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सरकार के खिलाफ बोलना पड़ा महंगा, महाराष्ट्र में लागू हुआ नया सोशल मीडिया कानून

सरकार के खिलाफ बोलना पड़ा महंगा, महाराष्ट्र में लागू हुआ नया सोशल मीडिया कानून


सोशल मीडिया नियम 2025, सरकारी कर्मचारियों पर सोशल मीडिया सेंसरशिप लागू

 

महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra government) का सोमवार को कड़ा फैसला सामने आया है। कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए सोशल मीडिया इस्तेमाल को नियंत्रित करने हेतु नए नियम जारी किए हैं। सोशल मीडिया नियम 2025 के तहत यह तय किया गया है कि सरकारी योजनाओं की आलोचना करने, सरकारी गोपनीय दस्तावेज शेयर करने या सरकार विरोधी पोस्ट डालने पर अब सख्त सजा मिलेगी।  


सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना अब पड़ेगी भारी


महाराष्ट्र सोशल मीडिया कानून (Maharashtra Social Media Law) के अनुसार अब कोई भी शासकीय अधिकारी या कर्मचारी सोशल मीडिया पर सरकारी योजनाओं और नीतियों की आलोचना नहीं कर सकेगा। अगर कोई कर्मचारी सरकार के खिलाफ बयान देता है, या कोई आपत्तिजनक पोस्ट करता है तो उस पर महाराष्ट्र सिविल सेवा नियम 1979 के तहत सख्त कार्रवाई होगी।

 

गोपनीय दस्तावेज और सरकारी प्रतीकों पर रोक


सोशल मीडिया नियम 2025 में सरकारी कर्मचारियों को अब सोशल मीडिया (Social Media) पर गोपनीय दस्तावेज, सरकारी पदनाम, वर्दी, वाहन और सरकारी प्रतीकों का उपयोग निजी पोस्ट के लिए नहीं करने दिया जाएगा। सरकार के खिलाफ बोलना या सरकारी जानकारी लीक करना अब सीधे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।

 

निजी और आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट रखना होगा अलग


महाराष्ट्र सरकार का नया नियम सरकार ने एक ओर  बड़ा कदम उठाया गया है। अब हर सरकारी कर्मचारी को अपने निजी और आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट अलग रखने होंगे। महाराष्ट्र सोशल मीडिया कानून पर सरकार का कहना है कि इससे सरकारी गोपनीयता बनी रहेगी और सोशल मीडिया दुरुपयोग पर लगाम लगेगी।

 

खुद की तारीफ पर भी लगी रोक


नया सोशल मीडिया कानून 2025 में अब कोई भी सरकारी कर्मचारी सोशल मीडिया पर खुद की तारीफ नहीं कर सकेगा। साथ ही रील वीडियो, सरकारी वाहन, लोगो या सरकारी इमारत के इस्तेमाल पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी। ये सभी निर्देश नए महाराष्ट्र सोशल मीडिया नियम में साफ तौर पर दिए गए हैं।

 

व्हाट्सएप-टेलीग्राम पर भी बंदिशें


महाराष्ट्र सोशल मीडिया कानून में सरकारी कार्यों में समन्वय के लिए ही व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसी ऐप्स का इस्तेमाल किया जा सकेगा, लेकिन किसी भी प्रकार की गोपनीय जानकारी इन ऐप्स पर साझा नहीं की जा सकेगी। अगर कोई कर्मचारी ऐसा करता है तो उस पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।

 

किसे लागू होंगे ये नियम?

 

सोशल मीडिया कानून 2025 में ये सभी महाराष्ट्र सरकार, स्थानीय निकाय, स्वायत्त संस्थाएं, निगम, और यहां तक कि आउटसोर्सिंग या प्रतिनियुक्ति से नियुक्त कर्मचारियों पर भी लागू होंगे। सरकार विरोधी पोस्ट, सरकारी आलोचना, और सूचना लीक को रोकने के लिए ये गाइडलाइन लागू की गई है।

 

 

नियम तोड़ा तो होगी बड़ी कार्रवाई


महाराष्ट्र सोशल मीडिया कानून में सरकारी आलोचना, गोपनीय दस्तावेज साझा करना, या सरकार विरोधी बयान देना अब किसी भी सरकारी कर्मचारी को भारी पड़ सकता है। नियमों का उल्लंघन करने पर सस्पेंशन, डिपार्टमेंटल इन्क्वायरी या अन्य सख्त सजा दी जा सकती है।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें : The India Moves

 
Frequently Asked Questions

 

Q1. महाराष्ट्र में नया सोशल मीडिया कानून की गाइडलाइन कब जारी की गई ?
Ans. महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra government) ने सोमवार, 28 जुलाई को जारी नए सोशल मीडिया दिशा निर्देशों में यह जानकारी दी।


Q2 . इस कानून के तहत क्या कार्रवाई हो सकती है?
Ans. सोशल मीडिया नियम 2025 के तहत यह तय किया गया है कि सरकारी योजनाओं की आलोचना करने, सरकारी गोपनीय दस्तावेज शेयर करने या सरकार विरोधी पोस्ट डालने पर अब सख्त सजा मिलेगी।

 

Q3 . क्या यह कानून केवल महाराष्ट्र में लागू होगा?
Ans. जी हां, अभी महाराष्ट्र में सोशल मीडिया नियम 2025 लागू होगा।

 

Q4 . किन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह कानून प्रभावित करेगा?
Ans. महाराष्ट्र सोशल मीडिया कानून में किसी भी प्रकार की गोपनीय जानकारी व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसी अन्य ऐप्स पर साझा नहीं की जा सकेगी।

 

Q5. सरकार ने यह कानून क्यों लागू किया?
Ans. महाराष्ट्र सोशल मीडिया कानून पर सरकार का कहना है कि इससे सरकारी गोपनीयता बनी रहेगी और सोशल मीडिया दुरुपयोग पर लगाम लगेगी।

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