
ISRO-NASA का सबसे महंगा और ताकतवर सैटेलाइट निसार हुआ लॉन्च
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Renuka
- July 31, 2025
भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) और अमेरिका की नासा (NASA) का अब तक के सबसे महंगे और सबसे पावरफुल अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट निसार (NISAR Satellite Mission) को बुधवार को लॉन्च किया गया है। बता दें कि निसार मिशन (NISAR Satellite Mission ) पर 1.5 बिलियन डॉलर यानी करीब 12,500 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसे NASA और ISRO ने मिलकर बनाया है।
इसरो-नासा की बड़ी उपलब्धि
अंतरिक्ष एजेंसी इसरो और अमेरिका की NASA ने मिलकर अब तक का सबसे पावरफुल रडार सैटेलाइट तैयार किया है- निसार सैटेलाइट (NISAR Satellite Mission) । यह नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) तकनीक पर आधारित एक उन्नत उपग्रह है, जिसे खासतौर पर पृथ्वी की निगरानी और पर्यावरण से जुड़ी जानकारियां इकट्ठा करने के लिए डिजाइन किया गया है। बताया जा रहा है कि यह अंतरिक्ष मिशन (NISAR Satellite Mission) 12,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से तैयार किया गया है और इसे इसरो के सबसे महंगे और शक्तिशाली उपग्रहों में गिना जा रहा है।
धरती की निगरानी के लिए लॉन्च 'निसार'
GSLV-F16/NISAR
— ISRO (@isro) July 30, 2025
Liftoff Rewind
Catch the liftoff visuals from GSLV-F16/NISAR launch. #NISAR #GSLVF16 #ISRO #NASA pic.twitter.com/umEyrBCF8T
निसार सैटेलाइट (NISAR Satellite Mission) को धरती का स्कैनर कहा जा रहा है, क्योंकि यह धरती की सतह पर हो रहे बदलावों को बहुत बारीकी से रिकॉर्ड कर सकता है । यहां तक कि एक इंच के बदलाव को भी। यह रडार सैटेलाइट हर 97 मिनट में पृथ्वी का एक पूरा चक्कर लगाएगा और कुल मिलाकर 12 दिनों में 1,173 बार पृथ्वी का चक्कर लगाकर पूरी धरती को स्कैन करेगा।
बता दें कि इस उन्नत अंतरिक्ष मिशन (Space Mission)का मुख्य उद्देश्य है- पृथ्वी और उसके पर्यावरण को बेहतर ढंग से समझना। इसके जरिए वैज्ञानिकों को ग्लेशियर के पिघलने, जंगलों में हो रहे बदलाव, खेती की स्थिति, समुद्र के हालात और अन्य पर्यावरणीय कारकों की सटीक जानकारी मिलेगी। यह जानकारी जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी और पृथ्वी के सतही परिवर्तनों के अध्ययन में बेहद उपयोगी साबित होगी।
इसरो-नासा का महंगा और ताकतवर सैटेलाइट ‘निसार’
नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) तकनीक के कारण यह सैटेलाइट दिन हो या रात, बादल हों या बारिश - हर स्थिति में पृथ्वी की तस्वीरें लेने और डाटा इकट्ठा करने में सक्षम है। यह इसकी सबसे बड़ी खासियतों में से एक है। इसरो और NASA की यह संयुक्त पहल वैज्ञानिक अनुसंधान में एक नया अध्याय खोलने जा रही है।
इसके जरिए न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया को एक ऐसा डेटा बेस मिलेगा जो आने वाले वर्षों में पर्यावरणीय संकटों से निपटने में अहम भूमिका निभा सकता है। निसार सैटेलाइट (NISAR Satellite Mission) खेतों की उपज की स्थिति से लेकर समुद्री तूफानों तक का पूर्वानुमान लगाने में सहायता करेगा। इसमें कोई शक नहीं कि निसार सैटेलाइट (NISAR Satellite Mission) ने इसरो के अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक नई ऊंचाई दी है।
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Frequently Asked Questions
Q. 1 निसार सैटेलाइट क्या है?
Ans.- भारत और अमेरिका का बनाया निसार सैटेलाइट भूकंप और सुनामी जैसी आपदाओं से निपटने में कर सकता है। ये सैटेलाइट जमीन, समुद्र और बर्फ की चादरों में आने वाले बेहद छोटे बदलावों को पकड़ने और रिपोर्ट करने के लिए पृथ्वी पर नजर रखेगा ।
Q. 2 निसार सैटेलाइट कब और कहाँ से लॉन्च किया गया?
Ans.- 30 जुलाई को भारत के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारतीय समयानुसार शाम 5 बजकर 40 मिनट पर लॉन्च किया गया।
Q. 3 निसार सैटेलाइट कितनी लागत में तैयार हुआ है?
Ans.- निसार मिशन की कुल लागत करीब 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 13,120 करोड़ रुपये है।
Q. 4 क्या निसार सैटेलाइट से जलवायु परिवर्तन पर नजर रखी जा सकेगी?
Ans.- निसार सैटेलाइट जलवायु परिवर्तन पर नजर रखने में सक्षम होगा। यह उपग्रह, जिसे भारत और अमेरिका ने मिलकर बनाया है।
Q. 5 निसार सैटेलाइट पृथ्वी की कितनी ऊंचाई से परिक्रमा करेगा?
Ans.- निसार सैटेलाइट 748 किमी पृथ्वी के ऊपर एक से दूसरे ध्रुव तक परिक्रमा करेगा।
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