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ICC चैम्पियन ट्रॉफी को लेकर अब एक्शन मोड़ पर, 72 घंटो का अल्टीमेटम

ICC चैम्पियन ट्रॉफी को लेकर अब एक्शन मोड़ पर, 72 घंटो का अल्टीमेटम

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर लगातार अड़ियल रुख अपना रहा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड लेकिन अब उस का अड़ियल रवैया ज्यादा दिन नहीं टिकने वाला है। अगले साल होने वाले इस टूर्नामेंट के लिए टीम इंडिया के पाकिस्तान जाने से इनकार करने के बाद से ही इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल लगातार उसे हाइब्रिड मॉडल के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन पीसीबी मानने को तैयार नहीं है। लेकिन उसकी जिद पूरी होती नहीं दिख रही है। चैंपियंस ट्रॉफी और पाकिस्तान में इसके आयोजन पर फैसला अगले 72 घंटों में हो जाएगा। चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर आईसीसी ने 29 नवंबर को बोर्ड मीटिंग बुलाई है, जिसमें चैंपियंस ट्रॉफी के शेड्यूल को मंजूरी दी जाएगी और आयोजन पर भी अंतिम फैसला लिया जाएगा।

 

29 नवंबर की मीटिंग में होगा फैसला

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, आईसीसी ने मंगलवार 26 नवंबर को घोषणा की कि उसकी बोर्ड मीटिंग शुक्रवार 29 नवंबर को होगी, जिसमें चैंपियंस ट्रॉफी के शेड्यूल को मंजूरी दी जाएगी। यह वर्चुअल मीटिंग होगी, जिसमें बोर्ड के सभी सदस्य ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ेंगे। आईसीसी बोर्ड को इसका सबसे ताकतवर अंग माना जाता है, जहां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से जुड़े हर फैसले पर अंतिम फैसला लिया जाता है। चैंपियंस ट्रॉफी के साथ भी ऐसा ही होगा।

 

पाकिस्तान ने कुछ महीने पहले चैंपियंस ट्रॉफी का संभावित शेड्यूल जारी किया था, जो 19 फरवरी से शुरू होकर 9 मार्च तक चलेगा। टूर्नामेंट के लिए लाहौर, रावलपिंडी और कराची को आयोजन स्थल बनाया गया था। इस शेड्यूल में पीसीबी ने सुरक्षा का हवाला देते हुए टीम इंडिया के सभी मैच लाहौर में कराने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, बीसीसीआई ने फिर भी टूर्नामेंट के लिए टीम इंडिया को पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया। दोनों देशों के बीच खराब रिश्तों और पाकिस्तान में खराब सुरक्षा स्थिति के कारण भारत सरकार ने 2008 से टीम इंडिया को वहां जाने की अनुमति नहीं दी और इस बार भी यही हुआ।

 

बीसीसीआई ने हाइब्रिड मॉडल की मांग की

बीसीसीआई ने टीम इंडिया के सभी मैच, एक सेमीफाइनल और फाइनल पाकिस्तान से बाहर किसी दूसरे देश में कराने की मांग की है, संभवत: यूएई में। बीसीसीआई ने यह मांग आईसीसी को बताई थी, जिसे आईसीसी ने पीसीबी को बताया। पीसीबी ने हालांकि इस मांग को खारिज कर दिया और पूरे टूर्नामेंट को अपने देश में आयोजित करने के अपने रुख पर कायम रहने का फैसला किया। इसके बाद से आईसीसी पीसीबी को यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल में आयोजित करना ही उसके हित के लिए एकमात्र विकल्प है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बदले में आईसीसी ने पीसीबी को और अधिक वित्तीय मदद देने का भी प्रस्ताव दिया है। अब इस पर 29 नवंबर को फैसला लिया जाएगा। 

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