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Nirmala Sitharaman : भारतीय वित्त मंत्री की वर्ल्ड बैंक से अपील, मध्यम आय वर्ग वाले देशों को होगा फायदा

Nirmala Sitharaman : भारतीय वित्त मंत्री की वर्ल्ड बैंक से अपील, मध्यम आय वर्ग वाले देशों को होगा फायदा

Nirmala Sitharaman : भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अमेरिका दौरे के दौरान विश्व बैंक (World Bank) की 2024 की वार्षिक बैठकों में "भविष्य के लिए तैयार विश्व बैंक समूह" पर विकास समिति के पूर्ण सत्र को संबोधित किया। सीतारमण ने संगठन के साथ अपनी वार्षिक बैठक के दौरान विश्व बैंक से अधिक किफायती और सस्ते ऋण देने का आह्वान किया।

 

वर्ल्ड बैंक से की मध्यम आय वाले देशों के लिए अधिक किफायती लोन की मांग

भारतीय वित्त मंत्रालय (Indian Finance Ministry) ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में इस बारे में जानकारी देते हुए लिखा कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने व्यापक भागीदारी को बढ़ावा देने, मध्यम आय वाले देशों को अधिक उधार लेने और विकास प्रभाव को गहरा करने के लिए अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण मॉडल के साथ अधिक किफायती लोन (Affordable Loan) की मांग की। वित्त मंत्री ने विश्व बैंक द्वारा वैश्विक सूचकांक (Global Index) और देश की तुलना तैयार करने में डेटा-संचालित, साक्ष्य-आधारित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने भारत की स्थिति की पुष्टि की कि विश्वव्यापी शासन संकेतक और नए प्रस्तावित बी-रेडी इंडेक्स जैसे सूचकांक वस्तुनिष्ठ डेटा पर आधारित होने चाहिए।

 

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व्यापक भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण का किया आह्वान

वित्त मंत्रालय ने कहा वित्त मंत्री सीतारमण ने भारत के इस रुख को दोहराया कि विश्वबैंक को वैश्विक सूचकांक और विश्वव्यापी गवर्नेंस संकेतक तथा नए बी-रेडी सूचकांक जैसे देशों के तुलनात्मक अध्ययन तैयार करते समय पूरी तरह साक्ष्य-आधारित तथा आंकड़ों पर आधारित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। सीतारमण ने विश्व बैंक से अपने ऋण मॉडल को और अधिक किफायती बनाने और मध्यम आय वाले देशों की व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर भी वर्ल्ड बैंक का ध्यान आकर्षित किया कि ऐसा दृष्टिकोण इन देशों को विश्व बैंक के साथ अधिक जुड़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है, जिससे बैंक के कार्यक्रमों का विकास प्रभाव बढ़ सकता है।

 

वित्त मंत्री ने बहुपक्षीय विकास बैंकों के इतिहास पर भी की बात

बहुपक्षीय विकास बैंकों के इतिहास पर विचार करते हुए सीतारमण ने 1944 के ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में इन संस्थाओं की नींव को आकार देने में ग्लोबल साउथ की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने समावेशी, वैश्विक विकास ढांचा स्थापित करने के लिए विश्व बैंक की निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में विविध दृष्टिकोणों को शामिल करने के महत्व पर बल दिया। अपनी सिफारिशों के हिस्से के रूप में सीतारमण ने विश्व बैंक को डिजिटल समावेशन और टिकाऊ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में ग्लोबल साउथ के परिवर्तनकारी अनुभवों से लाभ उठाकर नवाचारों के दो-तरफ़ा आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं के सामने बढ़ती वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और बढ़ती विकास संबंधी जरूरतों के कारण, नए और रियायती दोनों तरह के वित्तपोषण की तत्काल आवश्यकता है।

सीतारमण ने जताई भविष्य के लिए तैयार विश्वबैंक की उम्मीद

वित्त मंत्री सीतारमण ने तर्क दिया कि ऐसे संसाधन, कई विकासशील देशों के सामने मौजूद आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने में मदद करेंगे। सीतारमण ने एक ऐसे "भविष्य के लिए तैयार" विश्व बैंक की भी उम्मीद जताई, जो प्रमुख वैश्विक प्राथमिकताओं को संबोधित करने, विभिन्न क्षेत्रों को सशक्त बनाने और साझेदारी को बढ़ावा देने में सक्षम हो। उन्होंने विश्व बैंक से 2030 और उसके बाद के लिए सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को पूरा करने की दिशा में सक्रिय कदम उठाने और वैश्विक प्रगति में तेजी लाने में मदद करने के लिए अपनी नीतियों को संरेखित करने का आह्वान किया।

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