Dark Mode
  • day 00 month 0000
लोक सेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन, वन डे-वन शिफ्ट में परीक्षा कराने की कर रहे मांग

लोक सेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन, वन डे-वन शिफ्ट में परीक्षा कराने की कर रहे मांग

UPPSC: यूपी (UP) लोक सेवा आयोग (Public Service Commission) के बाहर प्रतियोगी छात्रों (students) का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। जिसमें छात्रों की भारी संख्या शामिल है। ये छात्र 'वन डे-वन शिफ्ट' में परीक्षा (examination) कराए जाने की मांग कर रहे हैं, ताकि पूरे राज्य में परीक्षा (examination) एक ही दिन और एक शिफ्ट में हो सके। साथ ही छात्र नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का भी विरोध कर रहे हैं। रात का समय होने के बावजूद हजारों प्रतियोगी छात्र आयोग के बाहर अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं और सरकार से उचित कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

 

प्रतियोगी छात्रों का आरोप
प्रतियोगी छात्रों (Competitive students) का आरोप है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने पीसीएस प्री 2024 परीक्षा केवल 41 जिलों में आयोजित करने का निर्णय लिया है, जबकि इसे पूरे राज्य के 75 जिलों में आयोजित किया जाना चाहिए था। उनका तर्क है कि- अगर परीक्षा सभी जिलों में आयोजित होती, तो एक ही दिन में एक शिफ्ट में परीक्षा संपन्न की जा सकती थी। जिससे आयोग को नॉर्मलाइजेशन (समानता की प्रक्रिया) की जरूरत भी नहीं पड़ती। छात्रों का यह भी कहना है कि-एक बार भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद नियमों में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इससे परीक्षार्थियों को असुविधा हो सकती है।


धरने पर बैठे छात्र
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ छात्रों का आंदोलन जारी है। 11 नवंबर से हजारों की संख्या में छात्र यूपी पीएससी के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। छात्रों का आरोप है कि- पिछले दो सालों में आयोग परीक्षा आयोजित करने में असफल रहा है। इस साल की शुरुआत में यानी जनवरी 2024 में आयोग ने उत्तर प्रदेश सिविल सर्विसेज का नोटिफिकेशन जारी किया था। लेकिन परीक्षा मार्च में नहीं हो पाई और फिर इसे अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया। इसके बाद समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा 11 फरवरी को आयोजित होने वाली थी, लेकिन पेपर लीक होने के कारण उसे निरस्त कर दिया गया। इन दोनों परीक्षाओं को अक्टूबर में आयोजित करने की योजना बनाई गई थी। लेकिन अचानक आयोग ने घोषणा की कि ये परीक्षा दिसंबर में होगी। इसके साथ ही छात्रों से यह भी कहा गया कि वे दो शिफ्ट में परीक्षा दें, जिससे छात्रों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है।

 

यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया
इसी दौरान उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उप मुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने इस आंदोलन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने अपने सोशल मीडिया के 'X' पर लिखा कि- यूपी पीसीएस परीक्षा को एक से अधिक दिन कराने, निजी संस्थानों को परीक्षा केंद्र न बनाने और मानकीकरण प्रक्रिया को लेकर छात्रों की चिंताएं गंभीर और महत्वपूर्ण हैं। छात्रों की यह मांग है कि परीक्षाएं पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित की जाएं, ताकि उनकी मेहनत का सही सम्मान हो और उनका भविष्य सुरक्षित रहे।

 

साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव पर भी पलटवार किया है। और कहा कि- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने 2017 से भर्ती माफियाओं के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की एक मजबूत मिसाल पेश की है। सरकार ने लगभग 7 लाख युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति को साबित किया है। सभी संबंधित अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और जल्द से जल्द समाधान निकालें। यह सुनिश्चित किया जाए कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में न खर्च होकर उनकी तैयारी में लगे। न्यायालय में लंबित मामलों का भी शीघ्र समाधान किया जाए, ताकि किसी भी छात्र का भविष्य असमंजस में न हो।

Comment / Reply From

You May Also Like

Vote / Poll

क्या राजस्थान मे बेरोजगारी का मुद्दा खत्म हो चुका है ..

View Results
Yes
5%
No
95%

Talk to us?