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सेना टिप्पणी केस: राहुल गांधी ने किया सरेंडर, 5 मिनट में मिली जमानत!

सेना टिप्पणी केस: राहुल गांधी ने किया सरेंडर, 5 मिनट में मिली जमानत!

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को मंगलवार को लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश होने के बाद तुरंत जमानत मिल गई। भारतीय सेना पर कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर यह मामला लंबे समय से चल रहा है।

 

कोर्ट में किया सरेंडर, 5 मिनट में मिली जमानत

मंगलवार, 15 जुलाई को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) लखनऊ स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट पहुंचे और खुद को न्यायालय के सामने सरेंडर किया। इसके तुरंत बाद उनके वकील ने कोर्ट में जमानत की अर्जी दी, जिसे कोर्ट ने 20-20 हजार रुपये के दो बॉन्ड पर मंजूर कर लिया। यह मामला एक Defamation Case है, जिसमें पूर्व सैनिक उदय शंकर श्रीवास्तव ने राहुल गांधी पर सेना की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है।

 

सेना पर बयान को लेकर दर्ज हुआ था केस

यह मामला उस समय शुरू हुआ जब राहुल गांधी ने 16 दिसंबर 2022 को 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा था कि, "लोग भारत जोड़ो यात्रा के बारे में पूछते हैं, लेकिन चीन द्वारा भारतीय सैनिकों की पिटाई पर कोई सवाल नहीं करता।" यह बयान 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद आया था।

पूर्व बीआरओ डायरेक्टर और रिटायर्ड सैनिक उदय शंकर श्रीवास्तव ने इसे सेना का अपमान बताया और लखनऊ की अदालत में राहुल गांधी की कोर्ट में सुनवाई (Rahul Gandhi Court Hearing) की मांग की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान से उन्हें मानसिक आघात पहुंचा और एक सैनिक के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को ठेस लगी।

 

लगातार गैरहाजिरी पर कोर्ट ने जताई नाराज़गी

इस मामले में राहुल गांधी पहले भी पांच बार कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। कोर्ट ने उन्हें 11 फरवरी 2025 को अभियुक्त घोषित किया था और 24 मार्च को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया था। लेकिन, हर बार किसी न किसी कारण से वह गैरहाजिर रहे। एक बार उन्होंने रायबरेली में डीएम मीटिंग में व्यस्त होने का हवाला दिया।

उदय शंकर ने एबीपी न्यूज़ से कहा, “अगर राहुल गांधी समय पर खेद व्यक्त कर देते, तो मुझे कोर्ट तक नहीं आना पड़ता। यह सेना जैसे संस्थान की प्रतिष्ठा का सवाल है।"

 

"नेताओं को शब्दों की ज़िम्मेदारी समझनी चाहिए"

शिकायतकर्ता ने कहा कि बड़े नेताओं को समझना चाहिए कि उनके शब्द लाखों लोगों को प्रभावित करते हैं। सेना जैसे संवेदनशील संस्थान पर टिप्पणी करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट में राहुल गांधी की उपस्थिति कोर्ट (Rahul Gandhi Court Hearing) की गरिमा को बनाए रखती है और न्याय व्यवस्था में लोगों का विश्वास कायम करती है।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें: The India Moves

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