
RG Kar Medical College : आरजी कर रेप केस में पीड़ित परिवार की वकील ने छोड़ा केस, जानें क्या है इसकी वजह ?
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Renuka
- December 12, 2024
Kolkata Doctor Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के बलात्कार और हत्या के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। पीड़िता के परिवार की ओर से केस लड़ रही वरिष्ठ वकील वृंदा ग्रोवर ने अब सुप्रीम कोर्ट, कलकत्ता हाई कोर्ट और सियालदाह ट्रायल कोर्ट से अपना नाम वापस ले लिया है। यह ध्यान देने योग्य है कि वृंदा ग्रोवर और उनकी कानूनी टीम इस मामले में शुरुआत से ही पीड़िता के परिवार की तरफ से केस की पैरवी कर रही थी।
वकील वृंदा ग्रोवर ने छोड़ा केस
कोलकाता आरजी कर रेप और हत्या मामले में पीड़िता के परिवार का केस लड़ रही वरिष्ठ वकील वृंदा ग्रोवर ने सुप्रीम कोर्ट, कलकत्ता हाई कोर्ट और सियालदाह ट्रायल कोर्ट से खुद को अलग कर लिया है। वृंदा ग्रोवर ने यह कदम कुछ विशेष कारणों और परिस्थितियों के कारण उठाया। उनकी टीम की ओर से यह जानकारी दी गई कि पीड़िता के परिवार और उनके कानूनी टीम के बीच सहयोग में समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं, जिसके चलते यह निर्णय लिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक क्या है मामला
रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के परिवार और उनकी लीगल टीम के बीच तालमेल की कमी के कारण वृंदा ग्रोवर ने यह कदम उठाया। वृंदा ग्रोवर के चैंबर द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि सीनियर वकील ने पीड़िता के परिवार के लिए बिना किसी शुल्क के केस लड़ा। उनके कानूनी दल में अधिवक्ता सौतिक बनर्जी और अर्जुन गुप्ता भी शामिल थे, जिन्होंने 4 नवंबर से सियालदाह सत्र न्यायालय में नियमित पेशी सहित विभिन्न अदालतों में परिवार का प्रतिनिधित्व किया।
लीगल टीम की प्रतिक्रिया
सीनियर वकील की कानूनी टीम ने एक बयान में बताया कि इस दौरान 43 अभियोजन गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं और आरोपियों के लिए जमानत का लगातार विरोध किया गया है। इसके अलावा, बाकी साक्ष्य अगले 2 से 3 दिनों में पूरे होने की संभावना है। बयान में यह भी कहा गया कि सीनियर वकील साक्ष्य और नैतिकता के अनुसार अपनी कानूनी सेवाएं प्रदान करती हैं, लेकिन कुछ विशिष्ट कारणों के चलते उन्होंने इस मामले से खुद को अलग करने का निर्णय लिया है।
पीड़ित परिवार को नहीं है जानकारी
लीगल टीम के बयान में यह कहा गया कि- इस निर्णय के बारे में ट्रायल कोर्ट को सूचित कर दिया गया है और संबंधित वकीलों को मामले से अलग कर दिया गया है। जब इस पर पीड़िता के परिवार से सवाल किया गया, तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। वहीं, मंगलवार को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में यह जानकारी दी कि कोलकाता के आरजी कर मामले में मुकदमा एक महीने के भीतर समाप्त होने की संभावना है।
मामले की पहली जांच
असल में, इस मामले की प्रारंभिक जांच कोलकाता पुलिस ने की थी, लेकिन जांच में लगातार हो रही देरी के कारण कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले को सीबीआई के पास भेज दिया। अक्टूबर महीने में, सीबीआई ने संजय रॉय को मुख्य आरोपी बताते हुए चार्जशीट दाखिल की थी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को पहली बार 19 अगस्त को संज्ञान में लिया था।
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