Syria Civil War: कैसे शुरू हुआ यह गृह युद्ध ? क्या है सीरिया का सच ?
- Ashish
- December 8, 2024
सीरिया में विद्रोहियों ने आखिरकार राष्ट्रपति बशर अल-असद को देश छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया। पिछले कई सालों से चल रहे इस भीषण युद्ध में असद की सत्ता के खिलाफ लड़ रहे विद्रोहियों ने सीरिया की राजधानी दमिश्क समेत कई बड़े शहरों पर कब्जा कर लिया है। बताया जा रहा है कि हालात बिगड़ने पर राष्ट्रपति असद किसी अज्ञात स्थान पर चले गए हैं।
सरकार विरोधी प्रदर्शनों से शुरू हुई थी लड़ाई
मार्च 2011 में दक्षिणी सीरिया के शहर दारा में सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए थे। तब से यह लड़ाई जारी है। सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने कई सुधारों की मांग की थी और राष्ट्रपति बशर अल-असद से इस्तीफा देने को कहा था। लेकिन असद की सरकार ने इन प्रदर्शनों को बलपूर्वक कुचलने की कोशिश की, जिससे असंतोष बढ़ा और सरकार विरोधी प्रदर्शन सशस्त्र विद्रोह में बदल गए।
यह स्पष्ट है कि विद्रोही समूहों ने बशर अल-असद की सरकार के खिलाफ हथियार उठाए। इस बीच, 2014 में ISIS ने सीरिया और इराक के कई बड़े हिस्सों पर कब्जा कर लिया, जिससे यह युद्ध और जटिल हो गया। सरल भाषा में कहें तो सीरिया में चल रहा यह गृहयुद्ध 13 साल पहले शुरू हुआ था। यह असद के विरोधियों और सीरिया में चरमपंथी संगठनों के बीच की लड़ाई थी, लेकिन बाद में अमेरिका, ईरान और रूस जैसी अंतरराष्ट्रीय ताकतें भी इस युद्ध में शामिल हो गईं और यह एक खूनी संघर्ष बन गया। इस संघर्ष में अब तक 5 लाख से ज़्यादा सीरियाई नागरिक मारे जा चुके हैं और लाखों लोग अपने घरों से भाग गए हैं।
हयात तहरीर अल-शाम (HTS)
असद की सरकार के खिलाफ़ सशस्त्र आंदोलन चलाने वाले विपक्षी दलों में तीन संगठन सबसे अहम हैं। पहला है हयात तहरीर अल-शाम (HTS)। HTS की कमान अबू मोहम्मद अल-जोलानी के हाथ में है। जोलानी का साफ कहना है कि उसका मकसद असद की सरकार को उखाड़ फेंकना है।
HTS का गठन कैसे हुआ?
सीरियाई जिहादी लड़ाकों ने असद सरकार से लड़ने के लिए जबात अल-नुसरा फ्रंट का गठन किया था। यह संगठन अल-कायदा और आईएसआईएस से जुड़ा हुआ था। लेकिन 2016 में यह अलग हो गया और जबात फतेह अल-शाम (जेएफएस) बन गया। 2017 में जेएफएस ने कई अन्य संगठनों के साथ विलय करके एचटीएस का गठन किया। लेकिन एचटीएस के काम का फोकस अल-कायदा के वैश्विक जिहाद के उद्देश्य से अलग था। इसका एक उदाहरण यह है कि 2018 में अमेरिका ने इस संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया, लेकिन इसके नेता अल-जोलानी को निशाना बनाना बंद कर दिया।
सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एसडीएफ)
दूसरा समूह कुर्द मिलिशिया है, जिसे सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एसडीएफ) कहा जाता है। यह सीरिया में सीरियन अरब आर्मी (एसएए) के बाद सबसे शक्तिशाली समूह है। एसडीएफ कुर्द गठबंधन की सैन्य शाखा है। 2012 में एसएए से अलग होने के बाद, इसने सीरिया के उत्तरपूर्वी हिस्सों (देइर एज़-ज़ोर, रक्का, अलेप्पो) पर शासन किया है। सीरियाई सेना के साथ इसके रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं और कई बार इनके बीच लड़ाई भी हुई है। लेकिन इसका मुख्य दुश्मन आईएसआईएस और उससे जुड़े जिहादी संगठन रहे हैं। सीरिया में चल रहे इस गृहयुद्ध में एसडीएफ को सीरियाई सेना के साथ-साथ तुर्की समर्थित मिलिशिया और एचटीएस से भी खतरा है। एसडीएफ को एक समय अमेरिका से भी मदद मिल चुकी है।
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