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25 साल बाद: भारत-न्यूज़ीलैंड का चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल

25 साल बाद: भारत-न्यूज़ीलैंड का चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल

भारत और न्यूज़ीलैंड 25 साल में पहली बार वाइट-बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में मिल रहे हैं। यह मैच रविवार 9 मार्च को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला जाएगा। न्यूज़ीलैंड ने लाहौर में हुए चैंपियंस ट्रॉफी 2025 सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर अपना स्थान पक्का किया, वहीं भारत ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया को चार विकेट से हराकर फाइनल में जगह बनाई। यह मैच न्यूज़ीलैंड को ग्रुप ए के मुकाबले में भारत से मिली हालिया हार का बदला लेने का मौका देगा। दोनों टीमें पहले भी दो आईसीसी टूर्नामेंट फाइनल में मिल चुकी हैं। लेकिन इस बार का फाइनल लाजवाब होने वाला है।

 

 

25 साल बाद: भारत-न्यूज़ीलैंड का चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल

 

गेमप्लान पर नज़र

 

पिछली हार के बाद न्यूज़ीलैंड का गेमप्लान देखने लायक होगा, क्योंकि पिछली बार जब न्यूज़ीलैंड ने टॉस जीता था तो उन्होंने गेंदबाजी चुनी थी, जो उनके लिए हार का कारण बना। इस बार वे टॉस जीतने पर जरूर पहले बल्लेबाजी चुनने की सोचेंगे।

 

मुकाबले की तारीख

 

बात करें भारत और न्यूज़ीलैंड के मुकाबले की, तो इनकी वनडे क्रिकेट और आईसीसी इवेंट्स में प्रतिस्पर्धा 1975 से चली आ रही है, जब वे मैनचेस्टर में क्रिकेट वर्ल्ड कप में मिले थे। बीते कुछ सालों में भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच की प्रतिद्वंद्विता ने गति पकड़ी है, जिसमें कीवी टीम ने आईसीसी इवेंट्स में ज्यादातर बार भारतीय टीम को मात दी है। लेकिन टीम इंडिया ने वापसी करते हुए आईसीसी टूर्नामेंट में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ लगातार तीन जीत हासिल की हैं। 2000 के नॉकआउट फाइनल और वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल, ये दो मुकाबले हैं जहां ये टीमें आमने-सामने आईं, और भारत टीम ने हार का सामना किया है। वहीं, भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच 118 वनडे मैच हुए हैं जिसमें भारत ने 60 मैच जीते हैं जबकि न्यूज़ीलैंड ने 50।

 

25 साल बाद: भारत-न्यूज़ीलैंड का चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल

पिच का महत्व

 

बात करें पिच की तो, दुबई की पिच स्पिन गेंदबाजों के लिए अनुकूल मानी जाती है। अगर किसी टीम के पास चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के बराबर या उससे बेहतर स्पिन गेंदबाजी है, तो वह न्यूज़ीलैंड है। लेफ्ट-आर्म स्पिनर मिचेल सैंटनर की कप्तानी में, उनके पास माइकल ब्रेसवेल, ग्लेन फिलिप्स और रचिन रविन्द्र जैसे तीन और स्पिन गेंदबाज हैं। अपने ग्रुप मैच में भारत ने पूरी तैयारी के साथ उनका सामना किया और सफल रहे। लेकिन इस बार, न्यूज़ीलैंड पूरी तैयारी के साथ वापस आएंगे, यह जानते हुए कि इन परिस्थितियों में क्या करना है। इसलिए कीवी स्पिनरों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होने वाली है।

 

भारतीय टीम की ताकत

 

भारत की टीम भी किसी से कम नहीं है। भारत के पास चार महत्वपूर्ण स्पिन गेंदबाज हैं: रविन्द्र जडेजा, वरुण चक्रवर्ती, अक्षर पटेल और कुलदीप यादव। वरुण ने अब तक 7 विकेट लिए हैं और विकेट लेने वालों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं। वहीं, न्यूज़ीलैंड के तेज गेंदबाज मैट हेनरी टॉप पर हैं, लेकिन सेमीफाइनल में मैट हेनरी घायल हो गए थे, जिससे वे शायद फाइनल में नजर नहीं आएंगे। अगर ऐसा होता है, तो यह भारत के लिए प्लस पॉइंट होगा, क्योंकि हेनरी ने अब तक 10 विकेट लिए हैं।

 

बल्लेबाजी लाइनअप

 

भारत और न्यूज़ीलैंड की बल्लेबाजी लाइनअप बहुत मजबूत है। भारत में विराट कोहली, केएल राहुल और हार्दिक पांड्या शानदार फॉर्म में हैं, वहीं न्यूज़ीलैंड के रचिन रविन्द्र, केन विलियमसन और डेरिल मिचेल भी बेहतरीन फॉर्म में हैं। रचिन और विलियमसन दोनों ने ही पिछले मैच में शतक बनाए थे।

 

25 साल बाद: भारत-न्यूज़ीलैंड का चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल

 

भारतीय टीम का अनुभव

 

आपको बता दें कि भारत ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के अपने सभी मैच दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले हैं और जीते भी हैं। उन्हें इस पिच का पूरा अंदाजा है, जिससे उन्हें फाइनल में बहुत मदद मिलेगी। भारतीय टीम को वहां की स्पिन और पेस पिच की स्थितियों का अच्छे से पता है, जो उन्हें फाइनल में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ बढ़त दिलाएगा। यही अनुभव भारत के लिए एक महत्वपूर्ण फैक्टर साबित हो सकता है। खिलाड़ियों को वहां का माहौल भी अच्छे से पता है, और वे पूरे आत्मविश्वास के साथ खेलने के लिए तैयार हैं।

 

फाइनल का इंतजार

 

अब सवाल ये उठता है कि क्या न्यूज़ीलैंड अपनी हार के बाद भारत से बदला लेने में सफल होता है या भारत अपने जीतने का रिकॉर्ड कायम रखता है। यह तो 9 मार्च को ही पता चलेगा।

 

 

 

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