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शशि थरूर ने ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो की भारत टिप्पणी पर पलटवार किया

शशि थरूर ने ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो की भारत टिप्पणी पर पलटवार किया

थरूर ने कहा– ‘ऐसा भाषा इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं’

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो भारत टिप्पणी पर कड़ा पलटवार किया है। नवारो ने भारत के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए देश को “महाराजा ऑफ़ टैरिफ” और “रूस का लॉन्ड्रोमेट” कहा। उन्होंने यूक्रेन संघर्ष को “मोदी की युद्ध” और ब्राह्मणों को भारतीय जनता पर मुनाफा कमाने वाला बताया। थरूर ने कहा कि पिछले 30 सालों से भारत और अमेरिका के संबंध धीरे-धीरे मजबूत हो रहे हैं, ऐसे में यह भाषा बिल्कुल अनुचित और अनावश्यक है। थरूर की प्रतिक्रिया में उन्होंने साफ कहा कि नवारो की टिप्पणियों ने पूरे देश में गहरी नकारात्मक प्रतिक्रिया पैदा की और यह दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंधों के लिए हानिकारक है।

 

थरूर ने आगे बताया कि अमेरिकी नीति में टैरिफ का उपयोग राजनीतिक और आर्थिक हितों के लिए किया जा रहा है। ट्रंप प्रशासन ने अगस्त में भारत से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया और इसके बाद रूस के तेल की खरीद पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क की घोषणा की। थरूर ने कहा कि यह टैरिफ “जादुई उपकरण” नहीं है, जैसा कि नवारो और ट्रंप सोचते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य अमेरिकी उत्पादन को बढ़ावा देना और आयात महंगा करना है ताकि अमेरिकी निर्माता और कर्मचारी अपने देश में काम करें। हालांकि, इस नीति का सीधा असर भारत पर पड़ा है और इसे लेकर देश में गहरी नाराजगी है।

 

टैरिफ और भारत-अमेरिका संबंधों पर असर

शशि थरूर ने यह भी कहा कि पीटर नवारो भारत टिप्पणी ने दोनों देशों के संबंधों में अनावश्यक तनाव पैदा किया है। भारत और अमेरिका पिछले दशकों में कई क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं, चाहे वह व्यापार हो, रक्षा या वैश्विक मुद्दे। ऐसे में नवारो की टिप्पणी ने रिश्तों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत किसी भी तरह की अपमानजनक भाषा को स्वीकार नहीं करेगा। थरूर ने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच सहयोग और मैत्री पर आधारित संबंध होने चाहिए, जिसमें सम्मान और बराबरी का सिद्धांत मुख्य हो।

 

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थरूर ने स्पष्ट किया कि थरूर की प्रतिक्रिया सिर्फ व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं है, बल्कि यह भारत की संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता और नेताओं ने इस तरह की टिप्पणियों का स्वागत नहीं किया। भारत-अमेरिका संबंध को देखते हुए यह जरूरी है कि दोनों देशों के बीच सहयोग और संवाद जारी रहे, लेकिन किसी भी तरह की अपमानजनक भाषा को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। थरूर ने यह संदेश भी दिया कि भारत अपने हितों की रक्षा करेगा और विदेश नीति में बराबरी और सम्मान के सिद्धांत को प्राथमिकता देगा।

 

इस तरह, शशि थरूर, पीटर नवारो भारत टिप्पणी, थरूर की प्रतिक्रिया और भारत-अमेरिका संबंध के मुद्दे पर उनका संदेश स्पष्ट और सटीक है। थरूर ने न केवल नवारो की आलोचना की, बल्कि यह भी दर्शाया कि भारत अपने सम्मान के लिए हमेशा सख्त खड़ा रहेगा।

 

 

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