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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विजयदशमी पर भुज में सैनिकों संग करेंगे शस्त्र पूजन

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विजयदशमी पर भुज में सैनिकों संग करेंगे शस्त्र पूजन

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विजयदशमी 2025 के अवसर पर गुजरात के भुज मिलिट्री स्टेशन का दौरा किया और भारतीय सेना के जवानों के साथ सैनिकों संग शस्त्र पूजन समारोह में हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने देश की सुरक्षा और सैनिकों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा केवल हथियारों पर निर्भर नहीं, बल्कि जवानों के हौसले, अनुशासन और निरंतर प्रशिक्षण पर आधारित है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी जवानों को विजयदशमी 2025 की शुभकामनाएं भी दीं।

 

भुज दौरे में सुरक्षा और प्रशिक्षण पर जोर


कच्छ दौरे पर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैनिकों से कहा कि वे नई तकनीकों को अपनाएं और प्रशिक्षण को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि आज के समय में देश को पारंपरिक युद्ध के साथ-साथ आतंकवाद, साइबर हमले, ड्रोन हमले और सूचना युद्ध जैसी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। सैनिकों संग शस्त्र पूजन के दौरान राजनाथ सिंह ने जवानों को हर स्थिति के लिए तैयार रहने और मनोबल बनाए रखने का संदेश दिया।

 

भुज और कच्छ की धरती का महत्व


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भुज और कच्छ की सीमाओं को केवल भौगोलिक क्षेत्र नहीं बल्कि वीरता और साहस की गाथा बताया। उन्होंने कहा कि चाहे 1971 का युद्ध हो या 1999 का करगिल युद्ध, कच्छ की सीमाओं ने हमेशा हमारे जवानों की बहादुरी देखी है। कच्छ दौरा कर रहे राजनाथ सिंह ने सैनिकों को याद दिलाया कि यही धरती भारत की सुरक्षा और रक्षा के लिए तैयार रहने की जिम्मेदारी सिखाती है।

 

ऑपरेशन सिंदूर और नई चुनौतियां


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने दौरे के दौरान हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इस अभियान में सेना, नौसेना, वायुसेना और सीमा सुरक्षा बल ने मिलकर उत्कृष्ट काम किया। उन्होंने जवानों को याद दिलाया कि विजयदशमी 2025 के मौके पर केवल शस्त्र पूजन ही नहीं, बल्कि रणनीति, तकनीक और अनुशासन के महत्व को समझना भी जरूरी है।

 

सैनिकों संग प्रत्यक्ष संवाद और बढ़खाना


भुज दौरे पर राजनाथ सिंह ने सैनिकों संग पारंपरिक बढ़खाना (सामूहिक भोजन) में भाग लिया और रात्रिभोज किया। इस दौरान उन्होंने जवानों को नई तकनीक अपनाने और प्रशिक्षण को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विजयदशमी 2025 का पर्व बुराई पर अच्छाई, असत्य पर सत्य और अन्याय पर धर्म की विजय का प्रतीक है।

 

नवीनतम तकनीक और मनोबल पर जोर


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि युद्ध केवल हथियारों से नहीं जीते जाते। उन्होंने जवानों को बताया कि मनोबल, अनुशासन और सतत तैयारी से ही चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारतीय सशस्त्र बल अपनी प्रतिबद्धता और साहस के साथ इन सभी चुनौतियों को अवसर में बदलेंगे।

 

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