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मनीष तिवारी की ‘नेपो किड्स’ पोस्ट पर छिड़ी बहस, BJP ने राहुल गांधी से जोड़ा

मनीष तिवारी की ‘नेपो किड्स’ पोस्ट पर छिड़ी बहस, BJP ने राहुल गांधी से जोड़ा

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने दक्षिण और पूर्वी एशिया में राजनीतिक उथल-पुथल और बढ़ते पब्लिक रिजेक्शन को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया। पोस्ट के बाद राजनीतिक गलियारे में बहस छिड़ गई है। बीजेपी ने मनीष तिवारी के पोस्ट पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से जोड़ दिया।

 

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कई एशियाई देशों में राजनीतिक उथल-पुथल पर कुछ बातें लिखीं, जिसमें जुलाई 2023 में श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, जुलाई 2024 में बांग्लादेश में शेख हसीना, सितंबर 2025 में नेपाल में केपी शर्मा ओली और फिलीपींस में फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों जैसे नेताओं को अपदस्थ करने का हवाला दिया।


दरसअल बीते कुछ वर्षों में एशिया के कई देशों में तख्तापलट हुआ और सरकारें बदल गई, जिसे लेकर मनीष तिवारी ने वंशवाद वाली राजनीति के खिलाफ और सोशल मीडिया पर बढ़ते गुस्से को लेकर पोस्ट करते हुए लिखा, "जेन X, Y, Z के लिए पात्रता अब स्वीकार्य नहीं है।"


मनीष तिवारी के नेपो किड्स पोस्ट को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जोड़ते हुए बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय (Amit Malviiya) ने कहा कि G-23 बागी गुट के सदस्य, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी भारतीय राजनीति के सबसे बड़े 'Nepo Kid' राहुल गांधी पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने कहा, 'GEN Z को तो छोड़िए कांग्रेस के अपने दिग्गज भी उनकी राजनीति से तंग आ चुके हैं। अब विद्रोह अंदर से ही है।

 

राहुल गांधी पर BJP का हमला राहुल गांधी के हालिया सोशल मीडिया पोस्ट के बैकग्राउंड में हुआ है, जिसमें उन्होंने संविधान की रक्षा और कथित 'वोट चोरी' को रोकने के लिए भारत के जेन-ज़ी और छात्रों की सराहना की थी।

 

मनीष तिवारी नेपो किड्स पोस्ट को लेकर अमित मालवीय के पोस्ट को राहुल गाँधी से जोड़ने पर मनीष तिवारी ने खारिज करते हुए कहा, "हे भगवान, काश कुछ लोग ज़िंदगी में आगे बढ़ पाते।" उन्होंने साफ किया कि इस चर्चा को कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीतिक घमासान तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए, बल्कि दक्षिण और पूर्वी एशिया के बड़े घटनाक्रमों पर ज़ोर दिया जाना चाहिए। रुझानों के राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं, और स्थिति को सही नज़रिए से समझने की जरुरत है।

 

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