
लेह हिंसा पर केजरीवाल का केंद्र सरकार पर वार, आज लदाख की लड़ाई, कल पूरे देश की लड़ाई
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Manjushree
- September 25, 2025
लेह (Leh) में विरोध प्रदर्शन और हिंसा भड़काने के मामले में करीब 50 लोगों को गिरफ्तार किया है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने लेह में विरोध प्रदर्शन को लेकर एक्स पर पोस्ट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि आज लद्दाख की लड़ाई, कल पूरे देश की बन सकती है।
लद्दाख हिंसा पर अरविंद केजरीवाल ने लद्दाख के लोगों का साथ देने की अपील करते हुए एक्स पर लिखा, 'आज लद्दाख में जो हो रहा है, वो बेहद चिंताजनक है। हर सच्चे देशभक्त को लद्दाख के लोगों का साथ देना चाहिए। हमने अंग्रेजों से इसलिए आजादी थोड़ी ली थी कि जनता अंग्रेजों की बजाय बीजेपी की गुलाम बन जाए? भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों ने लोकतंत्र के लिए अपना बलिदान दिया था ताकि हर भारतीय को अपनी खुद की सरकार चुनने का अधिकार मिले।'
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार को घेरे में लेते हुए कहा कि, आज बीजेपी सत्ता के नशे में चूर होकर एक के बाद एक राज्यों को केंद्र शासित प्रदेश बना रही है, संविधान द्वारा दिए गए अधिकार छीन रही है। आगे लिखा कि लदाख के लोग क्या माँग रहे हैं? वो सिर्फ़ अपनी वोट का अधिकार, सरकार चुनने का अधिकार माँग रहे हैं। लेकिन भाजपा उनकी आवाज़ दबा रही है। बार बार वादा कर के भी उन्हें वोट का अधिकार नहीं दे रही।
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर आगे पोस्ट में कहा कि, लोकतंत्र जनता की आवाज़ है देश की सरकार वही आवाज़ दबाने लगे तो जनता का ये कर्तव्य है कि वह और बुलंद आवाज़ में बोले। देश के लोकतंत्र को बचाना है तो इस तानाशाही के ख़िलाफ़ अब चुप नहीं बैठा जा सकता। आज लदाख की लड़ाई, कल पूरे देश की लड़ाई बन सकती है।
आज लद्दाख में जो हो रहा है, वो बेहद चिंताजनक है। हर सच्चे देशभक्त को लद्दाख के लोगों का साथ देना चाहिए।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 25, 2025
हमने अंग्रेज़ों से इसलिए आज़ादी थोड़ी ली थी कि जनता अंग्रेज़ों की बजाय बीजेपी की गुलाम बन जाए?
भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद जैसे क्रांतिकारियों ने लोकतंत्र के लिए अपना बलिदान…
अरविंद केजरीवाल का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब लेह में राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची में शामिल किए जाने सहित संवैधानिक सुरक्षा उपायों की बढ़ती मांग के बीच भड़की विद्रोह में चार लोगों की जान चली गई। लेह हिंसा को लेकर (एलएबी) के नेतृत्व वाला आंदोलन तब हिंसक हो गया जब प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय और कई वाहनों में आग लगा दी और सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए। 40 सुरक्षाकर्मियों सहित 70 से ज़्यादा लोग घायल हो गए। लेह हिंसा मामले में पुलिस ने 50 प्रदर्शनकारियों को हिरासत लिया।
लेह में 15 दिनों से राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर अनशन कर रहे जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने अनशन खत्म करने का ऐलान किया। वामपंथी दलों ने आग के लिए मोदी सरकार को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया। फ़िलहाल लेह में शांतिपूर्ण का मौहोल है।
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