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CJI Sanjiv Khanna: संजीव खन्ना बने देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

CJI Sanjiv Khanna: संजीव खन्ना बने देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

CJI Sanjiv Khanna:  भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) के रूप में जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) ने शपथ ली है । यह शपथ भारत की राष्ट्रपति (President) द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) में दिलाई है। आपको बता दें कि संजीव खन्ना का कार्यकाल छह महीने का होगा और वह 13 मई 2025 तक इस पद पर बने रहेंगे। राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद जस्टिस खन्ना का नाम औपचारिक रूप से तय किया गया।

 

51वें मुख्य न्यायाधीश ने ली शपथ
जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) ने हाल ही में देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। यह शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) में आयोजित किया गया, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। जस्टिस खन्ना (Justice Khanna) का कार्यकाल लगभग छह महीने तक रहेगा और वे 13 मई 2025 तक इस महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत रहेंगे। उनके कार्यकाल की शुरुआत के साथ ही भारतीय न्यायपालिका में कई महत्वपूर्ण निर्णयों और बदलावों की उम्मीद भी की जा रही है। वहीं आपको बता दें कि जस्टिस खन्ना ने अब तक कई अहम मामलों में निर्णय दिए हैं। जिनमें चुनावी बॉन्ड योजना (Electoral Bond Scheme) और अनुच्छेद 370 की वैधता को लेकर विवाद जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं। उनके नेतृत्व में अदालतें कई संवैधानिक और कानूनी मामलों पर विचार करेंगे, जिनका देश की न्यायिक और राजनीतिक दिशा पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है।


संजीव खन्ना ने दिए अहम फैसले
सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) ने कई महत्वपूर्ण और दूरगामी प्रभाव वाले फैसले दिए। एक अहम फैसले में उन्होंने दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी। इसके अलावा जब मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को जमानत दी गई, तो जस्टिस खन्ना ने यह स्पष्ट किया कि प्रवर्तन निदेशालय (PMLA) कानून के सख्त प्रावधानों का यह मतलब नहीं है। कि किसी को बिना मुकदमा चलाए लंबे समय तक जेल में रखा जाए। यह फैसला अदालत के मानवाधिकारों और न्याय की मूल भावना के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

 

संजीव खन्ना का करियर
जस्टिस संजीव खन्ना का (Justice Sanjiv Khanna) जन्म 14 मई 1960 को दिल्ली में हुआ था। उन्होंने अपनी कानून की शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर (CLC) से प्राप्त की। साल 2004 में उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के स्थायी वकील (सिविल) के रूप में नियुक्त किया गया, और इसके बाद 2005 में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में एडहॉक जज के रूप में नियुक्ति मिली। जल्द ही, उन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में भी नियुक्त किया गया। जस्टिस खन्ना (Justice Khanna) को आपराधिक, सिविल, टैक्स और संवैधानिक कानूनों का गहरा ज्ञान है, और इन क्षेत्रों में उनकी विशेषज्ञता ने उन्हें न्यायिक बिरादरी में एक सम्मानित स्थान दिलाया है। इसी के साथ जस्टिस खन्ना ने दिल्ली हाईकोर्ट में अतिरिक्त लोक अभियोजक और न्याय मित्र के रूप में कई आपराधिक मामलों में बहस की, जो उनके कानूनी दृष्टिकोण और बहस की क्षमता को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में भी उनका लंबा और प्रभावी कार्यकाल रहा, जिसमें उन्होंने कई जटिल मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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