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Winter : सर्दियों में शिशु की त्वचा की ऐसे करें देखभाल, जानें तरीका

Winter : सर्दियों में शिशु की त्वचा की ऐसे करें देखभाल, जानें तरीका

Baby Skin In Winter : सर्दी का मौसम शिशुओं के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर उनकी त्वचा के लिए। ठंडे तापमान और कम नमी के कारण शिशुओं की त्वचा में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, क्योंकि यह त्वचा की प्राकृतिक नमी को सोख लेता है और उसकी संरचना पर नकारात्मक असर डालता है।


शिशुओं के लिए सर्दी का मौसम
आपके छोटे बच्चे की त्वचा बहुत नाजुक और संवेदनशील होती है, जिससे वह सर्दी के मौसम के नुकसान से प्रभावित हो सकता है। सर्दी में होने वाली विभिन्न त्वचा समस्याओं से उसका बचाव करना जरूरी है। आइए जानते हैं कि सर्दी के मौसम में आपके बच्चे की त्वचा पर किन-किन समस्याओं का असर हो सकता है और आप उन्हें सही तरीके से कैसे संभाल सकते हैं।


डॉक्टर्स की सलाह
डॉक्टर्स का कहना है कि ठंडे और कम नमी वाले मौसम में बच्चों की त्वचा से प्राकृतिक नमी निकल जाती है। इससे त्वचा में सूखापन और खुजली की समस्या उत्पन्न हो सकती है। खासकर सर्दियों में, जब बच्चे गर्म पानी से स्नान करते हैं और पर्याप्त पानी नहीं पीते, तो उन्हें डिहाइड्रेशन का भी खतरा हो सकता है, जिससे त्वचा की समस्याएं और बढ़ सकती हैं। बता दें कि कैफीन एक मूत्रवर्धक के रूप में काम करता है, जिसका मतलब है कि यह शरीर से पानी की अधिकता को बाहर निकालने में मदद करता है। इससे शरीर में जल की कमी हो सकती है, जो मल की संरचना और उसकी गति पर नकारात्मक असर डालता है, और इस तरह कब्ज की समस्या उत्पन्न हो सकती है। वहीं, जो लोग लैक्टोज असहिष्णु होते हैं, उन्हें चाय में मौजूद दूध के कारण पेट में गैस, सूजन या कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।


शिशु की नाजुक त्वचा 
शिशु की त्वचा वयस्कों की त्वचा से संरचनात्मक रूप से भिन्न होती है। शिशु की त्वचा का बाहरी सुरक्षा अवरोध, जिसे "त्वचा अवरोध" कहा जाता है, पूर्ण रूप से विकसित होने में दो से चार साल का समय लगता है। यह परत, जो मुख्य रूप से त्वचा कोशिकाओं और लिपिड से बनी होती है, त्वचा की सतह पर नमी को बनाए रखने का काम करती है और उसे जलन, एलर्जी और बैक्टीरिया से बचाती है। शिशु की त्वचा में यह अवरोध वयस्कों की तुलना में लगभग 30% पतला होता है, जिसके कारण उनकी त्वचा ट्रांसएपिडर्मल वॉटर लॉस (TEWL) के प्रति अधिक संवेदनशील होती है। इस प्रक्रिया के दौरान त्वचा से पानी का वाष्पीकरण होता है, जिससे शिशु की त्वचा आसानी से शुष्क और परतदार हो सकती है।


सर्दी के मौसम त्वचा कैसी हो जाती है
सर्दी के मौसम में त्वचा में सूखापन आ सकता है, क्योंकि ठंडी हवा और कम नमी के कारण त्वचा को आवश्यक हाइड्रेशन बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। शिशुओं की त्वचा वयस्कों की तुलना में अधिक नाजुक और परिपक्व नहीं होती, जिससे यह समस्याएं और बढ़ जाती हैं। उनकी त्वचा की बाहरी परत, जो नमी को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होती है, पूरी तरह से विकसित नहीं होती। इस कारण, शिशु की त्वचा सर्दियों में शुष्क, पपड़ीदार और संवेदनशील हो सकती है। हालांकि, कुछ आसान उपायों से आप शिशु की त्वचा को सर्दी में भी हाइड्रेटेड और मुलायम बनाए रख सकते हैं।

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