्र
  • डोमिसाइल प्रमाण पत्र
  • सरकार द्वारा जारी भूमि या मकान आवंटन प्रमाण पत्र
  • जाति प्रमाण पत्र (ओबीसी/एससी/एसटी)
  • परिवार रजिस्टर
  • राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहां लागू हो)

 

इन दस्तावेजों में से खासकर पासपोर्ट और जन्म प्रमाण पत्र को सबसे विश्वसनीय भारतीय नागरिकता प्रमाण माना जाता है, क्योंकि इन्हें जारी करने से पहले व्यक्ति की पृष्ठभूमि और नागरिकता की गहन जांच की जाती है।

 

UIDAI और नागरिक अधिकार: पहचान और अधिकारों के बीच का अंतर

UIDAI और नागरिक अधिकार की चर्चा यहां महत्वपूर्ण है क्योंकि यह संस्था आधार कार्ड को जारी करती है। UIDAI के अनुसार, आधार केवल एक इलेक्ट्रॉनिक पहचान है जिसे कोई भी व्यक्ति सत्यापित कर सकता है। लेकिन यह भारत में रह रहे विदेशी नागरिकों को भी जारी किया जा सकता है यदि वे आधार के लिए निर्धारित समय तक देश में रहे हों। इसलिए आधार का होना किसी भी सूरत में यह साबित नहीं करता कि वह व्यक्ति भारत का नागरिक है।

 

पहचान और नागरिकता – समान नहीं

आज भी बड़ी संख्या में भारतीयों को यह भ्रम है कि आधार कार्ड उनके नागरिक अधिकारों की गारंटी है। लेकिन वास्तव में यह केवल एक तकनीकी पहचान है जो किसी सरकारी सेवा के लिए उपयोग की जा सकती है। आधार कार्ड और नागरिकता को एक मानना एक खतरनाक भ्रम है, जो नागरिकों को उनके असली अधिकारों और पहचान से वंचित कर सकता है।

 

सरकार और चुनाव आयोग की यह पहल, जिसमें केवल कुछ खास दस्तावेजों को ही नागरिकता का प्रमाण माना गया है, यह सुनिश्चित करती है कि केवल वही लोग वोटिंग जैसे संवेदनशील अधिकारों का उपयोग करें, जो भारत के वास्तविक नागरिक हैं। हालांकि इसमें ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के लोगों को दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन यह एक आवश्यक प्रक्रिया है ताकि भारतीय नागरिकता प्रमाण के मानकों को स्पष्ट और सुरक्षित रखा जा सके।

 

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Q1.क्या आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण होता है?

Ans.नहीं, आधार कार्ड केवल पहचान और पते का प्रमाण है, यह नागरिकता का प्रमाण नहीं होता

 

Q2.पैन कार्ड से नागरिकता क्यों नहीं मानी जाती?

Ans.पैन कार्ड केवल वित्तीय पहचान के लिए होता है, इसमें नागरिकता की पुष्टि करने वाले दस्तावेज़ीय प्रमाण शामिल नहीं होते

 

Q3.नागरिकता साबित करने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी हैं?

Ans.नागरिकता साबित करने के लिए जन्म प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र या नागरिकता प्रमाण पत्र जरूरी दस्तावेज होते हैं

 

Q4.क्या CAA नागरिकता का प्रमाण देता है?

Ans.हाँ, CAA धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता का प्रमाण देता है

 

Q5.NRC में नागरिकता कैसे साबित करनी होती है?

Ans.NRC में नागरिकता साबित करने के लिए 1971 से पहले के दस्तावेज़ और पूर्वजों से संबंध का प्रमाण देना होता है

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